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राहुल ने की ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल से शिकायत

२७ जनवरी २०२२

राहुल ने ट्विटर सीईओ को पत्र लिखकर शिकायत की है कि कंपनी ने सरकार के दबाव में उनके फॉलोअर्स कम किए. आरोप पर ट्विटर ने कहा है कि कंपनी मानती है कि फॉलोअर्स की संख्या खाते के साथ नजर आए, लेकिन फॉलो करने वाले वास्तविक हों.

तस्वीर: Naveen Sharma/ZUMAPRESS.com/picture alliance

भारतीय मीडिया में बताया जा रहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 27 दिसंबर को ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि ट्विटर उनके नए फॉलोअर्स को जोड़ने की क्षमता को सीमित कर रहा है, राहुल का आरोप है कि ऐसा मोदी सरकार के दबाव में किया जा रहा है. उन्होंने पत्र में लिखा, "यह हैरान करने वाला है कि मेरे ट्विटर फॉलोअर्स की वृद्धि अचानक दबा दी गई है." उनके पत्र में जिसमें उनके ट्विटर अकाउंट के डेटा के विश्लेषण के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता शशि थरूर के साथ तुलना शामिल थी.

राहुल ने अपने डेटा के बारे में लिखा उन्होंने औसतन लगभग नए फॉलोअर्स 2.3 लाख प्रति माह जोड़े, जिसकी संख्या एक समय में 6.5 लाख तक किसी किसी महीने में पहुंची गई. उन्होंने कहा, हालांकि अगस्त 2021 से उनके फॉलोअर्स बढ़ना कम हो गए. उन्होंने बताया कि नए फॉलोअर्स घटकर प्रति माह 2500 औसतन रह गए और उनके करीब दो करोड़ फॉलोअर्स हैं.

बैन हुआ था राहुल का ट्विटर अकाउंट

पिछले साल अगस्त के महीने में राहुल ने नौ साल की रेप पीड़िता के परिवार की तस्वीर ट्वीट की थी. जिसके बाद काफी विरोध हुआ. बीजेपी के नेताओं ने तस्वीर पोस्ट करने को लेकर विरोध जताया था और इसकी शिकायत ट्विटर से की थी. ट्विटर ने भी माना था कि राहुल ने उसके नियमों का उल्लंघन किया है. इसके बाद राहुल का ट्विटर अकाउंट आठ दिनों तक लॉक कर दिया गया था.

स्वतंत्र और निष्पक्ष भाषण को रोकने का आरोप

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल ने अपने पत्र में लिखा, "मैं आपका ध्यान उस ओर लाना चाहता हूं जो मुझे लगता है कि भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष भाषण पर अंकुश लगाने में ट्विटर की अनजाने में मिलीभगत है." उन्होंने आगे कहा, "ट्विटर इंडिया के लोगों द्वारा मुझे विश्वसनीय रूप से, विवेकपूर्ण तरीके से सूचित किया गया है कि ट्विटर इंडिया पर सरकार द्वारा मेरी आवाज को चुप कराने के लिए बहुत दबाव है. मेरा अकाउंट कुछ दिनों के लिए बिना किसी वैध कारण के ब्लॉक कर दिया गया था. सरकार समेत कई अन्य ट्विटर हैंडल भी थे जिन्होंने उन्हीं लोगों की इसी तरह की तस्वीरें ट्वीट की थीं. उनमें से किसी भी अकाउंट को ब्लॉक नहीं किया गया था. सिर्फ मेरे ही खाते को निशाना बनाया गया."

ट्विटर का जवाब

राहुल के आरोपों पर ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, "फॉलोअर्स की संख्या एक दृश्यमान विशेषता है और हम चाहते हैं कि सभी को यह विश्वास हो कि संख्याएं सार्थक और सटीक हैं. ट्विटर के पास प्लेटफॉर्म में हेरफेर और स्पैम के लिए जीरो टॉलरेंस नीति है." प्रवक्ता ने आगे कहा, "हम मशीन लर्निंग टूल के साथ रणनीतिक रूप से और बड़े पैमाने पर स्पैम और बॉट्स से लड़ते हैं."

अग्रवाल को पत्र में राहुल ने लिखा कि दुनिया भर में उदार लोकतंत्र और सत्तावाद के बीच वैचारिक लड़ाई सोशल मीडिया मंचों पर चल रही है. ऐसे में ट्विटर जैसी कंपनी के शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है.

ट्विटर का कहना है कि हेरफेर और स्पैम पर उसकी नीतियों का उल्लंघन करने के लिए वह हर सप्ताह लाखों अकाउंट हटाता है. राहुल ने अपने पत्र में उन तमाम मुद्दों का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने लोगों से जुड़े मुद्दे उठाए थे, जैसे दिल्ली की बच्ची से रेप का मुद्दा, किसानों के मुद्दे पर उनके साथ आना और मानवाधिकार से जुड़े मसले आदि. राहुल के आरोपों पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया.

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