1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

क्या है कानपुर के शेल्टर होम का पूरा मामला?

समीरात्मज मिश्र
२३ जून २०२०

उत्तर प्रदेश का एक शेल्टर होम फिर चर्चा में है. इस बार कानपुर में 57 लड़कियों के कोरोना से संक्रमित होने के बाद वहां के हालात सामने आए हैं. इनमें से सात लड़कियां गर्भवती हैं.

Symbolbild Junges Mädchen als Opfer von häuslicher Gewalt
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सरकारी बाल संरक्षण गृह की 57 लड़कियों में कोरोना संक्रमण पाया गया है. संरक्षण गृह में कुल 171 लड़कियां रहती हैं. यही नहीं, जांच के दौरान सात लड़कियां गर्भवती और कुछ में एचआईव संक्रमण भी पाया गया है. कानपुर के जिलाधिकारी ब्रह्मदेव तिवारी के मुताबिक, "कुछ दिन पहले एक लड़की को बीमार होने पर अस्पताल ले जाया गया था जहां उसमें संक्रमण का पता चला. उसके बाद करीब 97 लड़कियों की कोविड-19 जांच की गई, जिनमें 57 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. संक्रमित लड़कियों में पांच ऐसी हैं जो गर्भवती हैं जबकि दो अन्य गर्भवती लड़कियों की कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आई है. जो लड़कियां गर्भवती हैं, वे यहां आने से पहले ही गर्भवती थीं."

कोरोना रिपोर्ट आने के बाद पॉजिटिव लड़कियों को इलाज के लिए आइसोलेशन सेंटर भेज दिया गया है, जबकि संरक्षण गृह को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. संरक्षण गृह के एक कर्मचारी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है लेकिन यह पता नहीं चल सका है कि लड़कियों में संक्रमण किस वजह से हुआ है. जांच में कुछ लड़कियां एचआईवी और हेपेटाइटिस से भी संक्रमित मिली हैं.

क्षमता से ज्यादा लड़कियों को रखा गया

शेल्टर होम में इतनी बड़ी संख्या में लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव आने और गर्भवती पाए जाने की सूचना के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया. वहीं राजनीतिक स्तर पर भी सरकार को घेरने की विपक्ष की ओर से पूरी कोशिश की जाने लगी. हालांकि जिलाधिकारी ब्रह्मदेव तिवारी और कानपुर नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने इस मामले में किसी तरह की अफवाह न फैलाने की अपील की है.

एसएसपी दिनेश कुमार पी कहते हैं, "लड़कियां शेल्टर होम आने से पहले ही प्रेग्नेंट थीं. ये जिन जगहों से यहां आई हैं वहां अभियुक्तों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि इन मामलों में आगे क्या कार्रवाई हुई है. ये सभी लड़कियां छह महीने पहले यहां आई थीं.”

कानपुर के स्वरूप नगर इलाके में स्थित इस शेल्टर होम में एक हिस्से में बाल गृह बालिका और दूसरे हिस्से में महिला शरणालय है. प्रोबेशन अधिकारी अजित कुमार के मुताबिक, वर्तमान में बालगृह में 171 बलिकाएं और 59 महिलाएं रहती हैं. हालांकि संरक्षण गृह की क्षमता इतनी नहीं है लेकिन क्षमता से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं को वहां रखा गया है.

विपक्ष को मिला ट्विटर पर बहस का मौका

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद सुभाषिनी अली और जिलाध्यक्ष नीलम तिवारी ने एसएसपी से मुलाकात कर संवासिनी गृह प्रकरण में जांच कराए जाने की मांग की. सुभाषिनी अली का कहना है कि न सिर्फ कोरोना पॉजिटिव और लड़कियों के गर्भवती पाए जाने की जांच हो, बल्कि इसकी भी जांच हो कि क्षमता से ज्यादा महिलाएं यहां क्यों रखी गईं और वे किन परिस्थितियों में यहां रह रही थीं.

शेल्टर होम में लड़कियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार सुबह ट्वीट करके कहा है कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई खबर से उत्तर प्रदेश में आक्रोश फैल गया है. उन्होंने लिखा है, "कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है. इनमें 57 कोरोना से और एक एड्स से भी ग्रसित पाई गई है. इनका तत्काल इलाज हो. सरकार शारीरिक शोषण करने वालों के खिलाफ तुरंत जांच बैठाए.”

रविवार शाम इस घटना के सामने आने के बाद ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में सरकार को घेरा था. प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, "कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियां गर्भवती निकलीं और एक को एड्स पॉजिटिव निकला. बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है. यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है. ऐसे में पुनः इस तरह की घटना का सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं.”

दिल्ली के कोरोना शिविरों में कैसे गुजरता है दिन

03:13

This browser does not support the video element.

कानपुर ने दिलाई देवरिया की याद

शेल्टर होम में लड़कियों के गर्भवती पाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. हालांकि प्रशासन ने सफाई जरूर दी है कि ये पहले से ही गर्भवती थीं लेकिन बताया जा रहा है कि गर्भवती होने के बावजूद शेल्टर होम में न तो इनके लिए कोई अलग से व्यवस्था थी और न ही इलाज की कोई समुचित व्यवस्था थी.

अधिकारियों के मुताबिक, पिछले कई दिनों से बाल संरक्षण गृह में कोरोना के टेस्ट किए जा रहे हैं. संक्रमित पाई गई 57 लड़कियों की उम्र 15 से 17 साल के बीच है. शेल्टर होम की अन्य 114 लड़कियों और 37 कर्मचारियों को क्वारंटीन कर दिया गया है. कानपुर पुलिस फिलहाल यह जानने की भी कोशिश कर रही है कि शेल्टर होम में कोरोना संक्रमण कैसे फैला.

करीब डेढ़ साल पहले देवरिया जिले के एक शेल्टर होम में लड़कियों से कथित तौर पर जबरन वेश्यावृत्ति कराने का मामला सामना आया था. इस शेल्टर होम की कुछ लड़कियों ने किसी तरह से वहां से निकलकर पुलिस को यह बात बताई थी. जिस शेल्टर होम पर यह आरोप लगे थे, उसकी पहले से अनियमितताओं के चलते सीबीआई जांच चल रही थी और उसे सरकारी आर्थिक अनुदान बंद कर दिया गया था. बावजूद इसके शेल्टर होम का न सिर्फ संचालन हो रहा था, बल्कि पुलिस वाले खुद कानूनी प्रक्रिया में उलझी लड़कियों को वहां छोड़ जाते थे.

बाद में पुलिस ने छापेमारी करके यहां से 24 लडकियों को छुड़ाया था. शेल्टर होम का संचालन करने वाली महिला, उसके पति और बेटे को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था.

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

 

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें