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कैसा देश है कतर

११ नवम्बर २०२२

दुनिया के मंच पर खाड़ी देश कतर इस तरह से कभी सामने नहीं आया. ऊर्जा का धनी कतर इस महीने के आखिर में दुनिया भर के खेलप्रेमियों की नजर पर होगा जब फुटबॉल वर्ल्डकप का मुकाबला इसकी जमीन पर खेला जायेगा.

कैसा देश है कतर
कैसा देश है कतरतस्वीर: Ozkan Bilgin/AA/picture alliance

हाथ के अंगूठे जैसी आकृति वाला प्रायद्वीपीय देश कतर फारस की खाड़ी में मौजूद है. समुद्र में मौजूद प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार के दम पर यह दुनिया में प्रति नागरिक धन के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो गया है.

इस पैसे ने इसे अरब जगत के सबसे जाने पहचाने सेटेलाइट न्यूज चैनल अल जजीरा को खड़ा करने के साथ ही, अमेरिकी सैनिकों के एक बड़े सैन्य अड्डे के निर्माण और पश्चिम के एक प्रमुख मध्यस्थ की अहम भूमिका हासिल करने में मदद दी है जिसका इस्तेमाल तालिबान के साथ बातचीत में भी हो रहा है.

प्राकृतिक गैस के भंडार से कतर को अकूत कमाई होती हैतस्वीर: Thomas Koehler/photothek/picture alliance

दुनिया में कतर का स्थान

अरब प्रायद्वीप कतर की जमीनी सीमा सऊदी अरब से लगती है इसके साथ ही यह द्वीपीय देश बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात के भी करीब है. फारस की खाड़ी में इसकी सीमा ईरान से लगती है और यहीं पर प्राकृतिक गैस के इसके विशाल भंडार हैं. कतर अमेरिका के डेलावेयर राज्य से आकार में दोगुना है. करीब 29 लाख लोगों की इसकी आबादी का ज्यादातर हिस्सा पूर्वी तट पर मौजूद राजधानी दोहा के आसपास ही रहता है.

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बुनियादी रूप से कतर समतल है और गर्मियों में इसका तापमान 40 डिग्री के ऊपर चला जाता है और तब ह्यूमिडिटी भी काफी ज्यादा रहती है.

कतर में रहने वाले ज्यादातर लोग राजधानी दोहा के आसपास ही रहते हैंतस्वीर: Michael Weber/imageBROKER/picture alliance

कतर की सरकार

कतर में एक निरंकुश सरकार है जो यहां के अमीर शेख तमिम बिन हमाद अल थानी के मुताबिक चलती है. 42 साल के अमीर ने जून 2013 में सरकार की बागडोर संभाली थी जब उनके पिता ने गद्दी छोड़ दी थी. देश में 45 सदस्यों वाली एक सलाहकार परिषद भी है लेकिन असल ताकत अमीर के पास ही है.

खाड़ी के दूसरे देशों की तरह ही कतर में भी राजनीतिक दलों पर पाबंदी है. यूनियन बनाने या फिर हड़ताल का अधिकार अत्यधिक सीमित है. देश में कोई स्वतंत्र मानवाधिकार संगठन भी नहीं है. आबादी का महज 10 फीसदी हिस्सा ही यहां का मूल नागरिक है और इन्हें पालने से लेकर कब्र तक सारी सरकारी सुविधायें मिलती हैं. कतर की नागरिकता मिलना दुर्लभ है.

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के हाथ में सरकार की बागडोर हैतस्वीर: Vyacheslav Prokofyev/SNA/IMAGO

कतर का इतिहास

अल थानी का परिवार 1847 से कतर पर राज कर रहा है. हालांकि यह पहले ओटोमन साम्राज्य और फिर ब्रिटिश राज के अधीन रहा था. कतर 1971 में आजाद हुआ जब ब्रिटेन ने इस इलाके को अलविदा कहा. कतर से तेल का निर्यात दूसरे विश्वयुद्ध के बाद शुरू हुआ. 1997 में कतर ने दुनिया को लिक्विफाइड नेचुरल गैस भेजने की शुरूआत की.

गैस बेचने से मिले पैसे ने कतर के क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को हवा दी. उसने अल जजीरा सेटेलाइट न्यूज नेटवर्क बनाया जिससे मास मीडिया में अरब धारणाओं को प्रचारित करने में मदद मिली. खासतौर से 2011 के अरब वसंत के प्रदर्शनों के दौरान. कतर ने कतर एयरवेज को भी खड़ा किया जो पूरब और पश्चिम को जोड़ने वाली दुनिया की अच्छी एयरलाइनों में शामिल है.

कतर एयरवेज दुनिया की अच्छी एयरलाइनों में शुमार होती हैतस्वीर: Wang Zicheng/HPIC/dpa/picture alliance

अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कतर

कतर सु्न्नी इस्लाम की अत्यंत रुढ़िवादी धारा का पालन करता है जिसे वहाबी कहा जाता है. हालांकि पड़ोसी देश सऊदी अरब से उलट यहां विदेशी लोगों को शराब पीने की छूट है. कतर ने 2011 में अरब वसंत के दौरान इस्लामी ताकतों का समर्थन किया इसमें मिस्र का मुस्लिम ब्रदरहुड और मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी भी शामिल थे. इनके अलावा सीरिया के राष्ट्रपति बशर अहमद के विरोधियों को कतर ने समर्थन दिया. अल जजीरा अल कायदा के नेता ओसामा बिन लादेन के बयानों को चलाने के लिए काफी मशहूर हुआ.

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कतर ने चरमपंथी गुट हमास के साथ मध्यस्थ की भूमिका निभाई है और अमेरिका की तालिबान के साथ बातचीत में भी जिसका नतीजा 2021 में अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के रूप में सामने आया. बहरीन, मिस्र, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने कई सालों तक कतर का बहिष्कार किया और इसके पीछे इस्लामी ताकतों का समर्थन करना ही कुछ हद तक कारण था. यह बहिष्कार तब खत्म हुआ जब अमेरिका में जो बाइडेन राष्ट्रपति का चुनाव जीत गये.

दुनिया भर के खेलप्रेमियों का स्वागत करने के लिए तैयार है कतरतस्वीर: Suhaib Salem/REUTERS

कतर का सैन्य महत्व

1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों के सैनिकों को ठिकाना बनाने की अनुमति दे कर कतर नरे अल उदैद एयर बेस पर एक अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया. अमेरिकी सैनिकों ने 11 सितंबर के हमलों और उसके नतीजे में अफगानिस्तान पर हमले के बाद खुफिया तौर पर इस सैनिक अड्डे का इस्तेमाल शुरू किया. इस सैनिक अड्डे के अमेरिका इस्तेमाल का पता दुनिया को मार्च 2022 में चला जब उप राष्ट्रपति डिक चेनी मध्यपूर्व के दौरे पर आये.

इसके बाद अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड का मुख्यालय 2003 में अल उदैद में चला आया. इसके बाद अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में यहीं से एयर ऑपरेशन चले. इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग में भी इसने अहम भूमिका निभाई और आज भी यहां 8000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं. अमेरिका के अलावा यहां तुर्की की सेना भी तैनात है.

एनआर/ओएसजे (एपी)

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