पाठ्यक्रम में शामिल हुआ पर्यावरण
१४ सितम्बर २०१८Putting the environment on the curriculum
आसमान में नाचता मैना का झुंड
आसमान में नाचता मैना का झुंड
कई पक्षी झुंड बना कर आसमान में उड़ते हैं. कबूतर, बुलबुल और मैना इन्हीं में से हैं. मैना तो झुंड में कुछ ऐसे उड़ती हैं, जैसे किसी कंप्यूटर प्रोग्राम से उन्हें कंट्रोल किया जा रहा हो. देखिए इनकी हैरान करने वाली तस्वीरें.
सूर्य को प्रणाम?
सूर्यास्त से पहले मैना चिड़ियां का झुंड आसमान में ऐसा अनोखा आकार बना रहा है, मानो सूर्य को प्रणाम कर रहा हो. यह तस्वीर इस्राएल में ली गई है.
सोने से पहले
ये चिड़िया अकसर सोने से पहले मिल कर आसमान में घूमती हैं. आपने शायद कबूतरों को भी ऐसा करते देखा हो. इस्राएल में जनवरी और फरवरी के महीने में ये नजारा आम है.
अद्भुत आकार
हालांकि इन पक्षियों पर ध्यान देने वाले लंबे समय से इस पर शोध करते रहे हैं लेकिन आम लोगों में इस पर तब चर्चा होने लगी जब सोशल मीडिया पर इनके वीडियो वायरल हो गए.
क्यों करते हैं?
विज्ञान कितनी भी तरक्की क्यों ना कर चुका हो लेकिन यह बात अब भी साफ नहीं हुई है कि ये परिंदे आसमान में नाचने जैसी रस्म क्यों करते हैं.
दुश्मनों से बचाव
एक सिद्धांत यह है कि दुश्मनों से बचने के लिए ऐसा किया जाता है. मिसाल के तौर पर अगर कोई चील या गिद्ध इन पर हमला करे तो ये झुंड बना कर उसी को डरा देती हैं.
नई रिसर्च
ताजा रिसर्च दुश्मनों वाले सिद्धांत को नकारती है. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह इतना आसान नहीं हो सकता, बल्कि इसके पीछे कोई और पेचीदा कारण छिपे हैं.
झुंड का मुखिया
अब तक ऐसा भी माना जाता रहा है कि कोई एक मुखिया पूरे झुंड को निर्देश देता है और सभी पक्षी उसका पालन करते हैं. लेकिन अब इसका भी खंडन हो रहा है. तो पक्षियों को पता कैसे चलता है कि क्या आकार बनाना है?
जादू जैसा
वजह कुछ भी हो, यह मानना पड़ेगा कि पक्षियों के बीच आपसी तालमेल गजब का होता है. उन्हें ठीक ठीक पता होता है कि एक दूसरे से कितनी दूरी रखनी है और किस रफ्तार से आगे बढ़ना है.
आपसी संवाद
ऐसा भी माना जाता है कि इस तरह से उड़ने के दौरान मैना चिड़िया एक दूसरे के साथ संवाद स्थापित करती हैं और एक दूसरे को जरूरी जानकारी देती हैं.
कोरियोग्राफर
अगर इंसानों को ऐसा कोई करतब करना हो, तो उन्हें एक कोरियोग्राफर की जरूरत पड़ेगी, जो तय करेगा कि किस व्यक्ति का मूवमेंट कैसा हो. इसमें लंबी ट्रेनिंग की जरूरत होगी.
कंप्यूटर प्रोग्राम
कुदरत के इस करिश्मे को देख कर लगता है जैसे किसी ने कंप्यूटर पर किसी प्रोग्राम की मदद से कोई डिजाइन तैयार किया हो. ऐसा लगता है जैसे ये परिंदे हवा में उड़ नहीं, बह रहे हों.