इटली की सरकार ने रोम के कोलोसियम का फर्श बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है. इसके जरिए पर्यटक वहां खड़े हो पाएंगे जहां कभी ग्लैडियेटर्स लड़ा करते थे.
विज्ञापन
इटली के संस्कृति मंत्री डारियो फ्रैंचेशिनी ने ऐलान किया है कि कोलोसियम में लकड़ी का फर्श बनाया जाएगा जिसे सुविधा से हटाया भी जा सकेगा. मिलान की इंजीनियरिंग कंपनी इन्गेगनेरिया को इस नए फ्लोर को डिजाइन करने का 18.5 मिलियन यूरो का ठेका मिला है. निर्माण कार्य 2023 तक पूरा होने की संभावना है. कोलिसियम दो हजार साल पुराना स्मारक है. पुरातत्वविदों ने इसका फर्श 19वीं सदी में हटा दिया था जिससे वे सुरंगें नजर आने लगें जिनसे होकर लड़ाके और जानवर आया जाया करते थे.
फ्रैंचेशिनी ने बताया कि नये असाधारण फर्श पर खड़े होकर पर्यटक इस स्मारक की भव्यता को निहार पाएंगे. उन्होंने कहा, "कोलोसियम के पुनर्निर्माण की दिशा में यह एक और कदम है. यह एक महत्वाकांक्षी योजना है जिससे इस ऐतिहासिक स्मारक को अपने असली स्वरूप तक पहुंचाने में मदद मिलेगी." संस्कृति मंत्री ने कहा कि फर्श बनने के बाद कोलोसियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हो सकेंगे. मिलान की इन्गेगनेरिया समेत दस कंपनियों ने इस योजना के ठेके के लिए आवेदन किया था.
विजयी डिजाइन में लकड़ी के सैकड़ों टुकड़ों का इस्तेमाल किया जाएगा. ये टुकड़े घुमाए जा सकेंगे ताकि सुरंगों तक रोशनी और हवा पहुंचती रहे. इटली के संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि अगर भविष्य में नया डिजाइन बनाने की जरूरत पड़ी तो तीन हजार वर्ग मीटर आकार का यह फर्श पूरी तरह से पलटा जा सकेगा. रोमन साम्राज्य में कोलोसियम सबसे बड़ा अखाड़ा था जहां जानवरों और कैद किए गए लड़ाकों के बीच लड़ाई का नजारा देखने के लिए हजारों लोग जमा होते थे. इस गोल स्टेडियम नुमा अखाड़े की क्षमता 50 हजार लोगों की थी.
वैसे तो कोरोना वायरस के कारण पर्यटन लगभग बंद है लेकिन कोलोसियम इटली का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है. महामारी फैलने से पहले यहां 2019 में 76 लाख लोग घूमने आए थे.
वीके/एए (एएफपी)
ऐसे नाम कि लेने में भी शर्म आ जाए
कोरोना दौर में किसी ने अपने बच्चे का नाम कोविड रख दिया, तो किसी ने वायरस. ये बच्चे बड़े होकर अपने नाम बदलना चाहेंगे. दुनिया में कुछ शहर भी अपने अजीबोगरीब नामों से कुछ इसी तरह परेशान हैं.
तस्वीर: Mladen ANTONOV/AFP
बोरिंग
अमेरिका का यह शहर नाम से ऊबाऊ यानी "बोरिंग" है. लोग इस नाम से इतने परेशान हुए कि उन्होंने ऐसे नाम वाले और शहरों की तलाश की. स्कॉटलैंड में इन्हें "डल" और ऑस्ट्रेलिया में "ब्लैंड" मिला. अब हर साल 9 अगस्त को "ब्लैंड, डल एंड बोरिंग डे" मनाया जाता है.
तस्वीर: Doug Beghtel/AP Images/picture alliance
सिली
अंग्रेजी में सिली का मतलब है बेवकूफ. लेकिन बेल्जियम के इस शहर को यह नाम "सिले" नदी के कारण मिला है जिसके किनारे यह बसा हुआ है. यहां आने वाले सैलानी शहर के इस बोर्ड के साथ सेल्फी लेना कभी नहीं भूलते.
तस्वीर: David Stockman/dpa/picture alliance
हेल
किसी शहर का नाम नर्क या जहन्नुम हो तो क्या कोई वहां जाना पसंद करेगा? लेकिन नॉर्वे के "हेल" नाम के इस शहर में खूब टूरिस्ट आते हैं क्योंकि समुद्र तट से यह जगह महज 35 किलोमीटर दूर है.
तस्वीर: Jurica Galoic/PIXSELL/picture alliance
बैटमैन
हॉलीवुड फिल्मों वाले बैटमैन को तो सब जानते हैं लेकिन तुर्की की इस खूबसूरत जगह को तुर्की के बाहर गिनती के ही लोग जानते हैं. ना केवल इस गांव का नाम बैटमैन है, बल्कि यहां रहने वाले कुछ लोग अपने नाम के आगे भी "बैटमैन" शब्द लगाते हैं.
तस्वीर: Bestami Bodruk/AA/picture alliance
फकिंग
ऑस्ट्रिया के एक शहर का नाम है फकिंग जो कि अंग्रेजी में गाली के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है. यहां मात्र 106 लोग रहते हैं और ये अपने गांव का मजाक उड़ता देख ऊब चुके हैं. इसलिए इन्होंने नाम बदलने के लिए याचिका डाली. भविष्य में इस गांव को फगिंग कहा जाएगा.
तस्वीर: Mladen ANTONOV/AFP
कंडोम
फ्रांस में अकसर शहरों के नाम पर वहां की मशहूर चीजों के नाम पर रखे जाते हैं, जैसे कि शैम्पेन या फिर कोन्याक. इस शहर का नाम भले ही कंडोम है लेकिन मशहूर यह आरमेन्येक नाम की ब्रैंडी के लिए है.
तस्वीर: Jean-Pierre De Mann/Robert Hardi/picture alliance
टिट्स
जर्मनी की यह छोटी सी जगह कोयले के खनन की वजह से सुर्खियों में आई. जर्मन लोगों का तो इस ओर कभी ध्यान नहीं गया था लेकिन अंग्रेजी जानने वालों का जब इस ओर ध्यान गया तो नाम का खूब मजाक उड़ा.