कोरोना की 10 करोड़ वैक्सीन लेने से ही किया इनकार
१४ जनवरी २०२२![Pfizer-BioNTech Impfstoff gegen das Corona-Virus](https://static.dw.com/image/60393920_800.webp)
दुनिया के कुछ गरीब देशों ने पिछले महीने कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ से ज्यादा खुराक लेने से इनकार कर दिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर को टीके उपलब्ध कराने के लिए 'कोवैक्स' कार्यक्रम चलाया हुआ है और इसी के तहत इन गरीब देशों को कोविड वैक्सीन मुहैया कराई जानी थी. ध्यान देने वाली बात यह है कि इसी दौरान दुनिया के कई देश अपनी आबादी को तीसरा और चौथा टीका उपलब्ध करा रहे हैं.
गुरुवार को यूनिसेफ के एक अधिकारी ने बताया कि इन देशों को पहुंचाई जाने वाली इन वैक्सीन की वैधता जल्द ही समाप्त हो जानी थी, जिसकी वजह से कुछ देशों ने इन्हें लेने से इनकार कर दिया. संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ में आपूर्ति शाखा की डायरेक्टर एटलेवा कडीली ने बताया, "गरीब देशों में टीकों के रख-रखाव की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है और फ्रिज भी कम हैं, जिसकी वजह से वे यह कदम उठाने को मजबूर हुए."
ये आंकड़े बताते हैं कि दुनियाभर में टीकों की आपूर्ति तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन पूरी दुनिया को वैक्सीन लगाने की राह में अभी कई रोड़े हैं. कोवैक्स का मकसद करीब 150 देशों को एक अरब टीके उपलब्ध कराना है. हालांकि, इन देशों में अभी तक कितने टीके लेने से इनकार किया गया है, इसे लेकर यूनिसेफ ने कोई जवाब नहीं दिया है. एक मसला यह भी है कि अमीर देशों के मुकाबले इन देशों में टीके की आपूर्ति देरी से, लेकिन अचानक हो गई.
बाइडन के सामने सुप्रीम कोर्ट की चुनौती
अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रपति जो बाइडन के उस फैसले को रोक दिया है, जिसमें बाइडन ने बड़े व्यापारों के लिए या तो वैक्सीन लगवाने वरना टेस्ट कराने की नीति का एलान किया था. अमेरिका में कोरोना की चुनौती को देखते हुए बाइडन ने फैसला लिया था, जिन कंपनियों में 100 या इससे ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनके लिए टीकाकरण अनिवार्य होगा और टीका न लगवाने वालों को हर हफ्ते नेगेटिव रिपोर्ट जमा करनी होगी.
इन नियमों का पालन न करने की सूरत में कंपनियों पर जुर्माने की संभावना भी बन रही थी. ऐसे में 26 व्यापार संघों के एक संगठन OSHA इस मुद्दे को अदालत ले गया. सुप्रीम कोर्ट में छह कंजर्वेटिव और तीन लिबरल जज हैं, जिनमें सभी को टीका और बूस्टर डोज लगाए गए हैं. लिबरल जज तो बाइडन के फैसले के समर्थन में थे, लेकिन कंजरवेटिव जजों ने बाइडन के फैसले पर आपत्ति जताई. हालांकि, उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मियों के टीकाकरण की बात कही है.
शंगाई ने लगाई पर्यटन पर रोक
पूर्वी चीन में बड़े आर्थिक केंद्र शंगाई ने कोरोना संक्रमण फैलने के डर से शुक्रवार को पर्यटन संबंधी गतिविधियों पर रोक लगा दी है. गुरुवार को यहां कोरोना संक्रमण के पांच नए मामले मिले थे, जो इससे पहले बाहर से आए लोगों से जुड़े पाए गए. फिर शंगाई के पर्यटन और संस्कृति प्राधिकरण ने ट्रैवल एजेंसियों और ऑनलाइन पर्यटन कंपनियों से कहा है कि वे अन्य राज्यों और बाहर से लोगों को घुमाने के लिए न लाएं.
वहीं चीन की एंडन हेल्थ कंपनी ने जानकारी दी है कि इसने अमेरिका की आर्मी कॉन्ट्रैक्टिंग कमांड के साथ 1.28 अरब डॉलर कीमत का एक समझौता किया है. समझौते के तहत चीनी कंपनी अमेरिका में खुद घर में ही कोविड टेस्ट करने वाली किट मुहैया कराएगी. कंपनी 25 करोड़ लोगों के काम आने लायक किट उपलब्ध कराएगी. वहीं अमेरिकी संस्था ने देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस समझौते पर दस्तखत किए हैं.
वीएस/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)