पेगासस मामले पर केंद्र सरकार द्वारा संसद और सुप्रीम कोर्ट से झूठ बोलने के आरोपों के बीच बजट सत्र शुरू हो रहा है. कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ संसद के विशेषाधिकार के हनन के प्रस्ताव की मांग की है.
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पेगासस पर न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार के दावों के बाद कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर संसद को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है. पार्टी ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ संसद के विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की मांग की है.
आज ही से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है. सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधन से होगी. उसके बाद आज ही सरकार संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी जिसमें बीते वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था की हालत का विस्तृत ब्योरा होगा. मंगलवार एक फरवरी को सरकार बजट पेश करेगी.
लेकिन पेगासस मामले पर विवाद के दोबारा खड़े होने से बजट सत्र की कार्यवाही सुचारु रूप से चल पाने की उम्मीद नहीं लग रही है. विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव वैष्णव के खिलाफ इसलिए लाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने ही सरकार की तरफ से सबसे पहले पेगासस विवाद पर 2021 में मानसून सत्र के दौरान 19 जुलाई को बयान दिया था.
सरकार द्वारा अवैध जासूसी के लिए पेगासस के इस्तेमाल के दावों को झूठा बताते हुए वैष्णव ने अपने बयान में इस विषय पर मीडिया रिपोर्टों को "सनसनीखेज" और "भारतीय लोकतंत्र और उसके प्रतिष्ठित संस्थानों को बदनाम करने" की कोशिश बताया था.
विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव की मांग के बारे में पत्रकारों को बताते हुए लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "ऐसा लग रहा है कि मोदी सरकार ने संसद, सुप्रीम कोर्ट और भारत के लोगों से झूठ बोला है." कांग्रेस ऐसा ही विशेषाधिकार प्रस्ताव आज राज्य सभा में भी ले कर आएगी.
सुप्रीम कोर्ट भी पेगासस मामले में सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है. नवंबर 2021 में अदालत ने पूर्व न्यायमूर्ति रवींद्रन की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति का गठन किया था जो मामले के तकनीकी पहलुओं की जांच कर रही है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इस समिति को पत्र लिखकर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की संज्ञान लेने को और भारत सरकार से प्रतिक्रिया लेने को कहा है.
कब-कब सरकार ने कहा आंकड़े नहीं हैं
भारत में ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर भारत सरकार के पास आंकड़े नहीं हैं. विपक्ष सरकार से आंकड़े मांगता है सरकार कहती है हमें जानकारी ही नहीं है. एक नजर, ऐसे मुद्दों पर जिनके बारे में सरकार के पास डेटा नहीं हैं.
तस्वीर: Sonali Pal Chaudhury/NurPhoto/picture alliance
ऑक्सीजन की कमी से मौत
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत नहीं होने के बयान के बाद सरकार दोबारा से डेटा जुटाएगी. सरकार ने संसद में 20 जुलाई को बयान दिया था कि देश में ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत नहीं हुई थी. लेकिन विपक्षी दलों के हंगामे और आलोचना के बाद सरकार ने राज्यों से दोबारा से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का आंकड़ा मांगा है.
कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूर पैदल ही शहरों से गांव की ओर निकल पड़े. सफर के दौरान प्रवासी मजदूरों की सड़क हादसे, रेल ट्रैक पर चलने और अन्य कारणों से मौत हुई. स्ट्रैंडेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क के आंकड़ों के मुताबिक पिछले लॉकडाउन के दौरान 971 प्रवासी मजदूरों की गैर कोविड मौतें हुईं. सरकार ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की मौत के बारे में उसके पास डेटा नहीं है.
तस्वीर: DW/M. Kumar
बेरोजगारी और नौकरी गंवाने पर डेटा
मानसून सत्र में सरकार से सभी दलों के कम से कम 13 सांसदों ने कोरोना महामारी के दौरान बेरोजगारी और नौकरी गंवाने वालों का स्पष्ट डेटा मांगा था, लेकिन सरकार ने डेटा मुहैया नहीं कराया. इसके बदले केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज, मेड इन इंडिया परियोजनाओं, स्वरोजगार योजनाओं और ऋणों का विवरण देकर इस मुद्दे को टाल दिया.
तस्वीर: Pradeep Gaur/Zumapress/picture alliance
किसान आंदोलन के दौरान मौत का आंकड़ा
23 जुलाई 2021 को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन पंजाब सरकार ने जो डेटा इकट्ठा किया है उसके मुताबिक कुल 220 किसानों की राज्य में मौत हुई. राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10.86 करोड़ मुआवजा भी दिया है.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
कितना काला धन
मानसून सत्र में सरकार ने कहा है कि पिछले दस साल में स्विस बैंकों में कितना काला धन छिपाया गया है उसे इस बारे में कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है. लोकसभा में कांग्रेस सांसद विन्सेंट एच पाला के सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते कई सालों में विदेशों में छिपाए गए काले धन को लाने की कई कोशिशें की हैं.
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क्रिप्टो करेंसी के कितने निवेशक
भारत में काम कर रहे निजी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों की संख्या बढ़ रही है, केंद्र के पास उन पर कोई आधिकारिक डेटा नहीं है. इन एक्सचेंजों से जुड़े निवेशकों की संख्या के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है. देश में एक्सचेंजों की संख्या और उनसे जुड़े निवेशकों की संख्या पर एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने 27 जुलाई को संसद में एक लिखित जवाब में कहा, "यह जानकारी सरकार द्वारा एकत्र नहीं की जाती है."
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पेगासस जासूसी मामला
भारत ही नहीं पूरी दुनिया में पेगासस जासूसी मामला इस वक्त सबसे गर्म मुद्दा है. दुनिया के 17 मीडिया संस्थानों ने एक साथ रिपोर्ट छापी, जिनमें दावा किया गया था कि पेगासस नाम के एक स्पाईवेयर के जरिए विभिन्न सरकारों ने अपने यहां पत्रकारों, नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक करने की कोशिश की. भारत के संचार मंत्री ने इस मामले में लोकसभा में एक बयान में कहा कि फोन टैपिंग से जासूसी के आरोप गलत है.