मानहानि के मामले में हुई सजा पर रोक लगवाने की राहुल गांधी की अपील को सूरत की अदालत ने खारिज कर दिया है. अब गांधी को गुजरात हाई कोर्ट में अपील करनी पड़ेगी.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील को ठुकराते हुए सूरत की सेशंस अदालत ने कहा कि वो ऐसी कोई "असाधारण परिस्थितियां" नहीं दिखा पाए हैं जिनकी वजह से उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए.
अदालत ने कहा कि कि गांधी सांसद और देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं और इस लिहाज से उन्हें अपने शब्दों को लेकर ज्यादा सावधान रहना चाहिए था.
'अपरिवर्तनीय' नुकसान नहीं
अदालत ने यह भी कहा कि 'मोदी' उपनाम वाले सभी लोगों की चोरों से तुलना करने से शिकायतकर्ता को बेशक मानसिक पीड़ा हुई होगी और उनकी साख को नुकसान पहुंचा होगा. इस मामले में शिकायतकर्ता हैं गुजरात में बीजेपी के विधायक पुर्नेश मोदी.
अदालत के मुताबिक गांधी यह साबित नहीं कर पाए कि उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने और चुनाव लड़ पाने का मौका ना दिए जाने की वजह से उन्हें अपरिवर्तनीय नुकसान होगा. अदालत ने कहा कि संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाना अपरिवर्तनीय नुकसान नहीं है.
मामला लोकसभा चुनावों के दौरान 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में गांधी द्वारा दिए गए एक भाषण से संबंधित है. उन्होंने भाषण में कहा था, "चाहे नीरव मोदी हों, ललित मोदी या नरेंद्र मोदी, सभी चोरों का उपनाम 'मोदी' ही क्यों होता है?"
इसके बाद पुर्नेश मोदी ने सूरत के चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट की अदालत में गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कर दिया था. उनका आरोप था कि गांधी ने मोदी उपनाम वाले 13 करोड़ लोगों की भावनानों को ठेस पहुंचाई है.
हाई कोर्ट में अपील
इसी अदालत ने 23 मार्च को गांधी को दोषी पाया था और दोषसिद्धि के आधे घंटे के अंदर उन्हें दो साल जेल की सजा भी सुना दी थी. साथ ही सजा को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया था ताकि गांधी इस अवधि में अपील कर सकें.
चुनावों में धांधली के हथकंडे
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हालांकि उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगी थी, जिसकी वजह से लोकसभा ने गांधी को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया. उनके पास अभी भी अपनी सदस्यता फिर से हासिल करने का मौका है.
अब उन्हें अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगवाने के लिए सेशंस अदालत से ऊपर की अदालत, यानी गुजरात हाई कोर्ट में अपील करनी होगी. कांग्रेस पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा है कि पार्टी सभी विकल्पों की सहायता लेगी.
पार्टी ने अभी यह नहीं बताया है कि गुजरात हाई कोर्ट में अपील कब दायर की जाएगी. अभी तक चुनाव आयोग ने गांधी के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र वायनाड को रिक्त घोषित भी नहीं किया है.
ईडी की जद में विपक्षी नेता
भारत में प्रवर्तन निदेशालय पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक भ्रष्टाचार के कई मामलों में कार्रवाई कर रही है. ज्यादातर मामले विपक्षी नेता और राजनीतिक दल से जुड़े हैं.
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सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ कर चुकी है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में कर रही है.
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राहुल गांधी
सोनिया गांधी से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से ईडी कई घंटे की पूछताछ कर चुकी है. राहुल से भी नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ हुई है.
आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ईडी जांच कर रही है. पी चिदंबरम को ईडी ने 2019 में आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार किया था.
तस्वीर: UNI
कार्ति चिदंबरम
पी चिदंबरम के बेटे और सांसद कार्ति चिदंबरम पर कथित वीजा रैकेट मामले की जांच सीबीआई कर रही है. आरोप है कि 2011 में जब पी चिदंबरम केंद्र में गृह मंत्री थे तब पंजाब में काम कर रही एक चीनी कंपनी के लोगों को वीजा दिलाने के लिए कार्ति चिदंबरम ने कथित तौर पर रिश्वत ली थी.
तस्वीर: IANS
अभिषेक बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी अपनी पत्नी रुजीरा बनर्जी के साथ कथित कोयला तस्करी मामले में ईडी की जांच के घेरे में हैं. इस मामले में अभिषेक बनर्जी से ईडी दो बार पूछताछ कर चुकी है.
तस्वीर: Satyajit Shaw/DW
संजय राउत
शिवसेना के सांसद संजय राउत के खिलाफ ईडी पात्रा चॉल घोटाले की जांच कर रही है. ईडी की छापेमारी के दौरान उनके घर से साढ़े ग्यारह लाख रुपये बरामद हुए थे. पूछताछ के बाद 31 जुलाई को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. राउत का आरोप है कि ईडी केंद्र के निर्देशों पर काम कर रही है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Maqbool
सत्येंद्र जैन
आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी गिरफ्तार कर चुकी है. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
तस्वीर: Hindustan Times/imago images
पार्थ चटर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी पार्थ चटर्जी पर कथित स्कूल भर्ती घोटाले का आरोप है. उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी मिल चुकी है. ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को न केवल मंत्री पद से हटा दिया है बल्कि पार्टी से बाहर का भी रास्ता दिखा दिया है.
तस्वीर: Prabhakar Mani Tewari/DW
फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. उन पर जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे. 2019 में अब्दुल्ला का बयान ईडी ने दर्ज किया था.
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नवाब मलिक
एनसीपी नेता नवाब मलिक को ईडी ने इसी साल फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी उनकी एक जमीन सौदे की जांच कर रही थी, जो संदिग्ध तौर पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ी थी.