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डायनासोर से बहुत पुराना और शानदार शिकारी था यह जीव

५ दिसम्बर २०२२

मगरमच्छ और सालामेंडर के संकर जैसे एक ऐसे जीव का पता चला है जो डायनासोर से बल्कि पृथ्वी पर उभयचर और दूसरे सरीसृपों के भी शायद पहले से मौजूद था. वाचीरिया वास्तव में एक जबरदस्त शिकारी जीव था.

künstlerische Rekonstruktion des großen frühen Tetrapoden und Apex-Raubtiers Whatcheeria
तस्वीर: Adrienne Stroup/Field Museum/Handout via REUTERS

इस शिकारी जीव से भिड़ने के बारे में आप नहीं सोचेंगे. नई रिसर्च ने वाचीरिया के बारे में हमारी समझ को बहुत विस्तार दिया है. करीब 33 करोड़ साल पहले कार्बोनिफेरस युग के दौरान यह जीव धरती पर रहा था. कशेरुकी जीवों के धरती पर विकास होने से कई करोड़ साल पहले की यह बात है.

इस जीव के जीवाश्मों में मिली हड्डियों का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिक इस बात से हैरान हैं कि यह अपने जीवनकाल में दूसरे सरीसृपों और उभयचरों की तरह धीरे धीरे और दृढ़ता से नहीं बढ़ता था बल्कि युवा चिड़ियों या स्तनधारियों की तरह बड़ी तेजी से विकास करता था.

वाचीरिया एक शुरुआती चौपाया था और धरती पर जन्मे अब तक ज्ञात कशेरुकी (रीढ़ की हड्डी वाले) जीवों में सबसे पहला. आज धरती पर जो कशेरुकी जीव दिखते हैं उनका यह पूर्वज था. इन जीवों में उभयचरों से लेकर सरीसृप, चिड़िया और स्तनधारी भी शामिल हैं.

मजबूत जबड़ों और गठे हुए हाथ पैरों वाला जीव था वचीरिया तस्वीर: Kate Golembiewski/Field Museum/Handout via REUTERS

शानदार शिकारी

वाचीरिया अपना ज्यादातर समय झीलों और नदियों में बिताता था. करीब 7 फुट लंबा वाचीरिया उस समय एक तरह से मोहल्ले का दादा जैसा हुआ करता था. शिकागो की लोयोला यूनिवर्सिटी की जीवाश्मविज्ञानी मेगन व्हिटनी का कहना है, "वाचीरिया कोई सुस्त और धीमा या जरूरत से ज्यादा बड़ा उभयचर नहीं था. यह एक चुस्त शिकारी था जो अपनी युवावस्था में बहुत तेजी से विकास करता था." व्हिटनी वाचीरिया के बारे में कम्युनिकेशंस बायोलॉजी में छपी नई रिसर्च रिपोर्ट की प्रमुख लेखिका हैं.

मेंढकों से बात करने वाला अनोखा प्रोफेसर

अमेरिका के आयोवा में छोटे से शहर व्हाट चीयर में मिले करीब 400 जीवाश्मों से वाचीरिया के बारे में पता चला.

व्हिटनी बताती हैं, "वाचीरिया का सिर काफी बड़ा होता है और इसके मुंह में बड़े और मजबूत दांत हैं, इसके हाथ पांव भी काफी गठीले हैं. अपने वातावरण में यह शीर्ष शिकारी था, उस समय प्राचीन मछलियां, शार्क और कुछ छोटे चौपाये ही धरती पर मौजूद थे.

रिसर्च में शामिल बेन ओटो शिकागो यूनिवर्सिटी में जीवाश्म विज्ञान के डॉक्टोरल छात्र हैं. ओटो का कहना है, "'इसे देखने के बाद आपको लगेगा कि आपने कायमान देखा है या फिर कोई विशाल सालामेंडर. इस पर शल्क नहीं हैं और इसकी खोपड़ी लंबी और पतली है, चपटी नहीं."

युवावस्था में तेजी से विकास 

शुरुआती चौपायों और विलुप्त हो चुके जीवों से अलग वाचीरिया के जो जीवाश्म मिले हैं वो इसके जीवन चक्र के अलग अलग चरणों के हैं. व्हिटनी बताती हैं, "हड्डियां में किसी किताब की तरह पूरी कहानी होती है, जीवों के जीवन के बारे में वो सारी सूचनाएं वहां जमा होती जाती हैं. एक जरूरी जानकारी जो हड्डियों में दर्ज होती है वो यह है कि कोई जानवर कितनी तेजी से विकास कर रहा है."

9 अलग अलग वाचीरियाओं के जांघों की हड्डी से मिली जानकारी उनके विकास की कहानी सुनाती है. व्हिटनी ने बताया, "इस रिसर्च की एक प्रमुख खोज यह रही है कि हमने युवा वाचीरिया में हड्डियों के तेज विकास को देखा है. यह अहम है क्योंकि यह बताता है कि इसके विकास की रणनीति हमारे जैसी है, यानी युवावस्था में तेजी से विकास उसके बाद जैसे जैसे आप उम्रदराज होते हैं विकास धीमा पड़ने लगता है." यह विकास यह भी बताता है कि वाचीरिया में मेटाबॉलिज्म की दर काफी ऊंची थी.

वाचीरिया जैसे शुरुआती चौपाये उभयचरों और सरीसृपों का दबदबा बढ़ने के बाद धीरे धीरे गायब हो गये.

एनआर/वीके (रॉयटर्स)

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