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राजनीतियूक्रेन

कीव की ओर बढ़ रहा है रूसी सेना का 60 किलोमीटर लंबा काफिला

२८ फ़रवरी २०२२

यूक्रेन के नेताओं का कहना है कि रूसी सेना का लगभग 60 किलोमीटर लंबा काफिला राजधानी कीव की ओर बढ़ रहा है. हालांकि अब तक भी तीनों बड़े शहर कीव, खारकिव और चेरनिव रूस के कब्जे में नहीं हैं.

मैक्सर टेक्नोलॉजी द्वारा उपलब्ध करवाई गई इस उपग्रह से ली गई तस्वीर में रूसी काफिला देखा जा सकता है.
मैक्सर टेक्नोलॉजी द्वारा उपलब्ध करवाई गई इस उपग्रह से ली गई तस्वीर में रूसी काफिला देखा जा सकता है.तस्वीर: Maxar /AP/picture alliance

उपग्रहों से मिली तस्वीरों में करीब 40 मील लंबा सैन्य काफिला यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ता दिख रहा है. कीव के अलावा, खारकिव और चेरनिव भी दोनों सेनाओं के बीच तेज लड़ाई जारी है और रूसी बमबारी में आम नागरिकों की जान जाने की भी रिपोर्ट है.

यूक्रेन की युद्ध विराम लागू करने की मांग पर भी रूस ने कोई ध्यान नहीं दिया है जिस कारण देश के कई शहरों में लड़ाई और तेज हो गई है. खारकिव और चेरनिव शहरों पर भारी बमबारी की खबरें हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने खारकिव में रूसी बमबारी को ‘युद्ध अपराध’ बताया है.

रूस के खिलाफ यूरोप और अन्य देशों द्वारा प्रतिबंध लगाने का सिलसिला जारी है. कनाडा ने रूस से तेल आयात पर रोक लगा दी है. अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ, फीफा ने रूस की राष्ट्रीय और क्लब टीमों को भविष्य में किसी भी प्रतियोगिता से प्रतिबंधित कर दिया है.

यूक्रेन के बुका में बमबारीतस्वीर: Vasyl Molchan/Ukrinform/imago images

सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमानुएल माक्रों से फोन पर बात की, जिसमें पुतिन ने रूस की सुरक्षा चिंताओं को जायज बताते हुए उन्हें हल किए जाने की मांग की. संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भी रूसी प्रतिनिधि ने अपने देश की यूक्रेन पर कार्रवाई को सही ठहराया.

संयुक्त राष्ट्र में मौन

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के विशेष आपातकालीन सत्र की शुरुआत यूक्रेन के लिए एक मिनट के मौन के साथ शुरू हुई. यह विशेष सत्र यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने के लिए बुलाया गया है. यूएन असेंबली के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम की मांग की है.

संयुक्त राष्ट्र में रुस के राजदूत का कहना है कि रूसी सेना युक्रेन के नागरिकों के लिए खतरा नहीं है. संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष सत्र में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भी पहुंचने की खबर आई थी. हालांकि बाद में रूस की तरफ से यह कह कर यात्रा रद्द कर दी गई कि रूसी विमानों के अमेरिकी वायुसीमा में जाने पर लगे प्रतिबंध के कारण वह नहीं जाएंगे.

यूक्रेन के खारकीव शहर में रूसी गोलाबारी में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है. यह शहर देश के पूर्वी हिस्से में है. रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी में लोगों से कहा है कि वो हाईवे के रास्ते यहां से निकल सकते हैं. ऐसी आशंका है कि रूसी सेना के हमले में नागरिक इलाकों को निशाना बनाया जायेगा.

 

डोनेत्स्क क्षेत्र में भी युद्ध के निशानतस्वीर: Ilya Pitalev/SNA/imago images

उधर यूक्रेन की सेना का कहना है कि उन्होंने कीव के बाहरी इलाके में रूसी सेना के हमलों का डट कर सामना किया है. इस दौरान तीन मिसाइलों ने शहर को अपना निशाना बनाया. यूक्रेन का दावा है कि 4300 रूसी सैनिक अब तक मारे जा चुके हैं और रूस का हमला हल्का पड़ गया है. अमेरिका का कहना है कि यूक्रेन के आसामान पर रूसियों का पूरी तरह नियंत्रण नही है लेकिन रूसी सेना यूक्रेन के आसमान पर अपने कब्जे का दावा कर रही है. सोमवार को बेलारूस और यूक्रेन की सीमा पर यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधिमंडल की कई घंटे तक बैठक चली. इस तरह की बातची के कई और दौर होने की उम्मीद जताई गई है. यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल हेलीकॉप्टर में सवार हो कर बैठक वाली जगह पर पहुंचा. 

यूरोपीय संघ 45 करोड़ यूरो के हथियार देगा

यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह यूक्रेन को लड़ाकू विमान देगा. यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल का कहना है कि यूरोपीय संघ 45 करोड़ यूरो की कीमत के हथियार यूक्रेन को देने की मंजूरी दे दी है. यह पहली बार है कि यूरोपीय संघ किसी युद्ध में शामिल देश को हथियार दे रहा है. इस बीच फिनलैंड ने भी यूक्रेन को हथियार की सप्लाई देने का एलान किया है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन को यूरोपीय संघ में शामिल करने की मांग रखी है. जेलेंस्की ने एक आवेदन पत्र पर दस्तखत किए हैं ताकि यूरोपीय संघ में यूक्रेन को शामिल करने की मांग को ठोस रूप दिया जा सके.

'पापा को कीव में ही छोड़ आए हैं'

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जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक का कहना है कि यूरोपीय संघ में किसी को शामिल करने का काम कुछ महीनों में नहीं हो सकता. जर्मन विदेश मंत्री ने कहा है कि इसके लिए देश में बदलाव की एक लंबी प्रक्रिया शुरू करनी होगी. हालांक बेयरबॉक ने यह भी कहा कि यूक्रेन यूरोप का हिस्सा है और यूरोपीय संघ हमेशा से एक ऐसा घर है जिसके दरवाजे खुले हुए हैं. बेयरबॉक ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ के अलावा भी बहुत से यूरोपीय संस्थान हैं जो साथ मिल कर यूरोपीय महाद्वीप में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

प्रतिबंधों का घेरा और कसा

इस बीच स्विट्जरलैंड ने भी यूरोपीय संघ के लगाए कुछ प्रतिबंधों को अपने यहां मंजूरी दे दी है. इनमें रूसी संपत्तियों को जब्त करना और रूसी लोगों को पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. फ्रांस ने भी उन सभी लोगों की संपत्ति जब्त करने का फैसला किया है जिन पर यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध लगाया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने सोमवार को पुतिन से टेलिफोन पर बात भी की और युद्ध रोकने की मांग रखी.

अमेरिका और कनाडा ने रूसी सेट्रल बैंक के साथ हर तरह के लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध तत्काल लागू कर दिया गया है. सोमवार को रूरी सेट्रल बैंक ने ब्याज की दरें 8.5 फीसदी से बढ़ा कर 20 फीसदी कर दी. रूसी बैंक प्रतिबंधों का असर कम करने की कोशिश में है.

यह भी पढ़ेंः रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का जर्मनी पर असर

यूरोपीय सहयोगियों के साथ लगे इस प्रतिबंध के बाद रूसी सेंट्रल बैंक के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल कर रूबल खरीदना मुश्किल हो जाएगा. रूबल की कीमत सोमवार को बहुत ज्यादा नीचे गिर गई है. कनाडा के विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कहा है, "यूक्रेन पर हमला रूस की रणनीतिक नाकामी साबित हो यह सुनिश्चित करने के लिए" प्रतिबंध लगाया गया है. रूस में नगदी निकालने के लिए लोगों को एटीएम मशीनों के बाहर लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ रहा है. 

यूक्रेन से बाहर जाते लोग

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां से भागने वाले लोगों संख्या पांच लाख के पार चली गई है. संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी ने यह जानकारी दी. रविवार को जारी की गई संख्या की तुलना में यह करीब 80 हजार ज्यादा है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां यूक्रेन के युद्ध के नतीजे में करीब 70 लाख लोगों के विस्थापित होने की आशंका जता रही हैं. इनमें से बहुत सारे लोग यूक्रेन के भीतर भी विस्थापित होंगे.

यूरोपीय संघ ने युद्ध के दौर मेंयूक्रेन से आ रहे लोगों को तीन साल तक यहां रहने की अनुमति देने का फैसला किया है. सबसे ज्यादा 281,000  शरणार्थी पोलैंड पहुंचे हैं. लोग कार, ट्रेन, बस, पैदल यहां तक कि पहिए वाली कुर्सी पर ही बैठ कर यूक्रेन से बाहर निकल रहे हैं. ये लोग पोलैंड, रोमानिया, हंगरी, मोलदोवा और चेक रिपब्लिक की तरफ जा रहे हैं.

इस बीच अफ्रीकी शरणार्थियों के साथ नस्लभेदी दुर्व्यवहार करने की भी खबरें आई हैं. कुछ अफ्रीकी लोगों का कहना है उन्हें पोलैंड और यूक्रेन की सीमा पर नस्लभेद का समाना करना पड़ा है. इन लोगों के मुताबिक अधिकारियों ने इन्हें सीमा पार करने से रोकने की कोशिश की.

यूक्रेन में नाईजीरिया, घाना, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया, सोमालिया और दूसरे देशों के हजारों छात्र रहते हैं. यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने जोर दे कर कहा है, "यूक्रेन के सीमा प्रहरियों को निर्देश दिए गए है कि वो सभी विदेशी नागरिकों को जाने दें." विदेश मंत्री ने यह भी कहा है कि वो रंगभेद और दुर्व्यवहार के मामलों की जांच कराएंगे.

कुछ भारतीय छात्रों ने भी इस तरह के दुर्व्यवहार की बात कही है हालांकि इस बारे में पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है. भारत के करीब 15 हजार छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. भारत सरकार ने इन्हें वहां से निकालने के लिए अभियान शुरू किया है. इसके लिए यूक्रेन के चार पड़ोसी देशों में भारत के चार केंद्रीय मंत्रियों को भेजा गया है, जो वहां से छात्रों को बाहर निकालने में हर तरह की मदद करेंगे. बहुत से इलाकों में भारत और दूसरे देशों के छात्र फंसे हुए हैं और उन तक कोई मदद नहीं पहुंच पा रही है.

रूसी मीडिया की वेबसाइट हैक

कई देशों की तरफ से रूसी विमानों के लिए वायु सीमा बंद करने के जवाब में रूस ने भी 35 देशों के लिए अपनी वायुसीमा बंद कर दी है. यह घोषणा सोमवार को रूसी विमानन प्राधिकारण ने की. अनिश्चित काल के लिए लगाए गए इस प्रतिबंध में यूरोपीय संघ के देश और कनाडा शामिल हैं.

सोमवार को कई रूसी मीडिया संस्थानों की वेबसाइट हैक कर ली गई. इन वेबसाइटों के होम पेज पर यूक्रेन के हमले की निंदा करने वाले संदेश दिखने लगे. सरकारी समाचार एजेंसी तास, राष्ट्रपति समर्थक अखबार इजवेस्तिया, सेंट पीटर्सबर्ग न्यूज की साइट फोंताका और कई दूसरी वेबसाइटों को हैकरों ने अपना निशाना बनाया. इस घटना को रूस में यूक्रेन पर हमले के प्रति बढ़ती नाराजगी का संकेत कहा जा रहा है. रूस के कई शहरों में हमले के विरुद्ध बड़े प्रदर्शन हुए हैं और सरकार ने इन पर लगाम लगाने के लिए सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया है. युद्ध खत्म करने की मांग वाली एक ऑनलाइन याचिका पर रूस में 10 लाख से ज्यादा लोगों ने दस्तखत किए हैं.

एनआर/एडी (एपी, डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)

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