केप टाउन के अफ्रीकी पेंग्विन पर्यटकों में बेहद लोकप्रिय हैं. हर साल करीब 50 लाख लोग इस शहर के सैर को जाते हैं. हर साल करीब 50 लाख लोग इस शहर के सैर को जाते हैं. इसका फायदा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी होता है.
पेंग्विन, असल में हैं तो पंछी, लेकिन वह उड़ नहीं पाते. उनकी आधी जिंदगी जमीन पर और आधी पानी में बीतती है. चलिये उनकी बर्फीली दुनिया में.
बर्फीले ध्रुव के मस्त बाशिंदे
पेंग्विन, असल में हैं तो पंछी, लेकिन वह उड़ नहीं पाते. उनकी आधी जिंदगी जमीन पर और आधी पानी में बीतती है. चलिये उनकी बर्फीली दुनिया में.
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चपल गोताखोर
पेंग्विन भले ही तैर न पाएं लेकिन पानी में उनका कोई जवाब नहीं. उनके शरीर की बनावट हाइड्रोडायनैमिक होती है, इसके चलते उन्हें पानी में टॉरपीडो जैसी तेज रफ्तार मिलती है. एपरर पेंग्विन तो 2.7 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से गोता लगा सकते हैं.
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बीच पर
रेतीला तट, धूप और पेंग्विन, ये नजारा लोगों का खासा लुभाता है. लेकिन इसका दीदार सिर्फ दक्षिण अफ्रीका में होता है. वहां रहने वाले पेग्विनों की खास प्रजाति बीच पर धूप का आनंद लेने आती है.
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सर नील्स ओलाव
किंग पेग्विन सर नील्स ओलाव स्कॉटलैंड के एडिनबरा जू में रहता है. 2008 में रॉयल नॉर्वेजियन गार्ड ने उसे नाइट की उपाधि दी. सर के बेटे को भी सारजेंट की उपाधि दी गई. बाद में प्रमोशन होकर वह कर्नल की पोस्ट तक पहुंचा.
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बनियान में पेंग्विन
दक्षिणी ध्रुव के पास अगर तेल का रिसाव हो जाए तो पेंग्विनों की जान खतरे में पड़ जाती है. ऐसे में राहतकर्मी तेल से सने पेंग्विनों को ऊन की बनियान पहनाते हैं ताकि वे खुद को साफ करने की कोशिश न करें. और उन्हें सर्दी भी न लगे.
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फिल्म स्टार
पेंग्विन्स ऑफ मेडागास्कर या हैप्पी फीट जैसी हिट फिल्में पेंग्विनों की बदौलत सामने आ सकीं. द मार्च ऑफ द पेंग्विन्स को तो ऑस्कर भी मिला.
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सब भावी पीढ़ी के लिए
द मार्च ऑफ पेंग्विन्स फिल्म से पता चला कि प्रजनन के लिए एम्परर पेंग्विन अंटार्कटिका के शांत इलाकों में जाते हैं. मादा द्वारा दिये गए अंडों को नर पेंग्विन अपने पैरों में दबाकर सेंकते हैं. मादाएं अंडे देने के बाद भोजन की तलाश में निकल पड़ती हैं. नर एक झुंड बनाकर अंडों की रक्षा करते हैं. दो महीने बाद बच्चे निकलते हैं, तब तक नर पेंग्विन का वजन 30 फीसदी घट चुका होता है.
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समलैंगिक पेंग्विन
जर्मनी के ब्रेमरहाफेज जू और एक्वेरियम को हुमबोल्ट पेंग्विनों के प्रजनन की उम्मीद थी. लेकिन इन पेंग्विनों के लिंग की आसानी से पहचान नहीं होती. जू में ज्यादातर पेंग्विन नर निकले, जिनमें से कई ने समलैंगिक जोड़े बना लिये.
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एक दिन प्यारे पेंग्विनों के नाम
हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड पेंग्विन डे के रूप में मनाया जाता है. समंदर में कई महीने गुजारने के बाद अप्रैल में एडेलाइडा पेंग्विन अंटार्कटिक के तट पर लौटते हैं. इसीलिए अप्रैल के महीने में इन पंछियों को याद किया जाता है.