रूस के साथ सीमा सील करता पोलैंड
२ नवम्बर २०२२पोलैंड के रक्षा मंत्री मारिउत्स ब्लासजाक के मुताबिक दो नंबवर 2022 से पोलिश-रूसी सीमा पर अस्थायी बैरियर बनाने का काम शुरू हो रहा है. ढाई मीटर ऊंची और तीन मीटर मोटी ये दीवार रूसी एक्सक्लेव कालिनिनग्राद को पोलैंड से अलग करेगी. पोलैंड के मुताबिक निर्माण कार्य 2023 खत्म होने तक पूरा कर लिया जाएगा.
पोलैंड के अधिकारियों को शक है कि रूस यूरोपीय संघ को अस्थिर करने के लिए शरणार्थी संकट को बढ़ावा दे रहा है. यूक्रेन युद्ध के बीच मॉस्को गैरकानूनी तरीके से एशियाई और अफ्रीकी नागरिकों को यूरोपीय संघ में घुसाने की कोशिश कर रहा है. रूस ने हाल ही में मध्यपूर्व और उत्तरी अफ्रीका से कालिनिनग्राद की कई उड़ानें शुरू की हैं.
बेलारूस से लगी सीमा पर दीवार बनाएगा लिथुआनिया
हालांकि पोलिश बॉर्डर गार्ड की प्रवक्ता आना मिषालस्का कहती हैं, "पोलिश-रशियन बॉर्डर स्थित और शांत है. सीमा पर कोई गैरकानूनी क्रॉसिंग नहीं हो रही है." मिषालस्का के मुताबिक इस बॉर्डर पर वे पोलैंड और बेलारूस की सीमा जैसे हालातों से निपटने में सक्षम हैं.
पोलैंड और बेलारूस की सीमा पर क्या हुआ
2021 में पोलैंड और बेलारूस के बीच अवैध घुसपैठ को लेकर खूब विवाद हुआ. पोलैंड ने आरोप लगाया कि बेलारूस की सेना जानबूझकर हजारों अफ्रीकी और मध्यपूर्वी आप्रवासियों को उनकी सीमा में घुसा रही है. पोलैंड और यूरोपीय संघ ने रूस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बेलारूस की आड़ में आप्रवासियों के सहारे यूरोप को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. इसे हाइब्रिड वॉरभी कहा गया.
मानवाधिकार संगठन पोलैंड के बॉर्डर गार्ड्स पर बल प्रयोग करने का आरोप लगाते हैं. गैर लाभकारी संगठन डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के मुताबिक, इस हिंसक कार्रवाई में कम से कम 21 आप्रवासी मारे गए.
पोलैंड की दक्षिणपंथी सरकार इस मुद्दे पर खूब राजनीति भी करती हैं. मानवाधिकार संगठन पोलैंड और हंगरी पर शरणार्थियों को नस्लीय चश्मे से देखने का आरोप भी लगाते हैं. अफ्रीका और मध्यपूर्व के हिंसाग्रस्त इलाकों से आने वाले लोगों के साथ उनका व्यवहार अलग होता है और यूक्रेन से आए लोगों के साथ अलग. ऐसी तमाम चिंताओं के बावजूद जून 2022 में पोलैंड ने बेलारूस के साथ अपनी पूरी सीमा सील कर दी.
ओएसजे/एनआर (एपी, रॉयटर्स)