पोलैंड ने जर्मनी से अपना कूड़ा वापस ले जाने को कहा
२७ जुलाई २०२३
पोलैंड की सरकार का कहना है कि जर्मनी गैरकानूनी तरीके से अपना कूड़ा उसके यहां भेज रहा है जिसकी शिकायत यूरोपियन कमीशन में की जाएगी.
पोलैंड सरकार कह रही है कि जर्मनी से गैरकानूनी तरीके से आने वाला कूड़ा उसे ले जाना होगातस्वीर: Police_Handout/dpa/picture-alliance
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पोलैंड की पर्यावरण और जलवायु मंत्री ऐना मोस्क्वा ने कहा है कि यह शिकायत यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस में कार्रवाई की तरफ पहला कदम होगा. कमीशन ने कहा है कि उसे इस बात की जानकारी है कि पोलैंड इस तरह की शिकायत करने जा रहा है लेकिन औपचारिक तौर पर कोई चिट्ठी नहीं मिली है. पर्यावरण मंत्री के मुताबिक जर्मनी से गैरकानूनी तरीके से आया 35,000 टन कूड़ा पोलैंड के सात कचरा क्षेत्रों में रखा गया है. उन्होने कहा, जर्मनी के बेहद साफ जर्मन सरकार को यह वापस लेना चाहिए.
क्या बोली जर्मन सरकार
जर्मनी का कहना है कि वह भी कूड़े के गैरकानूनी निर्यात को लेकर चिंतित है. हालांकि पर्यावरण मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि यह जिम्मेदारी संघीय सरकार की नहीं बल्कि जर्मनी के राज्यों की है. राज्य प्रशासन इन दिक्कतों के बारे में जानते हैं और देश की सरकार को भी मालूम है कि पोलैंड संपर्क में है. यह भी पता चला है कि गलत तरीके से पोलैंड पहुंचाए गए कूड़े को वापस भी भेजा गया है.
विश्लेषकों का कहना है कि पोलैंड की सरकार इस वक्त यह मुद्दा राजनीतिक फायदे के लिए उठा रही है क्योंकि वहां संसदीय चुनाव होने जा रहे हैं. देश में सत्ताधारी लॉ ऐंड जस्टिस पार्टी जर्मनी के खिलाफ भावनाओं को उभार कर अपने लिए समर्थन जुटाना चाहती है.
कभी विमान में नहीं चढ़ा, कूड़े से बना दिया विमान
नाइजीरिया के बोलाजी फताई ने अपनी जिंदगी में कभी विमान में सफर नहीं किया है. लेकिन यह कारण उन्हें एक रिमोट कंट्रोल मॉडल एयरक्राफ्ट बनाने से रोक नहीं पाया. देखिए, कैसा है फताई का यह कचरे से बना विमान.
तस्वीर: Seun Sanni/REUTERS
बोलाजी फताई का आसमान में ड्रीम प्लेन
नाइजीरिया के बोलाजी फताई जब सात साल के थे तब वे आसमान में विमान को उड़ता देख बहुत खुश हुआ करते थे. बचपन से ही उन्होंने कचरे के ढेर से चीजें इकट्ठा कर कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम करना शुरू किया.
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कूड़े के ढेर से बना डाला विमान
उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की. कूड़े के ढेर से उन्होंने ऐसे सामान जुटाए जिससे एक रिमोट कंट्रोल मॉडल विमान तैयार हुआ.
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खिलौना नहीं, 'असली' विमान
नाइजीरिया के लागोस के एक गरीब इलाके के रहने वाले फताई ने अपने इस विमान को बनाने के लिए कचरे से छोटी-छोटी चीजों को निकालना शुरू किया और 21 साल की उम्र तक नहीं रुके.
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दोस्तों की मदद
फताई जानते थे कि कचरे से विमान के पुर्जे बनाने के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली सामग्री को इकट्ठा करने से सफलता नहीं मिलेगी. वह समझ गए थे कि हवाई जहाज बनाने से पहले एक मॉडल बनाना होगा तो वह मॉडल कौन बनाएगा? फताई के दो दोस्तों क्रिस चिनडू और दामिलारे अजावी ने वह जिम्मेदारी संभाली उनके बनाए मॉडल को पाकर फताई ने काम पूरा करने में देर नहीं लगाई.
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रिमोट से चलने वाला विमान
इस विमान को बनाने के लिए फताई ने कुछ चीजें कबाड़ से निकाली जबकि प्रोपेलर और रिमोट कंट्रोल को उन्होंने बाजार से खरीदा. उन्होंने विमान के पंख और पिछले हिस्से को स्टायरोफोम से बनाया और उसे टेप से जोड़ दिया.
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सपनों की ऊंची उड़ान
सात साल की उम्र में सपने देखने वाले बोलाजी फताई अब 21 साल के हो चुके हैं. करीब 14 साल बाद उनका सपना साकार हुआ है. जब उन्होंने अपना खुद का विमान आसमान में उड़ाया तो इलाके के लोगों ने भी हैरत से उसे देखा.
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फताई: भविष्य के एरोनॉटिकल इंजीनियर
बोलाजी फताई ने हवाई जहाज बनाने के अलावा एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने का भी सपना देखा है, उस सपने को पूरा करने का अवसर अब करीब है. विमान बनाकर सबको चकित कर रहे इस युवा को एक टेक कंपनी ने इंटर्नशिप की पेशकश की है.
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देश के लिए कुछ करने की चाह
फताई कहते हैं, "जैसा कि हमारा देश एक विकासशील देश है, इसलिए मैं उन लोगों का हिस्सा बनने की उम्मीद करता हूं जो इस ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करके देश को विकसित करेंगे."
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कूड़े की कहानी
पोलैंड में विदेशी कूड़ा कई सालों से एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है. कूड़े को सुरक्षित तरीके से फेंकने के लिए पोलैंड की कंपनियां विदेशी फर्मों के साथ करार करती हैं लेकिन कुछ मामलों में शॉर्ट कट अपनाये जाते हैं. कूड़े को अनाधिकृत जगहों पर डाल दिया जाता है जिससे छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय होता है उसे जला देना. पिछले हफ्ते इसी तरह की एक साइट पर 5,000 टन रासायनिक कूड़ा जलाया गया. इस तरह जलाए गए कूड़े से निकलने वाला जहरीला धुआं लोगों की चिंता की वजह बना हुआ है.
पोलिश कानून के तहत इस तरह जहरीले पदार्थों वाला कूड़ा गैरकानूनी तरीके से देश के अंदर लाने और उसे कहीं फेंक देने के मामले में 10 साल की सजा हो सकती है. सत्ताधारी पार्टी इस तरह की गतिविधियों के लिए विपक्ष की नीतियों को जिम्मेदार बताती है जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार कचरा क्षेत्रों का ठीक ढंग से प्रबंधन नहीं करती है.
एसबी/एनआर(डीपीए)
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