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आपदाएशिया

ताकतवर भूकंप से दहला तिब्बत, 95 लोगों की मौत

७ जनवरी २०२५

मंगलवार सुबह तिब्बत में भूकंप के तेज झटकों की चपेट में आ कर कम से कम 95 लोगों की मौत हो गई है. पश्चिमी चीन और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों के साथ ही भारत में भी इस भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.

तिब्बत के भूकंप में तबाह हुआ घर
भूकंप की चपेट में आकर कम से कम 95 लोगों की मौत हुई हैतस्वीर: Jigme Dorje/Xinhua/picture alliance

चीन के सरकारी टीवी चैनल पर दिखाए जा रहे वीडियो में नारंगी सूट पहने बचावकर्मी मलबे के ढेर पर खड़े दिख रहे हैं. कई जगह इन मलबों के कारण प्रभावित गांवों तक जाने में बाधा आ रही है. सड़कों और गलियों पर भी जगह जगह टूटे घरों और कुचली हुई कारों का मलबा फैला नजर आ रहा है. 

सरकारी मीडिया ने तिब्बत भूकंप राहत मुख्याल के हवाले से खबर दी है कि करीब 1,000 घर गिर गए हैं और मरने वालों के अलावा 62 लोग घायल भी हुए हैं. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे का कहना है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.1 थी. यह भूकंप तुलनात्मक रूप से छिछला था जिसकी गहराई करीब 10 किलोमीटर थी. चीन ने में इसकी तीव्रता 6.8 थी. भूकंप का केंद्र चीन नेपाल सीमा पर मौजूद माउंट एवरेस्ट के उत्तर पूर्व में करीब 75 किलोमीटर दूर था.

तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा है कि भूकंप की खबर से उन्हें "गहरा दुख" पहुंचा है. उन्होंने तिब्बत में भूकंप की चपेट में आए लोगों के लिए प्रार्थना की है. भारत के धर्मशाला में रह रहे दलाई लामा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "जिन लोगों की जान गई है मैं उनके लिए प्रार्थना और जो लोग घायल हुए हैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं."

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नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं तस्वीर: Sunil Sharma/ZUMA Press Wire/picture alliance

भूकंप के लिहाज से सक्रिय इलाका

ये इलाका भूकंप के लिहाज से सक्रिय माना जाता है. भारत और यूरेशिया के टेक्टोनिक प्लेट आपस में टकराकर हिमालय के पर्वतों में ऊंची संरचनाएं बनाते हैं. कई बार ये टक्कर इतनी ताकतवर होती हैं कि वहां मौजूद दुनिया के कुछ सबसे ऊंचे पर्वतों की ऊंचाई बदल जाती है.

भूकंप के बाद के तीन घंटों में करीब 50 आफ्टरशॉक महसूस किए गए हैं. चीन की तरफ मौजूद माउंट एवरेस्ट के दर्शनीय स्थलों को भूकंप के बाद बंद कर दिया गया है. मलबे में दबे लोगों की तलाश और राहत के कामों में करीब 1,500 लोगों को लगाया गया है. सीसीटीवी का कहना है कि लगभग 200 सैनिक भी पीड़ितों की तलाश में जुटे हैं.

इतिहास के सबसे भयानक भूकंप

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीड़ितों को बचाने, नुकसान को सीमित करने और जिन लोगों के घर गिर गए हैं उनके पुनर्वास के लिए हर संभव कोशिश करने की बात कही है. उप प्रधानमंत्री झांग गुओकिंग को इलाके में भेजा गया है. सीसीटीवी का कहना है कि भूकंप के केंद्र के आस पास के इलाके की औसत ऊंचाई करीब 4,200 वर्ग मीटर में है. चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क्स सेंटर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट मे कहा है कि यह तिब्बत की राजधानी ल्हासा से 380 किलोमीटर और इलाके के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगात्से से करीब 23 किलोमीटर दूर है.

नेपाल और भारत में भूकंप का असर

नेपाल में अधिकारियों का कहना है कि भूकंप के केंद्र के आसपास मौजूद पर्वतीय इलाके में अधिकारियों को जान माल के नुकसान का पता लगाने के लिए भेजा गया है. काठमांडू में नेशनल इमर्जेंसी ऑपरेशन सेंटर ने कहा है कि उत्तर पूर्वी नेपाल के लोगों ने भूकंप को मजबूती से महसूस किया है, हालांकि घरों या लोगों को किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.

सोलुखंबु इलाके के एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसीएपी को फोन पर बताया कि नुकसान की कोई खबर नहीं है. इसी इलाके में माउंट एवरेस्ट मौजूद है. ये इलाका आमतौर पर पर्वतारोहियों और हाइकरों से भरा रहता है. हालांकि ठंड की वजह से इस समय खाली है. बहुत से स्थानीय लोग भी तेज ठंड से बचने के लिए दक्षिण को ओर चले गए हैं. मंगलवार को जहां भूकंप आया वहां पिछले 100 वर्षों में कम से कम 10 ऐसे भूकंप आ चुके हैं जिनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर छह से ज्यादा थी.

भारत में बिहार और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इनकी तीव्रता 5.3 बताई गई है. हालांकि जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.

एनआर/सीके (एपी, डीपीए)

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