मिस्र में मिले अब तक की सबसे छोटी व्हेल के अवशेष
१५ अगस्त २०२३![Ägypten | Tutcetus Rayanensis - neue Art eines ausgestorbenen Wals entdeckt](https://static.dw.com/image/66499504_800.webp)
मिस्र और अमेरिका के शोधकर्ताओं ने ऐसी व्हेल मछली के अवशेष खोजे हैं, जिसे अब तक की सबसे छोटी व्हेल मछली बताया जा रहा है. बासिलोसॉरिड व्हेल मछली के ये अवशेष चार करोड़ साल से भी ज्यादा पुराने हैं और यह प्रजाति अब तक ज्ञात सबसे छोटी व्हेल प्रजाति है. इस मछली के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं थी.
वैज्ञानिकों को बासिलोसॉरिड व्हेल की खोपड़ी, जबड़ा और दांत मिले हैं. इसके जीवाश्म एक चूना पत्थर में जड़े हुए हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं. मिस्र के जिस इलाके फायूम डिप्रेशन में ये अवशेष मिले हैं, वह राजधानी काहिरा से करीब 100 किलोमीटर दक्षिण में है और अपने जीवाश्म अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है.
तूतनखानम के नाम पर
शोधकर्ताओं के मुताबिक ये अवशेष जिस मछली के हैं, वह करीब 4.1 करोड़ साल पहले धरती पर मौजूद रही होगी और अपने वयस्क जीवन के पास पहुंच रही होगी. इस प्रजाति का वैज्ञानिक नाम टुटसेटस रेयानेन्सिस है, जो प्राचीन मिस्र के राजा तूतनखानम के नाम पर दिया गया है. तूतनखानम को बॉय किंग भी कहा जाता है. इसमें तूतनखानम से तूत लिया गया है और 'सेटस' ग्रीक भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है व्हेल.
इस खोज के बारे में हाल ही में ‘कम्युनिकेशंस बायोलॉजी' पत्रिका में एक शोध पत्र प्रकाशित हुआ था. इस शोध पत्र के मुताबिक यह व्हेल मछली मात्र ढाई मीटर लंबी होती थी और इसका वजन 187 किलोग्राम था. अब तक बासिलसॉरिड श्रेणी में वे जीव रखे जाते हैं, जो चार से 18 मीटर के बीच होते हैं. लेकिन टुटसेटस रेयानेन्सिस का आकार उससे बहुत कम है, जो वैज्ञानिकों के लिए हैरत की बात है.
गर्मी ने छोटा किया कद
मिस्र की मनसूरा यूनिवर्सिटी के मोहम्मद आंतेर के नेतृत्व में यह शोध हुआ है. वह मानते हैं कि अन्य बॉसिलोसॉरिड जीवों की तुलना में टुटसेटस रेयानेन्सिस का आकार छोटा होने की वजह धरती पर गर्मी बढ़ना रहा होगा. करीब 4.2 करोड़ साल पहले धरती पर तापमान एकाएक बढ़ गया था. उस परिघटना को 'लुटेशियन थर्मल मैक्सिमम' कहा जाता है.
वैज्ञानिकों ने टुटसेटस को बासिलोसॉरिड प्रजाति में इसलिए रखा है, क्योंकि उसके गाल के पास के दांतों में वैसी ही नोक हैं, जैसे इस प्रजाति के अन्य जीवों में पाई गई हैं. यह प्रजाति करोड़ों साल पहले ही विलुप्त हो चुकी है, लेकिन टुटसेटस इस प्रजाति के अन्य जीवों से कई मायनों में अलग भी है. मसलन, इसकी नाक का आकार और प्रकार अलग है और दांतों का आकार भी छोटा है.
वीके/वीएस (डीपीए)