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राजनीतिडेनमार्क

डेनमार्क: भारत रूस को युद्ध खत्म करने के लिए प्रेरित करे

४ मई २०२२

डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस को प्रभावित करने का आग्रह किया है. मोदी अपनी तीन दिवसीय यूरोप यात्रा के दौरान मंगलवार को डेनमार्क पहुंचे.

 डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिक्सन के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिक्सन के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीतस्वीर: Johan Nilsson/TT/picture alliance

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिक्सन के साथ व्यापारिक और द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की. इसके बाद कोपेनहेगन के अमलीनबोर्ग पैलेस में मोदी ने डेनमार्क की महारानी मार्ग्रेथ द्वितीय से मुलाकात की.

फ्रेडेरिक्सन ने मोदी से यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस को प्रभावित करने की कोशिश का आग्रह किया. फ्रेडेरिक्सन ने कहा, "पुतिन को इस युद्ध को रोकना होगा." उन्होंने आगे कहा, "मुझे उम्मीद है कि भारत रूस को प्रभावित करेगा." तीन दिन के यूरोप दौरे पर गए मोदी मंगलवार डेनमार्क पहुंचे थे.

24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से पिछले दो महीनों में किसी भी यूरोपीय नेता द्वारा यह ठोस और व्यक्त की गई सबसे स्पष्ट अपेक्षाओं में से एक है. डेनमार्क की पीएम ने यूक्रेन पर "गैरकानूनी और अकारण" हमले की निंदा करते हुए कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनका संदेश "बहुत स्पष्ट" है कि उन्हें "इस युद्ध को रोकना" और "हत्याओं को समाप्त करना" होगा.

डेनमार्क की पीएम का यह बयान द्विपक्षीय बैठक के बाद आया. फ्रेडेरिक्सन के बयान के वक्त मोदी उनके बगल में ही खड़े थे. दोनों नेताओं ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा की और बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान का आह्वान किया.

गौरतलब है भारत ने कई बार यूक्रेन युद्ध और हिंसा को खत्म करने की और बातचीत करने की अपील की है, लेकिन रूस की आलोचना करने में पश्चिम का साथ नहीं दिया है. अमेरिका और यूरोपीय देश लगातार भारत पर रूस से दूरी बनाने का दबाव बना रहे हैं, लेकिन भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.

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भारत-डेनमार्क के बीच नौ समझौते

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी डेनिश समकक्ष फ्रेडेरिक्सन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से और बाद में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताएं कीं. दोनों देशों ने नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इनमें बंदरगाह, प्रवासन व गतिशीलता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, जल शक्ति, कौशल विकास, व्यावसायिक शिक्षा और उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग, पशुपालन, डेयरी और ऊर्जा नीति आदि शामिल हैं.

मोदी ने दोनों अर्थव्यवस्थाओं के पूरक कौशल पर जोर दिया और डेनमार्क की कंपनियों को हरित प्रौद्योगिकियों, कोल्ड चेन, कचरे से सम्पत्ति निर्माण, शिपिंग और बंदरगाह जैसे क्षेत्रों में भारत में मौजूद अपार संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया.

मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि विभिन्न क्षेत्रों में, खास तौर से नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, बंदरगाह, शिपिंग, सर्कुलर इकोनामी और जल प्रबंधन के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. उन्होंने कहा 200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं-जैसे पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, खाद्य प्रसंस्करण, इंजीनियरिंग ऐसे कई क्षेत्र हैं. मोदी ने कहा इन्हें भारत में बढ़ते इज ऑफ डुइंग बिजनेस और हमारे व्यापक आर्थिक सुधार का लाभ मिल रहा है.

मोदी ने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और ग्रीन इंडस्ट्रीज में डेनिश कंपनियों और डेनिश पेंशन फंडों को निवेश के लिए आमंत्रण दिया.

बुधवार को मोदी डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां वे 2018 में हुए पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से हुए सहयोग की समीक्षा करेंगे.

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