एक कॉमेडी कलाकार का अपने देश में सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचना साधारण घटना नहीं थी. लेकिन यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यह शख्स देश के साथ ही दुनिया भर के लिए एक मजबूत राजनेता बन गया है.
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एक अभिनेता और एक राजनीतिक व्यंग्यकार ने अपना पेशा बदल कर देश के सर्वोच्च पद का उम्मीदवार बनने की हिम्मत दिखाई. यह बिल्कुल अकल्पनीय था लेकिन फिर भी इस शख्स के पास कुछ था जिसकी ज्यादातर राजनेताओं के पास कमी थी. कोई ऐसी चीज जिसने उसका कद बढ़ा कर चमका दिया, खासतौर से संकट के दौर में. यह चीज है उसका संवाद. वोलोदिमीर जेलेंस्की के कहे बहुत सारे वाक्य आने वाले सालों में याद रहेंगे, और अंत में वो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज कर लिए जाएंगे.
12 जून 1987 को बर्लिन के ब्रांडेनबुर्ग गेट पर हॉलीवुड के पूर्व अभिनेता रोनल्ड रीगन ने कुछ शब्द कहे थे, तब रीगन को अमेरिका का राष्ट्रपति बने सात साल हो चुके थे. रीगने के कहे वे शब्द थे, "मि. गोर्बाचोव इस गेट को खोलिए... इस दीवार को गिरा दीजिए." तब से लेकर आज तक इन शब्दों को ना जाने कितनी बार दोहराया गया है और यूरोप के इतिहास में ये शब्द हमेशा हमेशा याद रखे जाएंगे.
तकरीबन 45 साल बाद इसी तरह मनोरंजन की दुनिया से राजनीति में आया एक शख्स अपने देशवासियों को वीडियो संदेशों में बतौर राष्ट्रीय नेता कह रहा है, "आजाद लोग! आजाद देश!"
जेलेंस्की कहते हैं, "हम यूक्रेनवासी एक शांतिपूर्ण राष्ट्र हैं लेकिन अगर आज हम चुप रहे तो कल खत्म हो जाएंगे." वह विदेशों से मदद मिलने में हो रही कमी की कठोरता से आलोचना करते हैं, "हमें जंगविरोधी गठबंधन की जरूरत है. हम अपने देश की रक्षा अकेले कर रहे हैं. दुनिया की सबसे बड़ी ताकतें बस देख रही हैं."
'लोगों के सेवक' से यूक्रेन के राष्ट्रपति तक
रोनाल्ड रीगन की 18 साल पहले मौत हो गई, लेकिन आज भी अमेरिका में लोग उन्हें बड़ी शिद्दत से याद करते हैं, उनके लिए व्यवहारिक रूप में किसी संत जैसे थे. जेलेंस्की यूक्रेन में अपने लिए वही दर्जा बना रहे हैं. हालांकि अभी यह पूरी तरह साफ नहीं है कि आने वाले दिनों या हफ्तों में क्या होगा. रूस में ऐसी खबरें चल रही हैं कि रूस उन्हें मार देना चाहता है. जेलेंस्की ने खुद भी माना है कि रूसी हमलों का एक निशाना वो खुद हैं और रूस उन्हें हटा देना चाहता है. जेलेंस्की का यह भी कहना है कि दुश्मन ने उन्हें सबसे पहला लक्ष्य माना है.
रूस-यूक्रेन युद्ध में कौन सा देश किसके साथ है
रूस कई फ्रंट से यूक्रेन पर हमला कर रहा है. हवाई बमबारियों के अलावा यूक्रेन पर क्रूज और बलिस्टिक मिसाइल भी दागे जाने की खबर है. पुतिन ने यूक्रेन की सेना से समर्पण करने को कहा है.
तस्वीर: Anatolii Stepanov/AFP
अमेरिका
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि दुनिया की प्रार्थना यूक्रेनी जनता के साथ है. उन्होंने रूस को चेताया, "राष्ट्रपति पुतिन ने जानबूझकर युद्ध शुरू किया है. इसके चलते होने वाली मौतों और बर्बादी का जिम्मेदार केवल रूस होगा. अमेरिका और साथी देश संगठित होकर मजबूती से इसका जवाब देंगे. पूरी दुनिया रूस को जिम्मेदार मानेगी."
तस्वीर: Alex Brandon/AP Photo/picture alliance
जर्मनी
चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा, "24 फरवरी की यह तारीख यूक्रेन के लिए भीषण और यूरोप के लिए मायूस करने वाली है. हम रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाएंगे, ताकि रूसी नेतृत्व के आगे साफ हो जाए कि उन्हें इस हमले की बड़ी कीमत चुकानी होगी. पुतिन ने यह युद्ध शुरू करके गंभीर चूक की है. जर्मनी नाटो की प्रतिबद्धताओं के साथ खड़ा है."
तस्वीर: Michael Kappeler/Pool via REUTERS
ब्रिटेन
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, "यूक्रेन में हो रही भीषण घटनाओं से मैं स्तब्ध हूं. आगे क्या करना है, इसपर मैंने राष्ट्रपति जेलेन्स्की से बात की है. बिना किसी उकसावे के यूक्रेन पर हमला करके राष्ट्रपति पुतिन ने खूनखराबे और बर्बादी का रास्ता चुना है. ब्रिटेन और हमारे सहयोगी डटकर इसका जवाब देंगे."
तस्वीर: Matt Dunham/AP Photo/picture alliance
फ्रांस
राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद एक आपातकालीन बैठक बुलाई. इस मुद्दे पर राष्ट्र के नाम उनका एक संदेश टीवी पर भी प्रसारित हुआ. इसमें माक्रों ने कहा, "फ्रांस, यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा." फ्रेंच विदेश मंत्री जॉं ईव लु द्रियॉं ने भी कहा कि फ्रांस, हर तरह से यूक्रेन को समर्थन देगा.
तस्वीर: John Thys/AP/picture alliance
चीन
चीन ने यूक्रेन पर किए गए रूसी हमले को 'आक्रमण' कहे जाने का विरोध किया है. विदेश मंत्री वांग यी ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को फोन भी किया. इसमें उन्होंने कहा कि चीन समझता है कि यूक्रेन मामले का अपना एक जटिल इतिहास है. उन्होंने लावरोव से यह भी कहा कि चीन सुरक्षा से जुड़ी रूस की जायज चिंताओं को भी समझता है.
तस्वीर: Keith Tsuji/ZUMA/picture alliance
कनाडा
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने रूसी हमले की निंदा की. उन्होंने कहा कि रूस को इस आक्रामकता की सजा मिलेगी. ट्रूडो बोले, "बिना किसी उकसावे के किया गया यह हमला यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है. हम रूस से अपील करते हैं कि वह अपनी सेना और प्रॉक्सी फोर्स को यूक्रेन से निकाल ले."
तस्वीर: Adrian Wyld/empics/picture alliance
तुर्की
राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन ने हमले की निंदा की. टीवी पर प्रसारित अपने भाषण में एर्दोआन ने कहा, "हम यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करना जारी रखेंगे." एर्दोआन ने यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन, दोनों से तुर्की के करीबी संबंध हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच संघर्ष देखकर उन्हें बहुत निराशा हो रही है.
तस्वीर: Irina Yakovleva/ITAR-TASS/imago images
भारत
इस मामले पर अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान नहीं आया है. मगर यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी में भारत का रुख स्पष्ट किया. उन्होंने मौजूदा घटनाक्रम पर दुख जताते हुए तनाव को तत्काल घटाने की अपील की. यह भी कहा कि सभी संबंधित पक्षों की जायज सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
तस्वीर: Amit Dave/REUTERS
दक्षिण कोरिया
राष्ट्रपति मून जे-इन ने कहा कि उनका देश रूस पर लगाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों का साथ देगा. राष्ट्रपति आवास ने एक बयान जारी कर कहा, "यूक्रेन की आजादी, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रहनी चाहिए. ताकत का इस्तेमाल करके निर्दोषों को नुकसान पहुंचाने का किसी हाल में समर्थन नहीं किया जा सकता है."
तस्वीर: Yonhap/REUTERS
ईरान
विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दोल्लाहियां ने एक ट्वीट में लिखा कि ईरान समस्या सुलझाने के लिए युद्ध का सहारा लेने में यकीन नहीं करता है. ईरान ने नाटो के उकसावे को यूक्रेन संकट की जड़ बताते हुए राजनैतिक और कूटनीतिक समाधान की अपील की.
तस्वीर: Michael Gruber/AP Photo/picture alliance
इटली
इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने कहा कि सारे सहयोगी एकजुट हैं. यूक्रेन की संप्रभुता, यूरोपीय सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और साझा मूल्य बनाए रखने के लिए जो भी करना पड़े, वे साथ मिलकर करेंगे. पीएम द्रागी ने यह भी कहा कि समय आ गया है कि यूरोपीय संघ रूस पर बेहद सख्त प्रतिबंध लगाए.
तस्वीर: ALBERTO PIZZOLI/AFP
हंगरी
प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने कहा कि यूरोपीय संघ और नाटो के अपने साथियों के साथ मिलकर हंगरी भी रूस के हमले की निंदा करता है. उन्होंने यह भी कहा कि हंगरी के लिए अपने लोगों की सुरक्षा सबसे जरूरी है. इसीलिए इस सैन्य संघर्ष से बाहर रहते हुए वह यूक्रेन को मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है.
तस्वीर: Tamas Kovacs/MTI via AP/picture alliance
ग्रीस
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद ग्रीस ने अपनी सेना और एनर्जी स्टाफ की आपातकालीन बैठक बुलाई. इसमें प्रधानमंत्री किरयेकोस मित्सोताइकिस ने रूसी हमले की निंदा की. राष्ट्रपति कैटरीना सैकलारापुलू ने भी कहा कि एक आजाद देश पर किए गए रूसी हमले की वह कड़ी निंदा करती हैं.
तस्वीर: Ludovic Marin/AFP/AP/picture alliance
इस्राएल
इस्राएल ने रूसी हमले को अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन बताया. विदेश मंत्री याइर लैपिड ने रूस की निंदा करते हुए यह भी कहा कि इस्राएल के रूस और यूक्रेन, दोनों के साथ अच्छे रिश्ते हैं. उन्होंने दोनों देशों में रहने वाले यहूदियों की भी बात की. कहा कि उनकी सुरक्षा इस्राएल के लिए अहम है.
तस्वीर: Jalal Morchidi/AA/picture alliance
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कुछ साल पहले तक जेलेंस्की एक अभिनेता थे और लोगों का मनोरंजन करते थे. उन्होंने यूक्रेन में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को अपनी व्यंग्य की प्रस्तुतियों का विषय बनाया. 'सर्वेंट ऑफ द पीपल' नाम के एक बेहद लोकप्रिय टीवी सीरियल में वह यूक्रेन के राष्ट्रपति की भूमिका निभाया करते थे. 2019 में चुनाव जीतने के बाद उन्होंने खुद को बड़ी जल्दी एक गंभीर राजनेता में तब्दील कर लिया. एक ऐसा राजनेता जो संकट के समय में बिना मेहनत किए सही लहजे में बात कर सकता है. वो कॉमेडियन, एक्टर, प्रेजेंटर के रूप में काफी सफल रहे हैं और शायद यही वजह है कि उन्हें अपने लिए सही शब्दों को चुनने और बोलने में सहजता होती है जिसका सुनने वालों पर बड़ा असर होता है.
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संवाद करने में माहिर जेलेंस्की
अब रूस ने हमला कर दिया है और स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. इस दौर में भी जेलेंस्की की हर अपील पिछली से ज्यादा जरूरी और भावुक है. पर्यवेक्षक उनके उस भाषण का बहुत सम्मान कर रहे हैं जो उन्होंने रूसी हमला शुरू होने के तुरंत बाद दिया था. पर्यवेक्षकों का कहना है कि वो उनके जीवन का सर्वश्रेष्ठ भाषण था. भावुक, निडर और अटल रहकर उन्होंने रूसी सेनाओं से कहा, "अगर तुम हमला करोगे तो हमारे चेहरे देखोगे हमारी पीठ नहीं!"
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने ट्विटर के जरिए संवाद करने की कला में भी महारत हासिल कर ली है. हर कुछ घंटे पर उनके ट्वीट आ रहे हैं और उसमें दुनिया के लिए बहुत अर्थपूर्ण बातें होती हैं. उद्हारण के लिए शुक्रवार की दोपहर उन्होंने स्वीडन और ब्रिटेन का उनके सैन्य, तकनीकी और मानवीय सहायता के लिए आभार जताया. इस ट्वीट के आखिरी शब्द हैं, "साथ आने से एक पुतिन विरोधी गठबंधन बन रहा है."
एक जंग तो जीते जेलेंस्की
इस जंग में झूठ सी लगने वाली एक कहानी ये है कि यूक्रेन सैन्य मामलों में भले ही हमलावर रूसियों से पिछड़ जाएगा लेकिन वाकपटुता में जेलेंस्की ने पुतिन को पीछे कर दिया है. रूसी राष्ट्रपति ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी इलाकों की स्वतंत्र गणराज्य के रूप में घोषणा करते हुए एक घंटे का उबाऊ और उलझा हुआ भाषण दिया. इसके तुरंत बाद जेलेंस्की ने अपने देशवासियों को भरोसा दिलाया, "घबराएं नहीं! हम मजबूत हैं और हर बात के लिए तैयार. हम हर किसी को हराएंगे क्योंकि हम यूक्रेन हैं!" उनके शब्दों में इतना असर जरूर था कि देश की जनता की बेचैनी थम गई.
हमले के बाद अगली सुबह कैसे जगा यूक्रेन
24 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू कर दिया. दोनों देशों ने एक-दूसरो को भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया है. 25 फरवरी की सुबह की तस्वीरें यूक्रेन का हाल बयां कर रही हैं.
कीव में एक यूक्रेनी फायरफाइटर मार गिराए गए एयरक्राफ्ट के मलबे का परीक्षण करता हुआ. रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर हवाई हमले किए हैं.
तस्वीर: Oleksandr Ratushniak/AP/picture alliance
सन्नाटे की तस्वीर
यह यूक्रेन की एक रिहायशी इमारत का दृश्य है, जिस पर रूसी सैनिकों ने हमला किया.
तस्वीर: Ukrainian Ministry of Emergencies/REUTERS
हाथ नहीं छोड़ना
यह तस्वीर जर्मनी के कोलोन शहर की है, जहां तमाम प्रदर्शनकारी यूक्रेन के प्रति समर्थन जता रहे हैं.
तस्वीर: Federico Gambarini(dpa/picture alliance
राजधानी का ऐसा हाल
यह यूक्रेन की राजधानी कीव का केंद्र है, जो हमले की अगली सुबह एकदम सुनसान पड़ा हुआ था.
तस्वीर: DANIEL LEAL/AFP
टेप का सहारा
यह तस्वीर यूक्रेन के खारकिव शहर की है. इस घर में रहनेवाली दारिया एंड्रीएवा ने खिड़कियों पर इस तरह टेप लगा दिए, ताकि ये धमाकों में गिर न जाएं.
तस्वीर: Daria Andrieieva
दौर बदला, ठौर बदला
रूसी हमले के बाद तमाम लोग यूक्रेन छोड़ने की जद्दोजहद कर रहे हैं. इस तस्वीर में दिख रहे लोग अपना सामान बांधकर एस्टली-बर्गसुरानी सीमा पार करके यूक्रेन से हंगरी का रुख कर रहे हैं.
तस्वीर: Janos Kummer/Getty Images
किससे कहें, कहां जाएं
रूसी हमले में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई रिहायशी इमारत के बाहर अपने कुत्ते के साथ टहलता बुजुर्ग व्यक्ति.
तस्वीर: Umit Bektas/REUTERS
साथ करेंगे सामना
यह कीव में एक इमारत के बेसमेंट की तस्वीर है, जहां कई लोगों ने शरण ले रखी है. यहां से उन्हें नए हमलों की चेतावनी देने वाले सायरन सुनाई देते हैं.
तस्वीर: Emilio Morenatti/AP/picture alliance
रूस को था अंदाजा
कीव में रिहायशी इलाके में क्षतिग्रस्त खड़ा एक अज्ञात सैन्य ट्रक. यूक्रेन के कई शहरों में इसी किस्म के नजारे दिख रहे हैं.
तस्वीर: OLGA YAKIMOVICH/REUTERS
आवाज उठाने के मंच
अटलांटा से खेलनेवाले यूक्रेनी फुटबॉलर रुसलान मालिनोवस्की ने गोल करने के बाद जो शर्ट पहनकर जश्न मनाया, उस पर लिखा था कि यूक्रेन में जंग न हो.
तस्वीर: PANAYOTIS TZAMAROS/In Time Sports/AFP/Getty Images
घर और एयरक्राफ्ट की टक्कर
एक अज्ञात एयरक्राफ्ट का कचरा, जो कीव में एक निजी घर से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया.
तस्वीर: AFP
जान बची, तो लाखों पाए
रिहायशी इलाके में घर के बाहर क्षतिग्रस्त हुए एक एयरक्राफ्ट के मलबे का मुआयना करते लोग.
तस्वीर: REUTERS
बचपन की क्या गलती
एक बच्चा, जो युद्ध की विभीषिक झेलने वाली एक इमारत के सामने झूले पर बैठा है.
तस्वीर: UMIT BEKTAS/REUTERS
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जब रूसी राष्ट्रपति पूर्वी यूक्रेन में नरसंहार के आधारहीन दावे कर रहे हैं और नाजी ताकतों के बारे में अनर्गल बातें कर रहे हैं जिससे कि जंग को उचित ठहराया जा सके तो यह पूरी तरह से मजाक की तरह सुनाई पड़ता है खासतौर से जेलेंस्की के लिए. रूसी बोलने वाले परिवार में पले बढ़े यूक्रेनी राष्ट्रपति यहूदी हैं. उनके दादा रेड आर्मी में थे और उन्होंने अपने तीन भाइयों को होलोकॉस्ट में गंवाया है.
वह शायद यूक्रेन में इतने लोकप्रिय कभी नहीं थे जितने कि आज हैं. रूस के साथ जंग शुरू होने से पहले ही उनके देशवासी अपने नेता से बहुत असंतुष्ट थे. वह तीन साल पहले पद संभालते समय किए जरूरत से ज्यादा महत्वाकांक्षी वादों को पूरा करने में सफल नहीं हुए थे. इनमें एक वादा पूर्वी यूरोप में विवाद खत्म करने का भी था.
पूर्वी यूक्रेन में विवाद को सुलझाने के लिए मिंस्क समझौते में जो प्रगति हुई थी वह धरातल पर नहीं उतर सकी बल्कि इसकी बजाय समझौते एक एक करके टूटते चले गए. इसके बाद पैंडोरा पेपर्स का विवाद सामने आ गया. इसमें और लोगों के साथ ओलिगार्कों से लड़ने वाले मि. क्लीन भी शामिल पाए गए. अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के एक नेटवर्क की खोजी रिपोर्ट ने दूसरी चीजों के साथ बताया है कि जेलेंस्की के विदेशी कंपनियों से संबंध हैं. रिपोर्ट के मुताबिक जेलेंस्की के लंबे समय से कारोबारी साझीदार रहे शख्स ने लंदन की कई महंगी संपत्तियों में निवेश किया है. यही साझीदार राष्ट्रपति के बड़े सहायक भी बने. राष्ट्रपति की बीवी ओलेना भी कुछ विदेशी कंपनियों का लाभ पाने वालों में शामिल हैं.
शीत युद्ध फिर से
यह महज संयोग ही है कि 1970 के दशक में रोनल्ड रीगन के दिन भी खत्म होने की बात कही जाने लगी थी. वह दो बार रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने में नाकाम हो गए थे. 1968 में रिचर्ड निक्सन और 1976 में जेराल्ड फोर्ड ने उन्हें शिकस्त दी. इसके बाद 1979 में सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर हमला किया और शीत युद्ध फिर से तेज हो गया, इसके एक साल बाद ही रीगन ने जिम्मी कार्टर को अमेरिकी चुनाव में परास्त कर दिया.
इसके चार दशक बाद रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया शीत युद्ध का एक नया संस्करण देख रही है और वोलोदिमीर जेलेंस्की की भूमिका अभी तय होना बाकी है.