सिर्फ दिल्ली में इस साल 450 से ज्यादा नाबालिग बच्चियों से बलात्कार हुआ है. उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों में भी हर दिन ऐसे मामले दर्ज हो रहे हैं. क्या भारत वाकई बलात्कारियों से भरा हुआ देश है?
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निर्भया कांड के वक्त जागा देश फिर अपनी यौन कुंठाओं की जकड़ में है. कमेटी बना दी, कानून बदल दिया, लेकिन सोच नहीं बदली. दिल्ली में नाबालिगों से बलात्कार के 450 मामले, बुलंदशहर और बरेली में हुई गैंगरेप की झकझोरने वाली वारदातें, इसकी गवाही भी दे रही हैं. हर चीज पर ट्वीट पर करने वाले प्रधानमंत्री की मनोरोगी बनते समाज का इलाज करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखती. राज्य के मुख्यमंत्रियों के लिए यह अपराध की मामूली घटनाएं होती हैं.
बरेली में एक स्कूल टीचर से हुए सामूहिक बलात्कार के बाद पता चल रहा है कि वहां लड़कियां किस हालात में जी रही हैं. करीब 50 लड़कियों ने पुलिस से शिकायत की है कि रास्ते में कई स्थानीय लड़के उन्हें छेड़ते हैं. लड़कियों का कहना है कि जब तक पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी तब तक वे स्कूल नहीं जाएंगी.
धनेली और औरंगाबाद गांव की लड़कियों और उनके घरवालों ने पुलिस स्टेशन जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. लड़कियां दुनका इंटर कॉलेज में पढ़ती हैं. लड़कियों का कहना है कि छेड़खानी करने वाले लड़के आए दिन उनका रास्ता रोकते हैं और अश्लील टिप्पणियां करते हैं. सामूहिक रूप से दर्ज करायी गई एफआईआर के बाद पुलिस ने दो लड़कों को गिरफ्तार किया है.
(दुनिया के कई शहर बुरी तरह बदनाम हो चुके हैं. वहां होने वाले खास अपराधों के चलते सैलानी वहां जाने से पहले कई दफा सोचते हैं. एक नजर इन शहरों पर.)
दुनिया के बदनाम शहर
दुनिया के कई शहर बुरी तरह बदनाम हो चुके हैं. वहां होने वाले खास अपराधों के चलते सैलानी वहां जाने से पहले कई दफा सोचते हैं. एक नजर इन शहरों पर.
तस्वीर: THOMAS COEX/AFP/Getty Images
दिल्ली
भारत की राजधानी नई दिल्ली दुनिया भर में बलात्कारों के लिए बदनाम है. तमाम ऐतिहासिक धरोहरें होने के बावजूद महिला पर्यटकों को दिल्ली में डर लगता है. इंटरनेट पर कई ऐसे ब्लॉग हैं जहां दिल्ली जाने वाली महिलाएं सुरक्षा के लिए मशविरे मांगती हैं.
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बैंकॉक
थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक भी सेक्स टूरिज्म के लिए बदनाम हैं. कई सैलानी बैंकॉक इसी इरादे से भी पहुंचते हैं. इसे एशिया की सेक्स राजधानी भी कहा जाता है.
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लास वेगस
अमेरिका का लास वेगस शहर सेक्स पार्टियों और जुए के लिए बदनाम हैं. आम तौर युवा सैलानी वेगस जाते हैं और स्ट्रिप क्लब और कसीनो तक पहुंचते हैं.
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इस्तांबुल
तुर्की का यह सबसे बड़ा शहर वैसे तो पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है, लेकिन शहर के कुछ खास इलाके चोरी के लिए बदनाम हैं. चोरी की वारदातें दुनिया के दूसरे शहरों में भी होती हैं लेकिन इंस्तांबुल में तो रेस्तरां में खाना खाने के दौरान तक चोर हाथ साफ कर जाते हैं.
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प्राग
चेक गणराज्य की राजधानी प्राग ठगों के लिए बदनाम है. विदेशी मुद्रा बदलने का झांसा देकर यहां ठग आए दिन पर्यटकों को फांसते हैं. आम तौर पर चेक करेंसी चेक क्रोने के बदले वे सैलानियों को हंगरी की मुद्रा थमा देते हैं. सैलानी जब तक हिसाब लगाते हैं तब तक ठग चंपत हो जाते हैं.
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रियो डे जनेरो
दिन में समंदर की छलकती लहरें और शाम को बिंदास पार्टी, इसी उम्मीद में बड़ी संख्या में सैलानी ब्राजील के शहर रियो डे जनेरो पहुंचते हैं. लेकिन पहाड़ी रास्तों, संकरी और अंतहीन गलियों वाला रियो ड्रग्स, लूटपाट और रेप के लिए भी बदनाम है. सैलानियों से यहां सावधान रहने की अपील की जाती है.
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बुखारेस्ट
रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट कार चोरी के लिए बदनाम है. यूरोप से बढ़िया गाड़ियों में रोमानिया जाने वाले आम तौर पर ट्रेन या हवाई जहाज के जरिये वापस लौटते हैं.
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एकापुल्को
मेक्सिको का यह तटीय शहर कभी सैलानियों के पसंदीदा ठिकानों में हुआ करता था, लेकिन ड्रगस की तस्करी के चलते अब यहां भी अपराधों का ग्राफ बढ़ा है. शहर के बाहरी इलाकों में हत्या, लूटपाट, अपहरण जैसी वारदातें होती रहती हैं.
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केप टाउन
दक्षिण अफ्रीका का यह शहर दिन में जितना खूबसूरत और मोहक लगता हैं, रात में उतना ही डरावना लगता है. यहां बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं. लेकिन हर कोई उन्हें यही सलाह देता है कि वह रात में अकेले बाहर न निकलें. लूटपाट के अलावा वहां महिलाओं को भी यौन हिंसा का निशाना बनाया जाता है
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काराकस
वेनेजुएला की राजधानी ड्रग तस्करों के गैंगवार के लिए बदनाम है. यहां लूटपाट और हत्याएं भी आम बात हैं. पर्यटक काराकस जाने से यूं ही नहीं घबराते हैं.
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धनेली की ग्राम प्रधान नौनेश कुमारी के मुताबिक कुछ दिन पहले उनकी दो बेटियों को स्कूल जाते हुए बदसलूकी झेलनी पड़ी. उस घटना के बाद से ही ग्राम प्रधान की बेटियां स्कूल नहीं जा रही हैं. कॉलेज के प्रिसिंपल विनोद कुमार भी बरेली के एसएसपी और अन्य पुलिस अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं.
बरेली के डीआईजी आशुतोष कुमार ने मामले की जांच का वादा करते हुए रास्ते में पुलिस गश्त लगवाने का आश्वासन दिया है. डीआईजी के मुताबिक पुलिस सादे कपड़ों में गश्त लगाएगी.
बुलंदशहर में नेशनल हाईवे पर हुए गैंगरेप के बाद बरेली में भी एक झकझोर देने वाली वारदात हुई. मंगलवार को दिल्ली को लखनऊ से जोड़ने वाले एनएच 24 से एक महिला टीचर को अगवा किया गया. कार में सवार बलात्कारियों ने सड़क पर खड़ी युवती को जबरन कार में खींचा और फिर एक खेत में उससे सामूहिक बलात्कार किया.
बुलंदशहर में हुए गैंगरेप को समाजवादी पार्टी के विवादित नेता आजम खान राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं. वहीं पीड़ित परिवार न्याय न मिलने पर आत्महत्या की चेतावनी दे चुका है. ये सब उस देश में हो रहा है जो खुद को लोकतांत्रिक और कानून सम्मत राष्ट्र कहता है.
भारत में महिलाओं के कानूनी अधिकार
भारत में महिलाओं के लिए ऐसे कई कानून हैं जो उन्हें सामाजिक सुरक्षा और सम्मान से जीने के लिए सुविधा देते हैं. देखें ऐसे कुछ महत्वपूर्ण कानूनी अधिकार...
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पिता की संपत्ति का अधिकार
भारत का कानून किसी महिला को अपने पिता की पुश्तैनी संपति में पूरा अधिकार देता है. अगर पिता ने खुद जमा की संपति की कोई वसीयत नहीं की है, तब उनकी मृत्यु के बाद संपत्ति में लड़की को भी उसके भाईयों और मां जितना ही हिस्सा मिलेगा. यहां तक कि शादी के बाद भी यह अधिकार बरकरार रहेगा.
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पति की संपत्ति से जुड़े हक
शादी के बाद पति की संपत्ति में तो महिला का मालिकाना हक नहीं होता लेकिन वैवाहिक विवादों की स्थिति में पति की हैसियत के हिसाब से महिला को गुजारा भत्ता मिलना चाहिए. पति की मौत के बाद या तो उसकी वसीयत के मुताबिक या फिर वसीयत ना होने की स्थिति में भी पत्नी को संपत्ति में हिस्सा मिलता है. शर्त यह है कि पति केवल अपनी खुद की अर्जित की हुई संपत्ति की ही वसीयत कर सकता है, पुश्तैनी जायदाद की नहीं.
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पति-पत्नी में ना बने तो
अगर पति-पत्नी साथ ना रहना चाहें तो पत्नी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपने और बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांग सकती है. घरेलू हिंसा कानून के तहत भी गुजारा भत्ता की मांग की जा सकती है. अगर नौबत तलाक तक पहुंच जाए तब हिंदू मैरिज ऐक्ट की धारा 24 के तहत मुआवजा राशि तय होती है, जो कि पति के वेतन और उसकी अर्जित संपत्ति के आधार पर तय की जाती है.
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अपनी संपत्ति से जुड़े निर्णय
कोई भी महिला अपने हिस्से में आई पैतृक संपत्ति और खुद अर्जित की गई संपत्ति का जो चाहे कर सकती है. अगर महिला उसे बेचना चाहे या उसे किसी और के नाम करना चाहे तो इसमें कोई और दखल नहीं दे सकता. महिला चाहे तो उस संपत्ति से अपने बच्चो को बेदखल भी कर सकती है.
तस्वीर: Fotolia/drubig-photo
घरेलू हिंसा से सुरक्षा
महिलाओं को अपने पिता या फिर पति के घर सुरक्षित रखने के लिए घरेलू हिंसा कानून है. आम तौर पर केवल पति के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इस कानून के दायरे में महिला का कोई भी घरेलू संबंधी आ सकता है. घरेलू हिंसा का मतलब है महिला के साथ किसी भी तरह की हिंसा या प्रताड़ना.
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क्या है घरेलू हिंसा
केवल मारपीट ही नहीं फिर मानसिक या आर्थिक प्रताड़ना भी घरेलू हिंसा के बराबर है. ताने मारना, गाली-गलौज करना या फिर किसी और तरह से महिला को भावनात्मक ठेस पहुंचाना अपराध है. किसी महिला को घर से निकाला जाना, उसका वेतन छीन लेना या फिर नौकरी से संबंधित दस्तावेज अपने कब्जे में ले लेना भी प्रताड़ना है, जिसके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला बनता है. लिव इन संबंधों में भी यह लागू होता है.
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पुलिस से जुड़े अधिकार
एक महिला की तलाशी केवल महिला पुलिसकर्मी ही ले सकती है. महिला को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले पुलिस हिरासत में नहीं ले सकती. बिना वारंट के गिरफ्तार की जा रही महिला को तुरंत गिरफ्तारी का कारण बताना जरूरी होता है और उसे जमानत संबंधी उसके अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए. साथ ही गिरफ्तार महिला के निकट संबंधी को तुरंत सूचित करना पुलिस की ही जिम्मेदारी है.
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मुफ्त कानूनी मदद लेने का हक
अगर कोई महिला किसी केस में आरोपी है तो महिलाओं के लिए कानूनी मदद निःशुल्क है. वह अदालत से सरकारी खर्चे पर वकील करने का अनुरोध कर सकती है. यह केवल गरीब ही नहीं बल्कि किसी भी आर्थिक स्थिति की महिला के लिए है. पुलिस महिला की गिरफ्तारी के बाद कानूनी सहायता समिति से संपर्क करती है, जो कि महिला को मुफ्त कानूनी सलाह देने की व्यवस्था करती है.