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पुतिन ने क्यों की उत्तर कोरियाई सैनिकों के बहादुरी की तारीफ

स्वाति मिश्रा एपी, एएफपी, रॉयटर्स
२८ अप्रैल २०२५

उत्तर कोरियाई सैनिक, रूस की तरफ से यूक्रेन युद्ध में हिस्सा ले रहे हैं. इसकी पुष्टि प्योंगयांग और मॉस्को दोनों ने कर दी है. पश्चिमी देशों ने पिछले साल ही आरोप लगाया था कि उत्तर कोरिया ने 10,000 सैनिक रूस भेजे हैं.

जून 2024 में उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में एक बैठक के बाद बाहर आ रहे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग-उन
उत्तर कोरिया ने यह नहीं बताया है कि उसने कितने सैनिकों को रूस भेजा और कितने सैनिक मारे गएतस्वीर: Korean Central News Agency/Korea News Service/AP/picture alliance

28 अप्रैल (सोमवार) को पहली बार उत्तर कोरिया ने बताया कि कुर्स्क प्रांत पर फिर से अधिकार करने में उसके सैनिकों ने रूस की मदद की.

इसके बाद उत्तर कोरिया के नाम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का धन्यवाद ज्ञापन आया.

पुतिन ने उत्तर कोरियाई सैनिकों की बहादुरी और समर्पण की तारीफ की. रूसी सरकार द्वारा जारी बयान में पुतिन ने कहा कि प्योंगयांग के सैनिकों ने "रूसी योद्धाओं के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर अपनी मातृभूमि की तरह हमारी मातृभूमि की रक्षा की."

रूस-यूक्रेन युद्ध: क्या चाहते हैं पुतिन?

जून 2024 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए थेतस्वीर: Vladimir Smirnov/POOL/TASS/dpa/picture alliance

रूस का दावा, कुर्स्क पूरी तरह उसके अधिकार में

इससे पहले 26 अप्रैल को रूस ने दावा किया था कि कुर्स्क प्रांत अब पूरी तरह उसके नियंत्रण में है. हालांकि, यूक्रेन ने इस दावे को खारिज किया है. यूक्रेनी सेना के मुताबिक, कुर्स्क के कुछ इलाकों में उसकी गतिविधियां जारी है. अगस्त 2024 में बड़े स्तर पर की गई औचक कार्रवाई में यूक्रेन ने कुर्स्क के कुछ सीमावर्ती इलाकों पर अधिकार कर लिया था. यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह पहला मौका था, जब कीव ने रूसी भूभाग के खासे बड़े हिस्से पर नियंत्रण कायम किया था.

इसके बाद से ही रूस इस हिस्से पर फिर से अधिकार करने की कोशिश कर रहा था. इसी क्रम में रूस में सैनिकों की भर्ती तेज किए जाने की भी खबर आई. फिर अमेरिका, यूक्रेन और दक्षिण कोरिया के खुफिया अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अक्टूबर 2024 में रूस की मदद के लिए उत्तर कोरिया ने अपने सैनिकों को कुर्स्क भेजा. सैनिकों की संख्या 10 से 12 हजार बताई गई.

इसपर प्रतिक्रिया स्वरूप नवंबर 2024 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एटीएमएस मिसाइल के इस्तेमाल पर लगी शर्तें ढीली कीं. उन्होंने यूक्रेन को रूसी भूभाग के भीतर इस मिसाइल के इस्तेमाल की इजाजत दे दी. युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की मौजूदगी को इसका मुख्य कारण बताया गया. उत्तर कोरिया ने ना तो इन आरोपों से इनकार किया, ना ही मंजूर किया. अब मॉस्को और प्योंगयांग, दोनों के बयानों से इस आरोप की पुष्टि हो गई है.

रूस और उत्तर कोरिया के बीच 2024 में 'साझा सुरक्षा समझौता' हुआतस्वीर: Yonhap/picture alliance

रूस और उत्तर कोरिया में हुआ रक्षा समझौता

जून 2024 में रूस और उत्तर कोरिया के बीच एक रक्षा समझौता हुआ था. इस "साझा सुरक्षा समझौता" के लिए राष्ट्रपति पुतिन प्योंगयांग गए. वहां दोनों देशों के बीच यह करार किया कि अगर किसी पर हमला हुआ, तो दूसरा उसकी सैन्य सहायता के लिए आएगा और हर मुमकिन तरीके से साथ देगा.

प्योंगयांग में किम जोंग उन ने किया पुतिन का भव्य स्वागत

इस समझौते पर पुतिन और किम जोंग उन के दस्तखत हैं. नवंबर में दोनों देशों ने इस समझौते पर कानूनी मुहर लगा दी. विशेषज्ञों ने इसे शीत युद्ध खत्म होने के बाद दोनों देशों के बीच हुआ सबसे बड़ा रक्षा समझौता बताया.

उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी 'केसीएनए' ने देश के 'सेंट्रल मिलिटरी कमीशन' के हवाले से बताया है कि इसी समझौते के कारण किम जोंग उन ने सैनिकों को कुर्स्क भेजने का फैसला किया. बयान के मुताबिक, किम ने सैनिकों की तारीफ करते हुए कहा, "जो लोग न्याय के लिए लड़े, वो सभी नायक हैं और मातृभूमि के सम्मान के प्रतिनिधि हैं."

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन सितंबर 2023 में ट्रेन से रूस गए थेतस्वीर: KCNA/KNS/AP/picture alliance

सैनिकों को तैनात करने का मकसद बताते हुए किम ने दावा किया, "इसका लक्ष्य यूक्रेन के कब्जा करने वाले नव-नाजियों का विनाश और खात्मा करना, और रूसी सशस्त्र बलों के साथ मिलकर कुर्स्क इलाके को आजाद कराना था."

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किम ने यह भी कहा है कि उत्तर कोरिया की सैन्य विजयों के उपलक्ष्य में जल्द ही एक स्मारक बनाया जाएगा और मारे गए सैनिकों की कब्र पर फूल चढ़ाए जाएंगे. प्रशासन को यह निर्देश भी दिया गया है कि युद्ध में हिस्सा लेने वाले सैनिकों के परिवारों को सुविधाएं दी जाएं और उनका खयाल रखा जाए.

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कितने सैनिकों पर मौत हुई, यह आंकड़ा नहीं दिया

कितने सैनिक भेजे गए और कितने मारे गए, यह जानकारी उत्तर कोरिया ने नहीं दी है. दक्षिण कोरिया ने जरूर एक आंकड़ा दिया है. मार्च 2025 में दक्षिण कोरियाई सेना ने रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए और घायल हुए उत्तर कोरियाई सैनिकों की संख्या करीब 4,000 बताई थी. सियोल ने यह भी बताया कि ना केवल 2024 में, बल्कि इस साल भी उत्तर कोरिया ने अपने सैनिक रूस भेजे हैं.

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समाचार एजेंसी एपी ने विश्लेषकों से की गई बातचीत के हवाले से बताया है कि उत्तर कोरिया के सैनिक काफी अनुशासित और प्रशिक्षित होते हैं. लेकिन ना तो उन्हें सक्रिय युद्ध का अनुभव है, ना ही वो उन जगहों को जानते हैं जहां रूस-यूक्रेन की लड़ाई चल रही है. ऐसे में वो ड्रोन और टैंकों के लिए आसान शिकार बन रहे हैं.

हालांकि, उन्हें जंग में शामिल हुए अब कई महीने हो चुके हैं. यूक्रेनी सेना का मानना है कि इतने वक्त में उन्हें लड़ाई का अनुभव हो चुका है और वो कुर्स्क में संख्याबल के हिसाब से यूक्रेन पर हावी होने की रूसी रणनीति का अहम हिस्सा साबित हो रहे हैं.

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