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जर्मनी से सीरिया लौट रहे हैं शरणार्थी लेकिन संख्या कम

७ सितम्बर २०२५

सीरिया में बशर अल-अशद की सत्ता के पतन के बाद जर्मनी से शरणार्थियों का लौटना बढ़ा है, लेकिन संख्या अब भी काफी कम है. इस बीच जर्मनी में शरण मांगने वाले लोगों के नए आवेदन भी लगातार आ रहे हैं.

असद की विदाई के बाद दमिश्क में खुशी मनाते सीरिया के लोग
दिसंबर 2024 में सीरिया पर बशर अल-असद का शासन खत्म हो गयातस्वीर: Chris McGrath/Getty Images

इस साल अगस्त के आखिर तक 1,867 सीरियाई लोगों ने संघीय मदद के साथ जर्मनी छोड़ दिया. मई के आखिर में यह संख्या 804 थी. राज्य के स्तर पर इसके लिए सहायता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और कुछ लोगों को लौटने के लिए मदद दी जाती है. हालांकि बिना आधिकारिक मदद के लौटने वाले भी हैं. 

सहायता संगठनों का कहना है कि कम संख्या में शरणार्थी इसलिए लौट रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है और सीरिया में गृह युद्ध में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान भी पहुंचा है.

लेबनान और तुर्की के शरणार्थियों पर दबाव

दिसंबर में बशर अल असद की सत्ता से विदाई के बाद सबसे ज्यादा शरणार्थी पड़ोसी देशों से सीरिया लौटे हैं. इनमें तुर्की, लेबनान, जॉर्डन और इराक शामिल हैं. वर्ल्ड विजन जर्मनी की बोर्ड सदस्य जेनिन लीटमायर ने अगस्त में सीरिया का दौरा किया था. उनका कहना है कि वापसी करने वाले परिवारों को अपने फैसले के साथ संघर्ष करना पड़ रहा है

सीरिया के पड़ोसी देशों से ज्यादा शरणार्थी लौट रहे हैंतस्वीर: Dilara Senkaya/REUTERS

उन्होंने ध्यान दिलाया कि राजधानी दमिश्क की सामान्य स्थिति की तुलना में दूसरे इलाकों की स्थिति काफी खराब है. ऐसे में लोगों के लिए यहां दोबारा सामान्य जिंदगी शुरू कर पाना मुश्किल हो रहा है.

सीरियाई डॉक्टर लौट गए तो कितना परेशान होगा जर्मनी

बिजली और स्कूल की दिक्कत

लौटने वाले लोगों के लिए सुरक्षा जैसी दूसरी मुश्किलों के साथ ही कुछ बुनियादी सवाल रहते हैं. जैसे कि क्या वहां कोई स्कूल चल रहा है? दिन में कितने घंटे बिजली रहेगी? वहां रहने के लिए घर के नाम पर क्या होगा?

लीटमायर का कहना है कि कुछ पूर्व विद्रोहियों के गढ़ में सारे घर तबाह हो चुके हैं. इसके अलावा जगह जगह गोल बारुद छिटका हुआ है जिसकी वजह से सुरक्षा को लेकर कई खतरे हैं.

जुलाई के आखिर में जर्मनी के सेंट्रल रजिस्टर ऑफ फॉरेनर्स (एजेडआर) के मुताबिक जर्मनी में 955,000 सीरियाई लोग रह रहे थे. यह साल की शुरुआत की तुलना में करीब 20,000 कम है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि सीरियाई लोग बड़ी संख्या में जर्मनी छोड़ रहे हैं.

संघीय सांख्यिकी विभाग इस साल के पहले पांच महीनों में केवल 1,562 लोगों का जाना दर्ज किया. हालांकि जर्मनी से जाने वाला हर इंसान रजिस्टर से अपना नाम नहीं कटवाता. इसकी वजह से एजेडआर के आकड़ों को अपडेट करने में देरी होती है.

बशर अल-असद की सत्ता जाने के बाद सीरियाई लोग अपने देश लौट रहे हैंतस्वीर: Sean Gallup/Getty Images

जर्मन नागरिक बन रहे हैं सीरियाई

गृह मंत्रालय के आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले साल करीब 83,150 सीरियाई जर्मन नागरिक बन गए. 2025 के आंकड़े अभी मौजूद नहीं हैं. 2015 या 2016 में जर्मनी आने वाले शरणार्थियों में बहुत से शरणार्थी अब नागरिक बनने की शर्तों को पूरी करते हैं. जर्मन भाषा सीखने के साथ ही उन्होंने यहां रोजी रोटी कमाना भी सीख  लिया है.

इसके साथ ही शरण के लिए नए आवेदन भी आ रहे हैं. जनवरी और अगस्त के बीच 17,650 सीरियाई लोगों ने आप्रवासन और शरणार्थी मामलों के संघीय दफ्तर (बीएएमएफ)में संरक्षण के लिए आवेदन किया.

हालांकि जर्मनी में सरकार बदलने के बाद से उन सीरियाई लोगों के आवेदन जल्दी स्वीकार नहीं हो रहे हैं. अपवाद के कुछ मामले जरूर हैं और कुछ ऐसे भी जिनमें यह स्पष्ट हो चुका है कि कोई और यूरोपीय देश इस प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार है या नहीं.

इन सब आंकड़ों से यह साफ हो जाता है कि सीरिया में अब भी बहुत बदलाव होना बाकी है. फैसलों में देरी की वजह से अधिकारियों के पास सीरियाई लोगों के 53,187 मामले लंबित हैं.

सीरिया में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद बड़ी संख्या में सीरियाई शरणार्थी जर्मनी आए थेतस्वीर: Markus Schreiber/picture alliance/AP/dpa

सीरिया की स्थिति पर नई रिपोर्ट 

विदेश विभाग ने सीरिया की स्थिति पर एक नई रिपोर्ट मई के आखिर में जारी की थी. इसका मकसद शरण के आवेदनों पर फैसले में बीएएमएफ की मदद करना था. बीएएमएफ सिर्फ उन सीरियाई लोगों के संरक्षण पर फैसले कर रहा है जो अपराधी या फिर कथित रूप से खतरा हैं. वास्तव में वे लोग जो गंभीर राजनीति से प्रेरित अपराधों में संदिग्ध हैं. गृह मंत्रालय ने इस बारे में इसी साल बीएएमएफ को निर्देश दिए हैं.

अधिकारी अब भी जर्मनी से प्रत्यर्पण में तेजी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. हालांकि गृह मंत्री आलेक्जांडर डोबरिंट ने जोर दे कर कहा है कि वह इस मामले में प्रगति लाना चाहते हैं.  

जर्मनी से सीरिया के लिए 2012 के बाद अब तक किसी का प्रत्यर्पण नहीं हुआ है. इस साल जुलाई में पड़ोसी देश ऑस्ट्रिया ने 15 सालों में पहली बार किसी सीरियाई का प्रत्यर्पण किया. यह शख्स आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का समर्थक माना जाता है. उसे इस्तांबुल के रास्ते दमिश्क ले जाया गया. हाल ही में मानवाधिकार की यूरोपीय अदालत ने ऑस्ट्रिया से सीरिया प्रत्यर्पित करने की एक और योजना पर रोक लगा दी.

निखिल रंजन निखिल रंजन एक दशक से डॉयचे वेले के लिए काम कर रहे हैं और मुख्य रूप से राजनैतिक विषयों पर लिखते हैं.
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