भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यूरोप यात्रा के आखिरी पड़ाव में शुक्रवार को बर्लिन पहुंचे और उन्होंने चांसलर अंगेला मैर्केल से मुलाकात की.
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प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी और चांसलर मैर्केल की मुलाकात की फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, “दोनों नेता भारत और जर्मनी के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं.”
बतौर चांसलर चौथी बार कार्यभार संभालने के बाद मैर्केल की यह मोदी से पहली मुलाकात है. उन्होंने चांसलर कार्यालय में मोदी की अगवानी की. दोनों नेताओं ने जिस गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया, उससे भारत और जर्मनी के बीच मजबूत संबंधों का पता चलता है. बर्लिन आने से पहले मोदी ने लंदन में कॉमनवेल्थ देशों के सम्मेलन में हिस्सा लिया, जबकि इससे पहले वह स्वीडन गए.
बर्लिन में मोदी का कार्यक्रम सिर्फ चंद घंटे रुकने का ही था, लेकिन भारत का कहना है कि उनकी यात्रा दोनों के बीच संबंधों की निरंतता को बनाए रखने की वचनबद्धता की तरफ इशारा करती है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, "उच्च स्तरीय संवाद की गति को बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मन चांसलर मैर्केल से मिलने के लिए बर्लिन के संक्षिप्त दौरे पर पहुंचे. यह दौरा रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की हमारी आपसी इच्छा को दर्शाता है.”
जर्मनी और भारत के बीच लगातार आर्थिक सहयोग बढ़ रहा है. 2016-17 में द्विपक्षीय व्यापार 18.76 अरब डॉलर था. इसमें भारत ने जर्मनी को 7.18 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया जबकि जर्मनी से 11.58 अरब डॉलर का सामान मंगाया. एक अध्ययन के मुताबिक जर्मनी में लगभग 80 कंपनियों ने 2016 में कुल मिलाकर 14 अरब डॉलर का राजस्व हासिल किया.
भारत के पूर्व राजनयिक जी पार्थसारथी कहते हैं कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलने के बाद यूरोपीय संघ में जर्मनी और फ्रांस व्यापक भूमिका निभाएंगे. उन्होंने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "सच्चाई यही है कि अगर भारत को अपनी आर्थिक प्रगति को जारी रखना है तो उसे जर्मनी पर ज्यादा निर्भर रहना होगा. छोटे यूरोपीय देशों की उतनी ज्यादा भूमिका नहीं है."
जानिए जर्मनी से क्या क्या मंगाता है भारत
भारत-जर्मनी के बीच कारोबारी और तकनीकी संबंधों का विस्तार हो रहा है. यहां तक कि जर्मनी के कुछ राज्य भारत से पशुओं के चारे का भी आयात करते हैं. जानिए दोनों देश एक दूसरे से क्या क्या खरीदते हैं.
राइन नदी के किनारे बसा जर्मनी का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य नॉर्थराइन-वेस्टफेलिया, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. जर्मनी के साथ होने वाले कुल कारोबार का लगभग 24.11 फीसदी व्यापार इसी राज्य से होता है. पिछले कुछ सालों में निर्यात घटा है. दोनों पक्षों के बीच मशीनरी और कैमिकल्स का बड़ा व्यापार है.
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बाडेन व्युर्टेमबर्ग
भारत के साथ ट्रेड वॉल्यूम में इस राज्य का दूसरा स्थान है. यह राज्य भारत के साथ रसायनी पदार्थ, कपड़ा, गाड़ी की मशीनरी आदि का कारोबार करता है. हालांकि यहां से होने वाला मशीनरी का निर्यात पिछले कुछ सालों में घटा है, लेकिन अब भी राज्य, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल और ऑप्टिकल उत्पादों में भारत के साथ खासा व्यापार कर रहा है.
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बवेरिया
इंडो-बवेरियन कारोबारी संबंध दोनों देशों के रिश्तों का मजबूत आधार है. मशीनरी, बवेरिया के निर्यात का सबसे बड़ा हिस्सा है. इसके अलावा इलेक्ट्रिकल उत्पादों, कंप्यूटर, कपड़ा, रसायन, धातु का व्यापार होता है. जहां अन्य राज्यों के साथ भारत का कारोबार घटा, तो वहीं तमाम आर्थिक चुनौतियों के बावजूद बवेरिया के साथ आर्थिक साझेदारी मजबूत हुई है.
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बर्लिन
बर्लिन और भारत के कारोबार में साल 2014 के बाद ही तेजी आई है. भारत को यहां से मशीनी उपकरण, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल और ऑप्टिकल उपकरण का निर्यात किया जाता है. वहीं भारत से यहां गारमेंट्स का आयात किया जाता है. कैमिकल्स और चमड़ा कारोबार दोनों पक्षों के बीच घटा है.
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ब्रैंडनबर्ग
भारत और ब्रैंडनबर्ग के बीच व्यापार मॉडरेट दर से बढ़ा है. इस राज्य के साथ भारत मशीनरी और कैमिकल्स का कारोबार करता है. साथ ही लकड़ी और लकड़ी के उत्पादों में यह भारत का बड़ा साझेदार है. इसके अलावा कैमिकल्स, इलेक्ट्रिकल, खाद्य उत्पादों और पशुओं का चारा भी इस व्यापार में शामिल है.
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ब्रेमेन
ब्रेमेन के साथ होने वाला मेटल कारोबार हाल के वर्षों में घटा है. इस राज्य के साथ भारत मोटरव्हीकल क्षेत्र, मशीनरी, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल और ऑप्टिकल प्रॉडक्ट्स में कारोबार करता है. हालांकि राज्य भारत से टैक्सटाइल, मेटल उत्पादों और चमड़ा उत्पादों का आयात करता है.
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हैम्बर्ग
यहां ट्रेड वॉल्यूम घटा है. इसका बड़ा कारण व्हीकल्स निर्यात में आई कमी है जिसमें एयरबस प्लेन की विशेष बिक्री भी शामिल है. राज्य का भारत के साथ मुख्य रूप से कैमिकल्स, गारमेंट और कृषि उत्पादों (एग्रो-प्रॉडक्ट्स) का व्यापार होता है. हालांकि इन एग्रो-प्रॉडक्ट्स के कारोबार में कुछ मंदी जरूर आयी है.
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हेसे
जर्मनी का बैंकिंग हब कहे जाने वाले हेसे प्रांत के साथ भारत के कारोबारी संबंधों का विस्तार हुआ है. दोनों पक्षों के बीच सबसे अधिक कारोबार रसायनों और दवाओं से जुड़ा हुआ है. इसके साथ ही यह राज्य भारत के साथ चमड़े का कारोबार भी करता है.
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लोअर सेक्सनी
इस राज्य का कारोबार भारत के साथ घटा है. लेकिन मशीनरी कारोबार जस का तस बना हुआ है. भारत के साथ इसका मोटर व्हीकल और कैमिकल्स का कारोबार होता है लेकिन पिछले कुछ समय में गिरावट आई है. वहीं गारमेंट क्षेत्र में दोनों का कारोबार बढ़ा है.
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मैक्लेनबुर्ग वेस्ट-पोमेरेनिया
साल 2014 के आंकड़ों के मुताबिक भारत-जर्मनी की व्यापारिक साझेदारी में इसका हिस्सा 0.41 फीसदी का है. दोनों के बीच सबसे अधिक कारोबार मशीनरी क्षेत्र में होता है. इसके बाद लकड़ी व इलेक्ट्रिकल उत्पादों, ऑप्टिकल प्रॉडक्ट्स का स्थान आता है. साथ ही जर्मनी बड़े स्तर पर खाद्य पदार्थ और पशु चारा भारत से आयात करता है.
तस्वीर: DW/Shoib Tanha Shokran
राइनलैंड पैलेटिनेट
भारत के साथ इस राज्य का भी ट्रेड वॉल्यूम बढ़ रहा है. हालांकि साल 2010 से लेकर साल 2013 तक दोनों का ट्रेड वॉल्यूम घटा था लेकिन 2014 के बाद से माहौल सकारात्मक बना हुआ है. राज्य के साथ मुख्य कारोबार कैमिकल्स का है. इसके अलावा मशीनरी बेहद अहम है. साथ ही चमड़ा उत्पादों का भी बड़ा कारोबार दोनों में होता है.
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सारलैंड
भारत के साथ इस राज्य का भी ट्रेड वॉल्यूम घटा है. दोनों के बीच होने वाले मेटल प्रॉडक्ट्स और मशीनरी कारोबार में तेजी से गिरावट आई है. इसके इतर दोनों पक्षों के बीच मोटर व्हीक्लस और कच्चे माल का व्यापार बड़ा है.
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सेक्सनी
जर्मन के पूर्वी राज्यों पर नजर डालें तो सेक्सनी का भारत के साथ बड़ा व्यापार है. इस राज्य के साथ भारत का मशीनरी निर्यात बढ़ा है. मुख्य रूप से यह राज्य कागज, गाड़ी के पुर्जे का व्यापार करता है. इसके अलावा कैमिकल, मशीनरी, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल और ऑप्टिकल उत्पाद प्रमुख हैं.
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सेक्सनी अनहाल्ट
भारत के साथ इस राज्य का व्यापार साल 2014 के बाद बढ़ा है. इस राज्य के साथ कैमिकल्स, मशीनरी उत्पादों, धातु में बड़ा कारोबार होता है. साथ ही भारत की दवा कंपनियों समेत धातु और कपड़ा क्षेत्र के लिए भी यहां बाजार सकारात्मक है.
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श्लेसविग होल्सटाइन
अन्य राज्यो की तुलना में इसका कारोबार भारत के साथ घटा है. राज्य, मुख्य रूप से भारत के साथ मशीनरी, कैमिकल्स, इलैक्ट्रिल उत्पादों और कंप्यूटर प्रोसेसिंग के क्षेत्र में व्यापार करता रहा है जिसमें कमी आई है. लेकिन टैक्सटाइल कारोबार साल 2014 के बाद बढ़ा है.
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थ्युरिंजिया
इस जर्मन राज्य के साथ भारत का ट्रेड वॉल्यूम घटा है. इस राज्य के साथ भारत, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल, ऑप्टिकल प्रॉडक्ट, मशीनरी और इलैक्ट्रोनिक उत्पादों में व्यापार करता है. वहीं भारत से यह राज्य टैक्सटाइल्स और इलेक्ट्रिकल उत्पादों का आयात करता है.
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वहीं नई दिल्ली में सेंटर फॉर यूरोपियन स्टडीज में प्रोफेसर राजेंद्र जैन कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति के लिए जर्मनी बहुत ही अहम है और इसकी वजह है दुनिया पर जर्मनी का आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव. उन्होंने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "बुनियादी ढांचे, अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं, दक्षता विकास और जल प्रबंधन में निवेश के लिए भारत को जर्मनी की जरूरत है."
जर्मनी ने भारत में गंगा की सफाई के राष्ट्रीय मिशन में भी निवेश किया है. 2016 में जर्मन सरकार ने गंगा की सफाई के लिए डाटा मैनेजमेंट और प्रशिक्षण के लिए 30 लाख यूरो देने की प्रतिबद्धता जताई. मोदी की "मेक इन इंडिया" मुहिम के लिए विदेशी निवेश बहुत जरूरी है, जिसका मकसद भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है. इसके जरिए सरकार नौकरियों के नए अवसर भी पैदा करना चाहती है.
दुनिया के तीन सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार है मोदी
गैलप इंटरनेशनल के सर्वे मुताबिक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के तीन सबसे अधिक लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं. 50 देशों के बीच हुए इस सर्वे में पहला स्थान जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल को मिला है.
तस्वीर: Reuters/H. Hanschke
1. अंगेला मैर्केल
सर्वे में पहला स्थान मिला है जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल को. मैर्केल 22 अंकों के स्थान शीर्ष पर है.
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2. इमानुएल माक्रों
दूसरा स्थान मिला है फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों को. माक्रों की लोकप्रियता में पिछले कुछ समय के दौरान भारी इजाफा हुआ है.
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3. नरेंद्र मोदी
तीसरे स्थान पर है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. साल 2015 के सर्वे में मोदी का स्थान पांचवां था. लेकिन पिछले सालों में मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Swarup
4. टेरिजा मे
चौथे स्थान पर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरिजा मे का स्थान आता है.
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5. शी जिनपिंग
पांचवे स्थान पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का नंबर है. इनकी लोकप्रियता में भी इजाफा हुआ है.
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6. व्लादिमीर पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम दुनिया में लंबे शासन करने वाले नेताओं में भी शामिल है. लोकप्रियता में इनका स्थान छठा है.
तस्वीर: picture alliance/TASS/dpa/A. Nikolsky
7. सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद
सऊदी अरब के राजा सलमान बिन अब्दुल सूची में सातवें नंबर पर है. हालांकि इनकी लोकप्रियता बीते सालों में घटी है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/str
8. बेन्यामिन नेतन्याहू
इस्राएल के प्रधानमंत्री का सूची में आठवां स्थान है. नेतन्याहू की लोकप्रियता में भी कमी दर्ज की गई है.
तस्वीर: Reuters/F. Lenoir
9. हसन रोहानी
ईरान में साल 2018 की शुरुआत विवादों और प्रदर्शनों के बीच हुई. लेकिन इसके बावजूद देश के राष्ट्रपति हसन रोहानी दुनिया के ताकतवर नेताओं में से एक माने जाते हैं.
तस्वीर: jamaran.ir
10. डॉनल्ड ट्रंप
किसी की लोकप्रियता अगर सबसे ज्यादा अधिक गिरी है तो वे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की लोकप्रियता में सबसे ज्यादा कमी आई है.