संयुक्त किसान मोर्चा सोमवार को 6 घंटे का देशव्यापी रेल रोको आंदोलन कर रहा है. किसान संगठनों के आंदोलन के कारण उत्तर भारत में 30 स्थानों पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई.
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लखीमपुर हिंसा मामले पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को भारत सरकार में मंत्री पद से हटाकर तत्काल गिरफ्तार किए जाने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को 6 घंटे के देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया है. रेल रोको सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक होगा.
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा रेल रोको आह्वान पर हरियाणा के सोनीपत और फतेहाबाद रेलवे स्टेशनों की पटरियों पर किसानों ने अपना डेरा डाल दिया. रेल रोको के तहत हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों के रेलवे स्टेशनों पर किसान विरोध स्वरूप रेल पटरियों पर बैठ गए.
किसानों के रेल रोको आंदोलन के कारण ट्रेन सेवा पर भी खासा असर दिखा है और आम यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
भारतीय रेलवे ने यूपी-दिल्ली रूट की कुछ ट्रेनें रद्द व डायवर्ट की है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से कहा, "ये अलग-अलग जिलों में अलग-अलग जगह होगा. पूरे देश में वहां के लोगों को पता रहता है कि हमें कहां ट्रेन रोकनी है. भारत सरकार ने अभी हमसे कोई बात नहीं की है."
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे अलग-अलग किसान संगठनों के संयुक्त मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि जब तक लखीमपुर खीरी मामले में इंसाफ नहीं मिल जाता प्रदर्शन और तेज होगा. मोर्चा ने बयान में कहा, "रेल रोको प्रदर्शन के दौरान सोमवार को 10 बजे से शाम चार बजे तक सभी मार्गों पर छह घंटे के लिए रेल यातायात को रोका जाएगा."
बयान के मुताबिक, "गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार राष्ट्रव्यापी रेल रोको कार्यक्रम की घोषणा की है ताकि लखीमपुर खीरी जनसंहार में न्याय मिल सके."
किसानों के आंदोलन को देखते हुए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सुरक्षा कड़ी की गई है.
खेतों में सौर ऊर्जा से हो रहा दोगुना मुनाफा
पूरी दुनिया में सौर ऊर्जा की मदद से किसान दोगुना कमा रहे हैं. खेतों के ऊपर सौर ऊर्जा के पैनल लगा देने से नीचे फसलें उगती हैं और ऊपर बिजली पैदा होती है. पैनलों की छांव से पानी बचाने में मदद मिलती है और पैदावार भी बढ़ती है.
तस्वीर: picture alliance/blickwinkel/R. Linke
फल भी उगाइए, बिजली भी बनाइए
फाबियान कार्टहाउस जर्मनी में फोटोवोल्टिक पैनलों के नीचे रसबेरी और ब्लूबेरी उगाने वाले पहले किसानों में से हैं. उत्तर-पश्चिमी जर्मनी के शहर पैडरबॉर्न में स्थित उनका सौर खेत करीब एक एकड़ में फैला है, लेकिन वो उसे 10 एकड़ का बनाना चाहते हैं. ऐसे करने से वो इतनी बिजली बना पाएंगे जो करीब 4,000 घरों के काम आएगी. इसके अलावा उन्हें बाजार में बेचने के लिए बेरियां भी मिल जाएंगी.
तस्वीर: Gero Rueter/DW
प्लास्टिक की छत की जगह शीशे का पैनल
अभी तक कई किसान नाजुक फलों और सब्जियों को प्लास्टिक के पर्दों के नीचे उगाते थे. लेकिन प्लास्टिक के ये पर्दे सिर्फ कुछ ही साल चलते हैं, महंगे होते हैं और इनसे काफी प्लास्टिक कचरा भी उत्पन्न होता है. निदरलैंड में कई किसान फलों, सब्जियों को शीशे के पैनलों के नीचे उगा रहे हैं. ग्रोनलेवेन में ये पैनल फसल को तो बचाते हैं ही, ये 30 सालों तक चलते हैं. बिजली बेचने से अतिरिक्त कमाई होती है.
तस्वीर: BayWa r.e.
चीन बढ़ावा दे रहा है एग्रीवोल्टिक को
चीन बड़े पैमाने पर फोटोवोल्टिक का विस्तार कर रहा है और पिछले कुछ सालों से कृषि संबंधित फोटोवोल्टिक या एग्रीवोल्टिक पर भी निर्भर कर रहा है. उत्तरी चीन के हेबेई में स्थित यह प्लांट 24 एकड़ से भी ज्यादा इलाके में फैला है. नीचे अनाज उगाया जाता है. सौर मॉड्यूल पास ही में बनाए जाते हैं. इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं और गरीबी कम करने में भी मदद मिलती है.
दुनिया के सबसे बड़े सौर पार्कों में से कुछ चीन के गोबी रेगिस्तान में हैं, जहां जगह की कोई कमी नहीं है. कुछ स्थानों पर मॉड्यूलों की छांव में फसलें उगाई जाती हैं. इससे मरुस्थलीकरण रुकता है और मिट्टी को फिर से खेती के योग्य बनने में मदद मिलती है.
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सूखे से मुकाबला
चिली के सैंतिआगो में स्थित यह छोटी से सौर छत दक्षिणी अमेरिका के सबसे पहले एग्रीवोल्टिक प्रणालियों में से है. शोधकर्ता यहां ब्रोकोली और गोभी का इस्तेमाल कर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि प्रणाली को चलाने का सबसे अच्छा तरीका क्या होगा. इस इलाके में कड़ी धूप होती है और यह कम होती बारिश और बढ़ते सूखे से भी जूझ रहा है. सौर छांव के साथ शुरुआती तजुर्बा सकारात्मक रहा है.
तस्वीर: Fraunhofer Chile
सौर ऊर्जा से पानी
रवांडा की ये किसान सौर ऊर्जा से चलने वाले एक चलते फिरते जल पंप से अपनी जीविका चलाती हैं. एक छोटे से शुल्क के बदले वो अपने पंप को दूसरे किसानों के खेतों तक ले जाती हैं और आस पास के पानी के स्रोतों से उनकी सिंचाई करती हैं. पूरे अफ्रीका में कृषि में सौर ऊर्जा के उपयोग की संभावनाएं हैं.
तस्वीर: Ennos
सौर ऊर्जा के साथ मछली पालन
यह अनोखा इंतजाम पूर्वी चीन में शंघाई से 150 किलोमीटर दक्षिण की तरफ स्थित है. इस तालाब में पीपे के पुलों पर सौर पैनल तैरते हैं और उनके नीचे मछली पालन होता है. पैनलों को इस तरह सजाया गया है कि मछलियों को भी पर्याप्त रोशनी मिले. लगभग 740 एकड़ में फैले ये पैनल 1,00,000 परिवारों के लिए बिजली बनाते हैं.
एक वैकल्पिक दृष्टिकोण
सौर पैनलों को खेतों में लंबवत रखने से उन्हें दोनों तरफ से रोशनी मिलती है. जर्मनी में इस तरह के ढांचे छतों पर लगे पैनलों के जितनी ही बिजली बना सकते हैं. साथ ही साथ ये एक तरह से बाड़ का भी काम करते हैं और हवा से बचाते हैं. खेती के दूसरे उपकरणों को रखने के लिए काफी जगह भी बच जाती है.
तस्वीर: Next2Sun GmbH
जमीन को खाली रखना
बायोगैस और बायो ईंधन के लिए मक्का, गेहूं और गन्ने उगाने में पूरी दुनिया की कृषि योग्य भूमि का चार प्रतिशत इस्तेमाल में लग जाता है. इस ऊर्जा को सौर स्रोतों से बनाना कहीं ज्यादा सस्ता होगा और इसके लिए अभी जितनी जमीन की जरूरत है उसके सिर्फ दसवें भाग की जरूरत होगी. (गेरो रूटर)
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लखनऊ पुलिस ने रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है. लखनऊ पुलिस ने धारा 144 लगाई है और चेतावनी दी है कि अगर कोई सामान्य स्थिति को बाधित करेगा तो पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी.
किसान अजय मिश्रा को केंद्र सरकार में मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने की मांग करते आ रहे हैं. मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि मिश्रा के बेटे ने जीप से किसानों को रौंद डाला था.