केरल के एक ही जिले में 12 घंटों के अंदर एसडीपीआई और बीजेपी के दो नेताओं की हत्या कर दी गई. हत्याओं के बाद पूरे जिले में तनाव के बीच धारा 144 लगा दी गई है.
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सबसे पहले शनिवार शाम को एसडीपीआई नेता केएस शान की सड़क पर हत्या की गई. 38 वर्षीय शान अपने घर जा रहे थे तभी रास्ते में एक गाड़ी ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. फिर उसी गाड़ी में से चार लोग उतरे, शान पर चाकू से कई बार वार किया और उसी गाड़ी में सवार होकर वहां से भाग गए.
शान ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया. अगली सुबह कुछ लोगों ने राज्य में बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के सचिव रंजीत श्रीनिवासन के घर में घुस कर उनकी मां, उनकी पत्नी और उनकी बेटी के सामने उनकी हत्या कर दी.
आरोप और प्रत्यारोप
पुलिस दोनों हत्याओं की जांच कर रही है लेकिन अभी तक विस्तृत जानकारी जारी नहीं की है. करीब 50 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है, जिनमें से अधिकांश बीजेपी, आरएसएस और एसडीपीआई के कार्यकर्ता हैं.
आलपुर्रा जिले में इस समय धारा 144 लागू है. केरल में बीजेपी के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने सीधे सीधे श्रीनिवासन की हत्या का आरोप पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर लगाया. एसडीपीआई पीएफआई का ही राजनीतिक संगठन है.
साथ ही सुरेंद्रन ने शान की हत्या के पीछे आरएसएस और बीजेपी की कोई भी भूमिका होने से इनकार किया है. एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी ने शान की हत्या का आरोप आरएसएस पर लगाया है.
कौन है जिम्मेदार
केरल में इस तरह की राजनीतिक हत्याओं का एक लंबा इतिहास है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 15 सालों में राज्य में 125 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं, जिनमें लगभग बराबर की संख्या में आरएसएस और सीपीएम के कार्यकर्ता मारे गए हैं.
आज तक इन हत्याओं की संस्थागत रूप से ना जांच हो पाई है और ना किसी को सजा दी गई है. 2009 में एसडीपीआई की स्थापना के बाद इस पार्टी के कार्यकर्ता भी इस हिंसा की जद में आने लगे. बाद में उन पर भी इस हिंसा में शामिल होने के आरोप लगने लगे.
2014 में केरल सरकार ने केरल हाई कोर्ट को एक हलफनामे में बताया था कि पीएफआई और उससे जुड़े एक और संगठन एनडीएफ के कार्यकर्ताओं को 27 हत्याओं, 86 हत्या की कोशिश के मामलों और सांप्रदायिक हिंसा के 106 दूसरे मामलों में शामिल पाया गया.
इन नेताओं को खानी पड़ी जेल की हवा
चारा घोटाले मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को जेल की सजा हुई. पी. चिदंबरम आईएनएक्स मामले में तिहाड़ गए. एक नजर उन नेताओं पर जिन्हें जेल जाना पड़ा.
तस्वीर: imago/Hindustan Times
पी. चिदंबरम
कांग्रेस की सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी हैं. उन्हें इस मामले में तिहाड़ भेजा गया.
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लालू यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को चारा घोटाले के तीन मामले में अब तक दोषी ठहराने के साथ ही सजा सुनाई जा चुकी है. फिलहाल वे झारखंड की जेल में बंद हैं.
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सुखराम
हाल के दशकों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम पहले राजनेता थे जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला उछला और उन्हें जेल जाना पड़ा.
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जे जयललिता
रंगीन टेलिविजन खरीद घोटाले में आरोपी के तौर पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जे जयललिता को गिरफ्तार किया गया.
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एम करुणानिधि
तमिलनाडु में ओवरब्रिज घोटाले में उनके शामिल होने के आरोप में उन्हें तब गिरफ्तार किया गया जब वो विपक्ष में थे.
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शिबू सोरेन
शिबू सोरेन को अपने सहयोगी शशिकांत झा की हत्या के सिलसिले में दोषी करार दिया गया. उनके खिलाफ नरसिम्हा राव की सरकार को बचाने के लिए घूस लेकर वोट देने का मामले में भी उन्हें कोर्ट ने दोषी करार दिया.
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बंगारु लक्ष्मण
बीजेपी के अध्यक्ष रहे बंगारु लक्ष्मण को तहलका स्टिंग ऑपरेशन में पैसे लेते हुए दिखाने के बाद ना सिर्फ पार्टी प्रमुख का पद छोड़ना पड़ा बल्कि उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत ने चार साल के सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई.
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अमर मणि त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश के नौतनवा से चार बार विधायक रहे अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के लिए दोषी करार दिया गया.
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मोहम्मद शहाबुद्दीन
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले मोहम्मद शहाबुद्दीन पर हत्या और जबरन वसूली के दर्जनों मामले चल रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल के नेता और सांसद रहे शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहाई मिली थी लेकिन जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर दी.
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अमित शाह
सोहराबुद्दीन शेख और उनकी पत्नी के एनकाउंटर मामले में अमित शाह को ना सिर्फ गिरफ्तार किया गया बल्कि उन्हें गुजरात से तड़ीपार भी कर दिया गया. दो साल तक बाहर रहने के बाद उन्हें अदालत से राहत मिली.
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ए राजा
यूपीए की सरकार में मंत्री रहे ए राजा को भी टेलिकॉम घोटाले में ही जेल जाना पड़ा था लेकिन फिलहाल उन्हें भी अदालत ने बरी कर दिया है.
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माया कोडनानी
2002 में गुजरात के दंगों के दौरान लोगों को भड़काने और उन्हें हिंसा के लिए उकसाने का दोषी करार दिया गया. गुजरात सरकार में मंत्री और पेशे से डॉक्टर रहीं कोडनानी को आखिरकार जेल जाना पड़ा.
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कनीमोझी
करुणानिधि की बेटी कनीमोझी को 2जी घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
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ओमप्रकाश चौटाला
हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को टीचर भर्ती घोटाला में दोषी करार दिया गया. जिसके कारण उन्हें जेल में रहना पड़ा.
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सुरेश कलमाड़ी
दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों में कांग्रेस नेता सुरेश कलमाड़ी जेल गए.
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मधु कोड़ा
मधु कोड़ा पर झारखंड के मुख्यमंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति जुटाने का केस चला. इनमें से एक मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया और तीन साल की सजा दी गई.