दुनिया के मंच पर खाड़ी देश कतर इस तरह से कभी सामने नहीं आया. ऊर्जा का धनी कतर इस महीने के आखिर में दुनिया भर के खेलप्रेमियों की नजर पर होगा जब फुटबॉल वर्ल्डकप का मुकाबला इसकी जमीन पर खेला जायेगा.
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हाथ के अंगूठे जैसी आकृति वाला प्रायद्वीपीय देश कतर फारस की खाड़ी में मौजूद है. समुद्र में मौजूद प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार के दम पर यह दुनिया में प्रति नागरिक धन के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो गया है.
इस पैसे ने इसे अरब जगत के सबसे जाने पहचाने सेटेलाइट न्यूज चैनल अल जजीरा को खड़ा करने के साथ ही, अमेरिकी सैनिकों के एक बड़े सैन्य अड्डे के निर्माण और पश्चिम के एक प्रमुख मध्यस्थ की अहम भूमिका हासिल करने में मदद दी है जिसका इस्तेमाल तालिबान के साथ बातचीत में भी हो रहा है.
दुनिया में कतर का स्थान
अरब प्रायद्वीप कतर की जमीनी सीमा सऊदी अरब से लगती है इसके साथ ही यह द्वीपीय देश बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात के भी करीब है. फारस की खाड़ी में इसकी सीमा ईरान से लगती है और यहीं पर प्राकृतिक गैस के इसके विशाल भंडार हैं. कतर अमेरिका के डेलावेयर राज्य से आकार में दोगुना है. करीब 29 लाख लोगों की इसकी आबादी का ज्यादातर हिस्सा पूर्वी तट पर मौजूद राजधानी दोहा के आसपास ही रहता है.
बुनियादी रूप से कतर समतल है और गर्मियों में इसका तापमान 40 डिग्री के ऊपर चला जाता है और तब ह्यूमिडिटी भी काफी ज्यादा रहती है.
कतर की सरकार
कतर में एक निरंकुश सरकार है जो यहां के अमीर शेख तमिम बिन हमाद अल थानी के मुताबिक चलती है. 42 साल के अमीर ने जून 2013 में सरकार की बागडोर संभाली थी जब उनके पिता ने गद्दी छोड़ दी थी. देश में 45 सदस्यों वाली एक सलाहकार परिषद भी है लेकिन असल ताकत अमीर के पास ही है.
खाड़ी के दूसरे देशों की तरह ही कतर में भी राजनीतिक दलों पर पाबंदी है. यूनियन बनाने या फिर हड़ताल का अधिकार अत्यधिक सीमित है. देश में कोई स्वतंत्र मानवाधिकार संगठन भी नहीं है. आबादी का महज 10 फीसदी हिस्सा ही यहां का मूल नागरिक है और इन्हें पालने से लेकर कब्र तक सारी सरकारी सुविधायें मिलती हैं. कतर की नागरिकता मिलना दुर्लभ है.
कतर का इतिहास
अल थानी का परिवार 1847 से कतर पर राज कर रहा है. हालांकि यह पहले ओटोमन साम्राज्य और फिर ब्रिटिश राज के अधीन रहा था. कतर 1971 में आजाद हुआ जब ब्रिटेन ने इस इलाके को अलविदा कहा. कतर से तेल का निर्यात दूसरे विश्वयुद्ध के बाद शुरू हुआ. 1997 में कतर ने दुनिया को लिक्विफाइड नेचुरल गैस भेजने की शुरूआत की.
गैस बेचने से मिले पैसे ने कतर के क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को हवा दी. उसने अल जजीरा सेटेलाइट न्यूज नेटवर्क बनाया जिससे मास मीडिया में अरब धारणाओं को प्रचारित करने में मदद मिली. खासतौर से 2011 के अरब वसंत के प्रदर्शनों के दौरान. कतर ने कतर एयरवेज को भी खड़ा किया जो पूरब और पश्चिम को जोड़ने वाली दुनिया की अच्छी एयरलाइनों में शामिल है.
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कतर
कतर सु्न्नी इस्लाम की अत्यंत रुढ़िवादी धारा का पालन करता है जिसे वहाबी कहा जाता है. हालांकि पड़ोसी देश सऊदी अरब से उलट यहां विदेशी लोगों को शराब पीने की छूट है. कतर ने 2011 में अरब वसंत के दौरान इस्लामी ताकतों का समर्थन किया इसमें मिस्र का मुस्लिम ब्रदरहुड और मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी भी शामिल थे. इनके अलावा सीरिया के राष्ट्रपति बशर अहमद के विरोधियों को कतर ने समर्थन दिया. अल जजीरा अल कायदा के नेता ओसामा बिन लादेन के बयानों को चलाने के लिए काफी मशहूर हुआ.
कतर ने चरमपंथी गुट हमास के साथ मध्यस्थ की भूमिका निभाई है और अमेरिका की तालिबान के साथ बातचीत में भी जिसका नतीजा 2021 में अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के रूप में सामने आया. बहरीन, मिस्र, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने कई सालों तक कतर का बहिष्कार किया और इसके पीछे इस्लामी ताकतों का समर्थन करना ही कुछ हद तक कारण था. यह बहिष्कार तब खत्म हुआ जब अमेरिका में जो बाइडेन राष्ट्रपति का चुनाव जीत गये.
कतर का सैन्य महत्व
1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों के सैनिकों को ठिकाना बनाने की अनुमति दे कर कतर नरे अल उदैद एयर बेस पर एक अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया. अमेरिकी सैनिकों ने 11 सितंबर के हमलों और उसके नतीजे में अफगानिस्तान पर हमले के बाद खुफिया तौर पर इस सैनिक अड्डे का इस्तेमाल शुरू किया. इस सैनिक अड्डे के अमेरिका इस्तेमाल का पता दुनिया को मार्च 2022 में चला जब उप राष्ट्रपति डिक चेनी मध्यपूर्व के दौरे पर आये.
इसके बाद अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड का मुख्यालय 2003 में अल उदैद में चला आया. इसके बाद अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में यहीं से एयर ऑपरेशन चले. इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग में भी इसने अहम भूमिका निभाई और आज भी यहां 8000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं. अमेरिका के अलावा यहां तुर्की की सेना भी तैनात है.
एनआर/ओएसजे (एपी)
फुटबॉल विश्व कप से पहले दोहा की ये जगहें और नजारे मन मोह लेंगे
कतर की राजधानी दोहा इस साल फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी कर रहा है. यहां डेजर्ट सफारी से लेकर शानदार वास्तुकला तक का लुत्फ उठाया जा सकता है.
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कतर का सांस्कृतिक केंद्र दोहा
कतर खाड़ी का एक छोटा सा देश है, जो करीब 11,500 वर्ग किलोमीटर (4,468 वर्ग मील) में फैला है. तुलना करें तो, आयरलैंड से सात गुना बड़ा है. इस मध्य पूर्वी इलाके, खासकर राजधानी दोहा में सदियों पुरानी परंपराएं और आधुनिक वास्तुकला के खजाने दिखते हैं. ज्यादातर आबादी कतर के इसी वित्तीय, सांस्कृतिक और पर्यटन वाले इलाके में रहती है.
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डाउनटाउन दोहा में वेस्ट बे की चकाचौंध
दोहा एक अत्याधुनिक महानगर है जहां दौलत, शोहरत का जलवा दिखता है. विशाल तेल और गैस के भंडार की वजह से कतर दुनिया में सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति आय ($98,000)वाला देश है. हालांकि यहां के 28 लाख निवासियों में से सिर्फ 10% ही कतरी नागरिक हैं. वेस्ट बे जिले में पर्यटकों के स्वागत के लिए खड़ी गगनचुंबी इमारतें अवंत-गार्दे वास्तुकला की झलक देती हैं.
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पुराने दौर की याद दिलाता सांस्कृतिक गांव कटारा
ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि कतर को मूल रूप से कटारा कहा जाता था. मध्य पूर्व और एशिया के बीच बसा ये देश खुद को अलग-अलग संस्कृतियों को एक ही जगह मिलाने वाले बर्तन की तरह देखता है.और ऐसा ही है सांस्कृतिक गांव "कटारा" जिसे संग्रहालयों, प्रदर्शनियों के लिए 2010 में खोला गया था. शहर के केंद्र से सिर्फ 10 मिनट में यहां आसानी से ड्राइव कर पहुंचा जा सकता है.
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अजान की आवाज है पहचान
कतर आधिकारिक रूप से इस्लामिक देश है, और बड़े पैमाने पर यहां के निवासी सुन्नी मुसलमान हैं. यहां दिन में पांच बार अजान की आवाज सुनाई देती है. पर्यटकों को बड़ी संख्या में मस्जिद दिखते हैं. दोहा में 30,000 लोगों की क्षमता वाला राष्ट्रीय मस्जिद, इमाम अब्दुल वहाब मस्जिद है. एक गैर-मुस्लिम के तौर पर आप तभी मस्जिदों में जा सकते हैं जब नमाज ना हो रही हो.
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मॉल की सैर का शानदार अनुभव
कतर के मॉल काफी बड़े हैं, और अपने आप में एक अलग दुनिया हैं. वे ना सिर्फ खरीदारी के लिए बने हैं बल्कि कुछ में थीम पार्क, सिनेमा और रेस्तरां सबकुछ है. एक मॉल में तो आप स्नोमैन यानी बर्फ के पुतले भी बना सकते हैं, जबकि एक मॉल के अंदर आप नाव यात्रा का लुत्फ उठा सकते हैं, मानो आप वेनिस में हों! गर्मियों में बाहरी तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, ऐसे में मॉल की सैर आपको ठंडक पहुंचाएगी.
कतर का सबसे पुराना बाजार दोहा में है जिसे कहते हैं सूक वकीफ. प्रतिकृति होने के बावजूद ये काफी असल रूप में और आकर्षक लगता है. मूल इमारत 2003 में आग से तबाह हो गई थी. फिर भी, व्यापारी एक सदी से भी ज्यादा समय से यहां कपड़े, हस्तशिल्प, मसाले और बाकी सामान बेच रहे हैं. स्मृति चिन्ह संजोने या शाम को टहलने के लिए ये बढ़िया जगह है.
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रेत और समुद्र से प्रेरित संग्रहालय
कतर कई सालों तक मोती व्यापार का केंद्र रहा है. कतर के राष्ट्रीय संग्रहालय का फव्वारा मोतियों की लड़ियों के आकार का है. यह फ्रांसीसी वास्तुकार जां नौवे ने बनाया है. मोती डाइविंग का प्रतीक है, जो देश की ऐतिहासिक परंपराओं में से एक है. कतर की सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है.
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कतर में एक दूसरे को मात देते नामी आर्किटेक्ट
जाहा हदीद, सर नॉर्मन फोस्टर और रेम कुल्हास वास्तुकला फर्मों में से हैं जिन्होंने कतर को शानदार इमारतें बनाकर मायानगरी में तब्दील कर दिया है.एक आकर्षण स्कूल ऑफ इस्लामिक स्टडीज भी है जिसे लंदन और बार्सिलोना में स्थित मंगेरा यवार्स आर्किटेक्ट्स ने डिजाइन किया है. इसका घुमावदार वास्तुशिल्प नायाब नमूना है.
तस्वीर: Kamran Jebreili/AP/dpa/picture alliance
इस्लामिक आर्ट म्यूजियम
दोहा का इस्लामी कला संग्रहालय अरब के सबसे अहम संग्रहालयों में से एक है. इसे चीनी-अमेरिकी वास्तुकार आईएम पेई ने डिजाइन किया है. यह इमारत पानी पर तैरता महसूस होता है. यहां इस्लामी शिल्प कौशल के खूबसूरत उदाहरण, कीमती पांडुलिपियां, चीनी मिट्टी के सामान, गहने, कपड़े और बहुत कुछ प्रदर्शित किये जाते हैं. यह दिखाता है कि इस्लाम ने दक्षिण पूर्व एशिया, भारत, इराक और सीरिया में जिंदगी को कैसे आकार दिया.
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डेजर्ट सफारी
देश के ज्यादातर हिस्से रेगिस्तानी नजर आते हैं, जो आश्चर्यजनक और खूबसूरत दोनों हैं. यहां रेतीले टीले एक आकर्षण हैं, इसलिए कई पर्यटक ऊंट की सवारी या जीप यात्रा पर जाना पसंद करते हैं. यहां कुछ बेडौइन शैली के कैंप भी हैं जहां पर्यटक रात गुजार सकते हैं. यूनेस्को से मान्यता प्राप्त खोर अल-अदद, जहां सागर रेत से मिलता है, भी देखने लायक है.
दोहा में घूमने के लिए रेगिस्तान और लंबे समुद्र तट दोनों हैं. कटारा बीच पर लोगों की काफी चहलकदमी नजर आती है. हालांकि, धार्मिक ड्रेस कोड की वजह से यहां नहाने की इजाजत तभी दी जाती है जब आप कपड़ों से ढके हों. यानी महिलाओं को बिकिनी या स्विमिंग सूट पहनने की इजाजत नहीं है. यहां आप पारंपरिक नावों पर सवारी करके या बस किनारों पर टहल कर समुद्र का आनंद ले सकते हैं.