डायनासोर से बहुत पुराना और शानदार शिकारी था यह जीव
५ दिसम्बर २०२२
मगरमच्छ और सालामेंडर के संकर जैसे एक ऐसे जीव का पता चला है जो डायनासोर से बल्कि पृथ्वी पर उभयचर और दूसरे सरीसृपों के भी शायद पहले से मौजूद था. वाचीरिया वास्तव में एक जबरदस्त शिकारी जीव था.
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इस शिकारी जीव से भिड़ने के बारे में आप नहीं सोचेंगे. नई रिसर्च ने वाचीरिया के बारे में हमारी समझ को बहुत विस्तार दिया है. करीब 33 करोड़ साल पहले कार्बोनिफेरस युग के दौरान यह जीव धरती पर रहा था. कशेरुकी जीवों के धरती पर विकास होने से कई करोड़ साल पहले की यह बात है.
इस जीव के जीवाश्मों में मिली हड्डियों का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिक इस बात से हैरान हैं कि यह अपने जीवनकाल में दूसरे सरीसृपों और उभयचरों की तरह धीरे धीरे और दृढ़ता से नहीं बढ़ता था बल्कि युवा चिड़ियों या स्तनधारियों की तरह बड़ी तेजी से विकास करता था.
वाचीरिया एक शुरुआती चौपाया था और धरती पर जन्मे अब तक ज्ञात कशेरुकी (रीढ़ की हड्डी वाले) जीवों में सबसे पहला. आज धरती पर जो कशेरुकी जीव दिखते हैं उनका यह पूर्वज था. इन जीवों में उभयचरों से लेकर सरीसृप, चिड़िया और स्तनधारी भी शामिल हैं.
शानदार शिकारी
वाचीरिया अपना ज्यादातर समय झीलों और नदियों में बिताता था. करीब 7 फुट लंबा वाचीरिया उस समय एक तरह से मोहल्ले का दादा जैसा हुआ करता था. शिकागो की लोयोला यूनिवर्सिटी की जीवाश्मविज्ञानी मेगन व्हिटनी का कहना है, "वाचीरिया कोई सुस्त और धीमा या जरूरत से ज्यादा बड़ा उभयचर नहीं था. यह एक चुस्त शिकारी था जो अपनी युवावस्था में बहुत तेजी से विकास करता था." व्हिटनी वाचीरिया के बारे में कम्युनिकेशंस बायोलॉजी में छपी नई रिसर्च रिपोर्ट की प्रमुख लेखिका हैं.
अमेरिका के आयोवा में छोटे से शहर व्हाट चीयर में मिले करीब 400 जीवाश्मों से वाचीरिया के बारे में पता चला.
व्हिटनी बताती हैं, "वाचीरिया का सिर काफी बड़ा होता है और इसके मुंह में बड़े और मजबूत दांत हैं, इसके हाथ पांव भी काफी गठीले हैं. अपने वातावरण में यह शीर्ष शिकारी था, उस समय प्राचीन मछलियां, शार्क और कुछ छोटे चौपाये ही धरती पर मौजूद थे.
रिसर्च में शामिल बेन ओटो शिकागो यूनिवर्सिटी में जीवाश्म विज्ञान के डॉक्टोरल छात्र हैं. ओटो का कहना है, "'इसे देखने के बाद आपको लगेगा कि आपने कायमान देखा है या फिर कोई विशाल सालामेंडर. इस पर शल्क नहीं हैं और इसकी खोपड़ी लंबी और पतली है, चपटी नहीं."
इस इक्थियोसॉर का सिर्फ सिर ही एक टन का था
युनाइटेड किंगडम के रटलैंड में साधारण रखरखाव के लिए जब एक जलाशय को सुखाया गया तो निकल कर आए 18 करोड़ साल पुराने एक जीव के अवशेष. इतना बड़ा इक्थियोसॉर ब्रिटेन में आज तक कभी नहीं पाया गया.
तस्वीर: Bob Nicholls/ANGLIAN WATER/PA/dpa/picture alliance
एक अदभुत खोज
जीवाश्म वैज्ञानिकों ने इंग्लैंड के ईस्ट मिडलैंड्स में इस विशालकाय अवशेष को धरती की गोद से बाहर निकाला है. यह ब्रिटेन में आज तक मिले अवशेषों में सबसे बड़ा और सबसे अच्छी तरह से संरक्षित अवशेष है.
तस्वीर: Matthew Power/ANGLIAN WATER/REUTERS
जलाशय का रहस्य
फरवरी 2021 में पानी की कंपनी ऐंग्लियन वॉटर ने रटलैंड वॉटर नेचर रिजर्व के जलाशय के किनारों को लैंडस्केप करने की योजना बनाई. लेकिन इसके लिए जब जलाशय को सुखाया गया तो उसके नीचे जमीन पाई गई.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
लाखों सालों से लुप्त
संरक्षण वालों की एक टीम इस इलाके के निरीक्षण के लिए आई. निरीक्षण के दौरान टीम के प्रमुख जो डेविस को कुछ गोल आकृतियां मिट्टी में से निकलती हुई दिखाई दीं. उनके सहकर्मी ने कहा कि ये बस पुरानी मिट्टी के पाइप हैं, लेकिन डेविड को कुछ और ही शक था.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
हफ्तों चली खुदाई
जीवाश्म वैज्ञानिक और इक्थियोसॉर विशेषज्ञ डीन लोमैक्स (दाहिनी तरफ से तीसरे) और उनकी टीम ने वहां खुदाई शुरू की. पूरा अगस्त उन्होंने एक के बाद एक टुकड़े को निकला और इस तरह धीरे धीरे कर पूरा ढांचा उनके सामने आया.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
10 मीटर से भी ज्यादा लंबा
जल्द ही स्पष्ट हो गया कि अवशेष एक इक्थियोसॉर का था. ब्रिटेन में इन लुप्त विशालकाय समुद्री जीवों के कई कंकाल मिले हैं. सबसे पहला कंकाल 1811 में 12 साल की मैरी ऐनिंग और उनके भाई को मिला था.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
लगभग पूरा ढांचा
खुदाई जारी रही और आगे जा कर इक्थियोसॉर का लगभग पूरा ढांचा सामने आया. इस तस्वीर में उसकी पूंछ का सिरा दिखाई दे रहा है. ये जीव नौ से 25 करोड़ साल पहले समंदर में घूमा करते थे. जीवाश्म वैज्ञानिकों का अनुमान है कि रटलैंड वाला अवशेष करीब 18 करोड़ साल पुराना है.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
सिर से पूंछ तक
इस जीव का पूरा विस्तार धीरे धीरे सामने आया. इसका शरीर करीब 10 मीटर लंबा है, यानी लगभग एक ब्लू व्हेल जितना लंबा.
तस्वीर: Matthew Power/ANGLIAN WATER/PA/dpa/picture alliance
एक टन का सिर
मुमकिन है कि दूसरे समुद्री जीव इससे डर कर ही रहते हों. सिर्फ इसकी खोपड़ी का ही वजन करीब एक टन है. यह ढांचा खारे पानी के एक चपटे मगरमच्छ के जैसा दिख सकता है लेकिन ज्यादा संभावना है कि अपने समय में यह जीव उससे कहीं ज्यादा शानदार रहा होगा.
तस्वीर: Matthew Power/ANGLIAN WATER/PA/dpa/picture alliance
उचित दूरी बनाए रखें
कंप्यूटर से बनाई गई इस तस्वीर में ऐसा लग रहा होगा कि यह जीव मुस्कुरा रहा है लेकिन इक्थियोसॉर परभक्षी थे. इनमें वयस्क कछुओं और पक्षियों को खाते थे. संभव है कि वो दूसरे छोटे इच्थियोसॉर को भी खाते हों.
तस्वीर: Bob Nicholls/ANGLIAN WATER/PA/dpa/picture alliance
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युवावस्था में तेजी से विकास
शुरुआती चौपायों और विलुप्त हो चुके जीवों से अलग वाचीरिया के जो जीवाश्म मिले हैं वो इसके जीवन चक्र के अलग अलग चरणों के हैं. व्हिटनी बताती हैं, "हड्डियां में किसी किताब की तरह पूरी कहानी होती है, जीवों के जीवन के बारे में वो सारी सूचनाएं वहां जमा होती जाती हैं. एक जरूरी जानकारी जो हड्डियों में दर्ज होती है वो यह है कि कोई जानवर कितनी तेजी से विकास कर रहा है."
9 अलग अलग वाचीरियाओं के जांघों की हड्डी से मिली जानकारी उनके विकास की कहानी सुनाती है. व्हिटनी ने बताया, "इस रिसर्च की एक प्रमुख खोज यह रही है कि हमने युवा वाचीरिया में हड्डियों के तेज विकास को देखा है. यह अहम है क्योंकि यह बताता है कि इसके विकास की रणनीति हमारे जैसी है, यानी युवावस्था में तेजी से विकास उसके बाद जैसे जैसे आप उम्रदराज होते हैं विकास धीमा पड़ने लगता है." यह विकास यह भी बताता है कि वाचीरिया में मेटाबॉलिज्म की दर काफी ऊंची थी.
वाचीरिया जैसे शुरुआती चौपाये उभयचरों और सरीसृपों का दबदबा बढ़ने के बाद धीरे धीरे गायब हो गये.
एनआर/वीके (रॉयटर्स)
अनोखे दुर्लभ जीव
हमारी धरती ऐसे अनोखे औऱ शानदार जीवों से भरी पड़ी है जो अब भी दुनिया के सामने आने का इंतजार कर रहे हैं. हाल में पता लगे कुछ ऐसे ही जीवों को देखिए जो हमारी जानकारी की सीमाओं को लगातार बढ़ा रहे हैं.
तस्वीर: Imago/Science Photo Library
हुडविंकर सनफिश
अटपटी सी आकृति वाली 2 मीटर चौड़ी यह मछली कैलिफोर्निया के समुद्र तट पर फरवरी 2019 में बह कर आई थी जिसे देख स्थानीय लोग हैरान रह गए. बाद में पता चला कि यह दुर्लभ हुडविंकर सनफिश है जिसे 2017 तक आधिकारिक रूप से पहचाना नहीं जा सकता था. यह सिर्फ न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण गोलार्द्ध में ही पाई जाती है. बीते 130 सालों में यह पहली बार उत्तरी गोलार्द्ध में नजर आई.
तस्वीर: Reuters/T. Turner
हेडलेस चिकन सी मोन्स्टर
गहरे सागर में तैरने वाले सी क्यूकंबर को हेडलेस चिकन सी मोन्स्टर ही कहा जाता है. इसका असल नाम एनीपनियास्टेस एक्सीमिया है. इसकी 2018 में पूर्वी अंटार्कटिका में तस्वीर ली गई. इसके पहले मेक्सिको की खाड़ी में ही इसे कैमरे में कैद किया जा सकता था. ज्यादातर सी क्यूकंबर अपना समय सागर तल पर बिताते हैं लेकिन कुछ जीव अपने दिन सागर की लहरों पर गुजारते हैं और सिर्फ खाने के लिए तल में जाते हैं.
यह कोई आम मधुमक्खी नहीं है. इसे पिछली बार 38 साल पहले देखा गया था. 1.5 इंच की इस विशालकाय मक्खी को आखिरकार वैज्ञानिकों ने इंडोनेशिया के जंगलों में ढूंढ निकाला, यह ग्लोबल वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन की मोस्ट वांटेड 25 जीवों की सूची में भी है. इसके जबड़े भले ही डरावने दिख रहे हों लेकिन यह मक्खी भी बाकी मक्खियों की तरह मकरंद और पराग को ही पसंद करती है.
तस्वीर: Clay Bolt
जायंट स्क्विड
यह जीव वैज्ञानिकों को कई दशकों से लुभाता रहा है. 2004 में पहली बार जीवित जायंट स्क्विड की तस्वीर ली गई. ऊपर दिख रही तस्वीर पहले वीडियो फुटेज से निकाली गई है. यह वीडियो इसके प्राकृतिक आवास में 2013 में बनाई गई थी. हमें अब भी नहीं पता कि यह कितना बड़ा हो सकता है. इसका सबसे बड़ा आकार 13 मीटर दर्ज किया गया है.
तस्वीर: Reuters
सूअर जैसी नाक वाला चूहा
2015 में वैज्ञानिकों ने आधिकारिक रूप से इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में इस नए स्तनधारी जीव की खोज की पुष्टि की थी. सूअर जैसी नाक के कारण इसका नाम हॉग नोज्ड रैट रखा गया है हालांकि इस नाक की क्या उपयोगिता है अभी यह साफ नहीं है. इसके पास चमगादड़ जैसे दांत हैं हालांकि यह मुख्य रूप से केंचुए और झींगुरों के लार्वा को ही अपना आहार बनाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Museum Victoria
नियोपाल्पा डोनाल्डट्रंपी
इस छोटे से कीड़े को दक्षिणी कैलिफोर्निया में 2017 में खोजा गया. हालांकि इसके पोंछे जैसी नारंगी बालों ने इसे मीडिया में शोहरत दिलाई. इसके बाल अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के हेयरस्टाइल से मेल खाते हैं. यही वजह है कि इसे यह नाम मिला. दुखद यह है कि इस कीड़े का आवास मेक्सिको के बाजा कैलिफोर्निया राज्य तक फैला है जिसे ट्रंप की प्रस्तावित दीवार बांटने वाली है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/V.Nazari
सी टोड
इस अनोखे जीव को ढूंढने के लिए समुद्र तल से बढ़िया कोई जगह नहीं हो सकती. ऑस्ट्रेलिया के कोरल सी के बेहद गहरे इलाके में एक खोज के दौरान 2009 में इसकी तस्वीर खींची गई. समुद्र तल में विचरण करने वाली यह मछली आंगलरफिश परिवार की है. इसके मुंह के अगले हिस्से में हल्की रोशनी निकलती है जिनसे यह अपने शिकार को ढूंढ लेती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/MARUM Universität Bremen/LMU München
सियाफिला सुगिमोटोई
मुमकिन है कि यह कोई जीव ना हो लेकिन जापान में 2017 में इस अनोखे पौधे की खोज ने दुनिया भर के लोगों में दिलचस्पी पैदा की. यह उन दुर्लभ पौधों में है जिन्होंने प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को त्याग दिया है. पौधे इसके ही जरिए अपना भोजन बनाते हैं. यह पौधा अपने परपोषी फफुंद की जड़ से अपना पोषण लेता है जैसे कि मशरूम. जापान में इस पर काफी खोज की गई है और इस अप्रत्याशित खोज को बेहद खास बना दिया है.
तस्वीर: picture-alliance/ESF International Institute for Species Exploration/Takaomi Sugimoto
केव ड्वेलिंग बीटल
2018 में चीन के गुआंगशी प्रांत में खास तरह के झींगुर मिले हैं. इसके लंबे गठे शरीर में दुर्बल हाथ पैर और आंखों या पंखों का ना होना इसे उन जीवों की कतार में ला खड़ा करता है जो अंधेरे में अपना जीवन विकसित करते हैं. इन्हें कंवर्जेंट इवॉल्यूशन भी कहा जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/Sunbin Huang/Mingyi Tian/ESF International Institute for Species Exploration/dpa
टार्टीग्रेड
अतिसूक्ष्म टार्टीग्रेड को विज्ञान जगत 1777 से ही जानता है लेकिन 2018 में जापान के पार्किंग लॉट में एक नया जीव मिला. एक रिसर्चर ने कंक्रीट पर उभरी काई को खींच कर अलग किया और उसे लैब में ले गए. व्यावहारिक रूप से इन्हें तोड़ा नहीं जा सकता और इसके साथ ही एक अलग जीव की खोज हुई जो अपने पूर्वजों से बिल्कुल अलग था.