नागरिक अधिकार समूहों ने कहा है कि फेसबुक भारत में खतरनाक सामग्री के विषय पर ध्यान देने में नाकाम रहा है. अधिकार समूहों ने भारत में पब्लिक पॉलिसी प्रमुख को हटाने की मांग की है.
विज्ञापन
फेसबुक प्रमुख मार्क जकरबर्ग और कंपनी में दूसरी सबसे बड़ी अधिकारी शेरिल सैंडबर्ग को लिखे खत में कंपनी के भारत में पॉलिसी की प्रमुख अंखी दास को सिविल राइट्स ऑडिट के नतीजे आने तक किनारे किए जाने की मांग की गई है. खत में लिखा है, "फेसबुक को और अधिक ऑफलाइन हिंसा में भागीदार नहीं होना चाहिए. एक और नरसंहार में तो बिलकुल भी नहीं. लेकिन कोई कदम ना उठाने का जो रवैय्या कंपनी बार बार दिखा रही है वो इतना लापरवाही भरा है कि वो मिलीभगत के बराबर है."
खत में आगे लिखा है, "म्यांमार में रोहिंग्या नरसंहार में फेसबुक की भूमिका की असलियत के बारे में अब सब जानते हैं. इस रौशनी में अब यह कोई रहस्य नहीं रह गया है कि ऑनलाइन हिंसा और नफरत आसानी से असली जिंदगी में भी हिंसा का कारण बन जाती है." म्यांमार में नरसंहार के बाद फेसबुक की आलोचना धीमे और निष्प्रभावी कदम उठाने को लेकर हुई थी. फेसबुक पर नफरत से भरी सामग्री को तत्काल हटाने को लेकर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगे थे.
इस खत पर 40 से अधिक समूहों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें सर्दर्न पॉवर्टी लॉ सेंटर, विटनेस, मुस्लिम एडवोकेट्स और ग्लोबल प्रोजेक्ट्स एगेंस्ट हेट एंड एक्स्ट्रिमिज्म शामिल हैं. भारत में फेसबुक को लेकर पहले से ही राजनीतिक उठा पटक जारी है और यह खत उस रिपोर्ट के बाद लिखा गया जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम विरोधी पोस्ट को फेसबुक द्वारा नहीं हटाया गया था. यह पोस्ट सत्ताधारी पार्टी के नेता के पेज पर डाली गई थी.
खत में लिखा गया है, "फेसबुक इंडिया द्वारा किए गए नुकसान को अब तक निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन जो हम अब तक जानते हैं वह इस बात पर जोर देता है कि गंभीर और तत्काल रूप से इस मांग पर ध्यान देना चाहिए." फेसबुक पहले यह मान चुका है कि भारत में नफरत से भरे बयान से लड़ने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है. सोशल मीडिया कंपनी ने इस खत पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
पिछले हफ्ते ही फेसबुक ने बीजेपी के नेता टी राजा सिंह को बैन कर दिया था. टी राजा पर मुस्लिम विरोधी बयान देने के आरोप लगते आए हैं. फेसबुक पर बीजेपी के प्रति पक्षपात के आरोपों की झड़ी लग रही है और भारत उसके लिए एक बड़ा बाजार भी है. टी राजा को बैन करते हुए फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा था कि उन्होंने नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने वाली सामग्री को लेकर फेसबुक की पॉलिसी का उल्लंघन किया है. टी राजा तेलंगाना से बीजेपी के विधायक हैं. राजा ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ बयान में कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थियों को गोली मार देनी चाहिए.
सत्ता पक्ष और विपक्ष फेसबुक पर पक्षपात के आरोप लगा रहा है. पिछले दिनों फेसबुक के प्रतिनिधियों की भी संसदीय समिति के सामने पेशी हो चुकी है. आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो यूजर्स की संख्या के मामले में भारत उसके लिए सबसे बड़ा बाजार है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के बाद विपक्ष का कहना है कि फेसबुक बीजेपी का पक्ष लेता है. अमेरिकी अखबार ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत में फेसबुक के कर्मचारियों ने बीजेपी से जुड़े कुछ लोगों के अकाउंट्स और पेजों को नफरत फैलाने की वजह से बैन करने की सिफारिश की थी लेकिन भारत में फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी की प्रमुख अंखी दास ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसा करने से फेसबुक के बिजनेस इंटेरेस्ट को नुकसान पहुंचेगा. वहीं फेसबुक का कहना है कि उसे हेट स्पीच को काबू करने को लेकर और बेहतर काम करना होगा.
क्या बता सकते हैं फेसबुक का रंग नीला क्यों है? या उस अकाउंट के बारे में जिसे कभी ब्लॉक नहीं कर सकते. अगर कोई मर जाए तो उस अकाउंट का क्या होगा? जानिए फेसबुक के बारे में ऐसी 11 बातें जो आमतौर पर किसी को नहीं मालूम होतीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Berg
फेसबुक का नीला रंग
दुनिया में इतने रंग है लेकिन फेसबुक का रंग नीला ही क्यों? दरअसल फेसबुक का रंग नीला है क्योंकि फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग सबसे ठीक तरह से नीला रंग ही देख सकते हैं. मार्क जुकरबर्ग को रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस है. एक रशियन टेलिविजन टॉक शो में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें कलर ब्लाइंडनेस है और नीला ही वह रंग है जिसे वे सबसे बेहतर ढंग से देख सकता हूं. इसीलिए उन्होंने फेसबुक का रंग नीला रखा है.
तस्वीर: Reuters/T. White
जिसे ब्लॉक नहीं किया जा सकता
फेसबुक पर एक ऐसा शख्स भी है जिसे कभी भी ब्लॉक नहीं किया जा सकता है. जी हां, ऐसा बिल्कुल संभव है. कोई हैरत की बात नहीं है कि वह प्रोफाइल खुद मार्क जुकरबर्ग की है. फेसबुक पर कोई भी व्यक्ति उन्हें ब्लॉक नहीं कर सकता. कोशिश करके देखिए.
तस्वीर: Getty Images/ Oscar Siagian
जुकरबर्ग को खोजना इतना आसान
अगर आप फेसबुक पर लॉग इन करके अपने होम पेज पर हैं तो उस वक्त आपका यूआरएल होता है https://www.facebook.com और दिलचस्प बात यह है कि अगर आप अपने इसी url के आगे बस /4 जोड़ देंगे तो आप सीधे मार्क जुकरबर्ग की वॉल पर पहुंच जाएंगे.
तस्वीर: Facebook/Mark Zuckerberg
दो देशों में फेसबुक बैन भी है
फेसबुक पर अरबों यूजर्स हैं जिनमें दुनिया के लगभग हर देश के लोग हैं. लेकिन सबसे दिलचस्प बात है कि फेसबुक चीन और उत्तर कोरिया दो देशों में बैन है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/epa/R. Khan
कोई मर जाए तो अकाउंट का क्या होता है?
यदि हमारी जान पहचान में कोई किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो हम फेसबुक पर इस बात की रिपोर्ट कर सकते हैं. फेसबुक ऐसी प्रोफाइल्स को एक तरह का स्मारक (memorialized account) बना देता है. इस अकाउंट में कोई भी व्यक्ति लॉग इन नहीं कर सकता है. इस तरह के अकाउंट में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता.
हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर
फेसबुक के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाते हैं. फेसबुक पर हर रोज लगभग 30 करोड़ तस्वीरें अपलोड की जाती हैं. हर 60 सेकंड में 50 हजार कमेंट्स और लगभग 3 लाख स्टेटस लिखे जाते हैं. वहीं दूसरी ओर फेसबुक पर लगभग 9 करोड़ फेक प्रोफाइल्स हैं.
तस्वीर: picture-alliance/empics/D. Lipinski
लाइक की जगह था ये नाम
फेसबुक पर हर जगह लाइक का ऑप्शन दिखता है. वैसे फेसबुक पर इस ऑप्शन के बारे में काफी विवाद रहा. सबसे पहले इसका नाम 'AWESOME' रखा गया था. लेकिन इसे बाद में LIKE किया गया था.
तस्वीर: Imago/Pixsell/B. Filic
ये पोक क्या बला है?
फेसबुक पर एक फीचर है पोक. किसी की प्रोफाइल पर जाकर आप उसे पोक कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब क्या है? दरअसल कोई मतलब नहीं है. ये बस जैसे खेल के लिए है. यहां तक कि फेसबुक हेल्प सेंटर में भी आप पूछेंगे कि 'poke' का क्या मतलब है तो आपको कभी पता नहीं चलेगा. इस बारे में मार्क जुकरबर्ग कह चुके हैं कि उन्होंने सोचा था कि वे फेसबुक पर एक ऐसा फीचर बनाएंगे जो बेमतलब होगा. ये बस मस्ती के लिए बनाया गया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Sanogo
फेसबुक एक बीमारी
फेसबुक का एडिक्शन इन दिनों एक बीमारी का रूप लेता जा रहा है. दुनियाभर में हर उम्र के लोग फेसबुक एडिक्शन डिसऑर्डर यानी फेसबुक की लत से जूझ रहे हैं. इस बीमारी का संक्षिप्त नाम FAD है. इस वक्त दुनिया में लगभग कई करोड़ लोग FAD से ग्रसित हैं.
तस्वीर: Imago/TASS/K. Kuhkmar
खरीदा इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को
9 फेसबुक 2004 मार्च में शुरू हुआ और एक साल के भीतर ही इसने दस लाख यूजर्स जुटा लिए थे. जून 2009 तक यह इतना बढ़ चुका था कि यह अमेरिका की नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साइट बन गयी. अप्रैल 2012 में फेसबुक ने इंस्टाग्राम और 2014 में वॉट्सऐप को भी खरीद लिया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Hase
कब क्या लॉन्च हुआ
फेसबुक ने सितंबर 2004 में "वॉल", सितंबर 2006 में "न्यूज फीड", फरवरी 2009 में "लाइक" बटन और सितंबर 2011 में टाइमलाइन फीचर लॉन्च किया.