ईरान में महिलाओं को ड्रेस कोड का पालन कराने वाली नैतिकता पुलिस को भंग कर दिया गया है. महसा अमीनी की मौत के बाद देशभर में इसके खिलाफ विरोध हो रहे थे.
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ईरान में पिछले दो महीने से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने क्रूर नैतिकता पुलिस को भंग करने का ऐलान किया है. ईरान के समाचार चैनल ने अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाजेरी के हवाले से रविवार को कहा कि नैतिकता पुलिस को समाप्त कर दिया जाएगा. ईरानी समाचार एजेंसी आईएसएनए के अनुसार, "नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है और इसलिए इसे भंग कर दिया गया है."
हालांकि यह साफ नहीं है कि इस पुलिस बल की स्थापना एक बार फिर किसी अन्य उद्देश्य या नाम से की जाएगी या नहीं. सरकारी समाचार एजेंसियों के अनुसार, "नैतिकता" अपराधों के लिए मृत्युदंड और अभियोजन जारी रहेगा. मोंटाजेरी ने कहा, "बेशक, नैतिकता अपराधों के लिए कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी."
यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के वरिष्ठ लेक्चरर कामरान मतीन ने डीडब्ल्यू को बताया कि अटॉर्नी जनरल की घोषणा को सावधानी से देखा जाना चाहिए. मतीन ने स्पष्ट किया कि ईरान की नैतिक पुलिस न्यायिक प्रणाली का हिस्सा नहीं है, बल्कि तथाकथित कानून प्रवर्तन बलों या पुलिस बल द्वारा चलाई जाती है. उन्होंने कहा, "इस तरह की घोषणा वास्तव में उस संस्था द्वारा की जानी चाहिए और यह अभी तक नहीं हुआ है."
जला दिए हिजाब
सीरिया में सैकड़ों महिलाओं ने अपने हिजाब जला दिए. अपना गुस्सा जाहिर करतीं कुछ महिलाओं ने बाल भी काटे.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
गुस्से में महिलाएं
उत्तरी सीरिया के कुर्द-नियंत्रित इलाके में महिलाओं ने कुछ इस तरह अपना गुस्सा जाहिर किया.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
महसा अमीनी के लिए
ये महिलाएं ईरान में महसा अमीनी की मौत पर क्रोधित हैं. महसा अमीनी भी कुर्द थीं.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
हक की बात
सीरिया में महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था कोंगरा स्टार की सदस्य अरवा अल-सालेह ने कहा कि वे ईरान में विरोध कर रहीं महिलाओं के समर्थन में सड़क पर उतरी हैं.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
कैसे हुई अमीनी की मौत?
22 साल की महसा अमीनी की हाल ही में नैतिक-पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मौत हो गई थी. हालांकि ईरानी अधिकारियों का कहना है कि अमीनी के साथ कोई ज्यादती नहीं की गई थी.
तस्वीर: Orhan Qereman/REUTERS
दुनियाभर में विरोध
दुनियाभर की महिलाओं में अमीनी की मौत पर गुस्सा है. ईरान में भी इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं.
तस्वीर: WANA NEWS AGENCY via REUTERS
ईरान में भारी विरोध
अमीनी को नैतिक पुलिस ने इसलिए पकड़ा था क्योंकि उन्होंने हिजाब नहीं पहना था. अब विरोधस्वरूप ईरान और दुनिया के अन्य हिस्सों में महिलाएं हिजाब जलाकर विरोध जता रही हैं.
तस्वीर: Andre Penner/AP/picture alliance
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दबाव में तेहरान सरकार
ईरान के सख्त हिजाब कानून का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में नैतिकता पुलिस ने युवा कुर्द महिला महसा अमीनी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद 22 वर्षीय महसा अमीनी की तेहरान में पिछले महीने पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने दावा किया कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी, लेकिन अमीनी के परिवार का कहना है कि मौत पुलिस की पिटाई के कारण हुई.
इसके बाद से, देश में सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला नहीं थम रहा है. दुनिया भर में ईरानी महिलाओं को समर्थन मिल रहा है. देश में और देश के बाहर महिलाओं ने विरोध जताते हुए अपने हिजाब जला दिए या अपने बाल काट डाले.
वहीं, हिंसा रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है. पुलिस की बर्बरता के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम पर वायरल हो गए हैं. दरअसल, इंस्टाग्राम ईरान में काफी ज्यादा लोकप्रिय है, क्योंकि सिर्फ यही एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो सार्वजनिक तौर पर आसानी से उपलब्ध था. हालांकि, अब इस पर नए प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.
सरकार के आलोचकों ने इस घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. आलोचकों के अनुसार समस्या नैतिक पुलिस के साथ नहीं बल्कि अनिवार्य हेडस्कार्फ कानून के साथ है. एक दिन पहले मोंटेजेरी ने भी कहा था कि ईरानी संसद और न्यायपालिका हिजाब कानून की समीक्षा कर रही हैं और जनता को अगले कुछ दिनों में परिणामों के बारे में सूचित कर दिया जाएगा. ईरान में पिछले कई हफ्तों से हिजाब कानून और नैतिकता पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं.
तथाकथित नैतिकता पुलिस ईरान की पुलिस बल की एक इकाई है, जिसे इस्लामी ड्रेस कोड और जनता के बीच अन्य सामाजिक व्यवहार के संबंध में कानूनों को लागू करने का काम सौंपा गया है. रूढ़िवादी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के सत्ता में आने के बाद बल ने 2006 में सड़कों पर गश्त शुरू की.
एए/सीके (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)
ईरान की महिलाओं के समर्थन में दुनिया भर में रैलियां और ग्राफीटी
ईरान में चल रहे महिलाओं के प्रदर्शनों के समर्थन में दुनिया भर में ग्राफीटी कलाकार कला का सृजन कर रहे हैं. साथ ही कई देशों में उनके समर्थन में रैलियों का आयोजन भी किया जा रहा है.
तस्वीर: Francois Mori/AP/picture alliance
ईरानी दूतावास, मेक्सिको सिटी
एक महिला मेक्सिको सिटी में ईरानी दूतावास की एक दीवार पर "माचो कंट्री" ईरान के खिलाफ सन्देश स्प्रे-पेंट कर रही हैं. ऐसा वो ईरानी महिलाओं के साथ एकजुटता में और ईरानी पुलिस की कार्रवाई में मारी गईं 22 साल की महसा अमीनी की याद में कर रही हैं. ईरान की नैतिकता पुलिस ने अमीनी को महिलाओं के लिए बने एक कड़े ड्रेस कोड के कथित उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया था.
तस्वीर: Gerardo Vieyra/NurPhoto/picture alliance
फ्रैंकफुर्ट में प्रदर्शन
सितंबर में अमीनी की मौत के बाद पूरे देश में प्रदर्शन भड़क उड़े जिनमें वहां के इस्लामिक शासन की बर्खास्तगी की मांग की गई. ईरानी अधिकारियों ने अमीनी की मौत की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है लेकिन कम ही लोगों को उन पर विश्वास है. कथित नैतिकता पुलिस की बर्बरता से कई महिलाएं वाकिफ हैं. यह तस्वीर जर्मनी के फ्रैंकफुर्ट में ईरानी महिलाओं के समर्थन में आयोजित किए गए प्रदर्शन की है.
तस्वीर: picture alliance/dpa
मिलान में समर्थन में सिम्पसंस
ईरान में और ईरान से बाहर भी आंदोलन के समर्थन में कई महिलाओं ने अपने बाल काटे हैं. इटली के मिलान शहर में ईरानी कांसुलेट के ठीक सामने एक दीवार पर मशहूर टीवी शो सिम्पसंस की एक किरदार मार्ज सिम्पसन को भी अपने बाल काटते हुए दिखाया गया है. तस्वीर स्ट्रीट कलाकार अलेक्सांद्रो पलोम्बो ने ली थी.
तस्वीर: Andrea Fasani/ANSA/EPA-EFE
महसा अमीनी को पेरिस की ऑनररी नागरिकता
पेरिस में अमीनी और ईरान के आंदोलन को भित्ति-चित्रों में ही श्रद्धांजलि नहीं दी जा रही है. पेरिस की महापौर ऐन हिडाल्गो ने कहा है कि अमीनी को मरणोपरांत शहर का ऑनररी नागरिक बनाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि शहर में एक स्थान का अमीनी के नाम पर नाम भी रख दिया जाएगा "ताकि उन्हें कोई भूल ना सके." उन्होंने यह भी कहा, "पेरिस हमेशा उनकी तरफ रहेगा जो अपने अधिकारों और अपनी आजादी के लिए लड़ते हैं."
तस्वीर: Francois Mori/AP/picture alliance
फ्रैंकफुर्ट में "महिलाएं, जिंदगी, आजादी"
फ्रैंकफुर्ट में एक खाली इमारत में एक संगठन के लोगों ने अमीनी का एक चित्र बनाया है. चित्र के आगे अमीनी की जबान कुर्दिश में लिखा है, "जिन, जियान, आजादी" - "महिलाएं, जिंदगी, आजादी." तेहरान में आंदोलनकारियों का शासन के खिलाफ यही नारा है. इसे सीरिया के कुर्द महिलावादी आंदोलन से लिया गया है.
तस्वीर: Boris Roessler/dpa/picture alliance
पोलैंड में एकजुटता
दुनिया भर में कई महिलाओं का कहना है कि लड़कियों और महिलाओं का उनके आतताइयों के खिलाफ छिड़े विद्रोह के साथ एकजुटता दिखाने की जरूरत है. और दुनिया भर में महिलाएं सड़कों पर उतर भी रही हैं - जैसे की पोलैंड के क्राकोव में ली गई इस तस्वीर में दिख रहा है.
तस्वीर: Beata Zawrzel/NurPhoto/picture alliance
तेहरान के कला के छात्रों का विरोध
तेहरान में आजाद विश्वविद्यालय के कला के छात्रों द्वारा कला विभाग के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गे. उनके हाथों पर लगा लाल रंग सुरक्षाबलों द्वारा प्रदर्शनों के खूनी दमन का प्रतीक है.
तस्वीर: UGC/AFP
डोमिनो असर
ये प्रदर्शन महज लड़कियों और महिलाओं के कड़े ड्रेस कोड के खिलाफ नहीं हैं. पूरे देश में प्रदर्शनकारी इस्लामिक शासन की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं और "मुल्लाओं को भगाओ" और सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई के खिलाफ "तानाशाह को मार दो" जैसे नारे लगा रहे हैं.