रूस के गुलाग शिविरों पर शोध करने वाले इतिहासकार यूरी दमित्रियेव की जेल की सजा को 13 साल से बढ़ा कर 15 साल कर दिया गया है. उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें उनके काम की वजह से सजा दी जा रही है.
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65 साल के यूरी दमित्रियेव के समर्थकों का कहना है कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने सोवियत काल की विभीषिकाओं को उजागर करने की कोशिश की थी. दमित्रियेव देश के सबसे जाने माने अधिकार समूह 'मेमोरियल' के स्थानीय प्रमुख भी हैं.
संभव है कि इसी सप्ताह 'मेमोरियल' को भी बंद कर दिया जाए. पिछले साल उत्तर-पश्चिमी रूस में एक अदालत ने दमित्रियेव को एक विवादास्पाद यौन अपराध के तहत 13 साल कारावास की सजा सुनाई थी.
सोवियत काल की विभीषिकाओं के खिलाफ
फिर दिसंबर में अभियोजकों ने अदालत से गुजारिश की कि उनकी सजा को और दो साल बढ़ा दिया जाए. सोमवार 27 जनवरी को पेत्रोजावोद्स्क शहर की एक अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए सजा को बढ़ा दिया.
यूरी दमित्रियेव को गले लगतीं उनकी बेटी कैटरीना क्लॉटतस्वीर: picture-alliance/TASS/I. Podgorny
'मेमोरियल' ने इसकी घोषणा करते हुए ट्विटर पर लिखा, "यूरी दमित्रियेव को 15 साल". दमित्रियेव ने कई दशकों तक जोसफ स्टैलिन के शासन के दौरान मारे गए लोगों की सामूहिक कब्रों को खोजने और खोदने का काम किया. उन्होंने करेलिया प्रांत में उनकी याद में एक स्मारक की स्थापना भी की है.
पिछले कुछ सालों में उन्हें कई तरह के आरोपों पर कई मुकदमों का सामना करना पड़ा है. इनमें उनकी गोद ली हुई बेटी का यौन शोषण करने के आरोप भी शामिल हैं. उन्होंने इन आरोपों से इंकार किया है.
2016 में उनके पास से उनकी बेटी की नग्न तस्वीरें मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर बच्चों की पोर्नोग्राफी के आरोप लगाए गए थे. उनका कहना था कि उन्होंने वो तस्वीरें अपने बेटी के शारीरिक विकास का निरीक्षण करने के लिए ली थीं.
एक संग्रहालय में रखे गुलाग में कैद एक महिला के कपड़े और सामानतस्वीर: Anatassia Boutsko/DW
एक अदालत ने उन्हें 2018 में बरी कर दिया था. लेकिन बाद में एक ऊपरी अदालत ने उस फैसले को पलट कर सबको चौंका दिया. दमित्रियेव पर एक बच्चे के साथ जबरन यौन संबंध बनाने के नए आरोप के तहत फिर से मुकदमा शुरू कर दिया गया.
राजनीतिक दमन
जुलाई 2020 में उन्हें 3.5 साल जेल की सजा सुनाई गई, जिसमें से अधिकांश समय वो मुकदमा शुरू होने से पहले ही कैद में बिता चुके थे. अभियोजकों ने इस फैसले के खिलाफ अपील की और और भी कड़ी सजा की मांग की.
नतीजन करेलिया के सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2020 में एक नया फैसला दिया और दमित्रियेव को कड़ी सुरक्षा वाली एक जेल में 13 सालों के लिए भेज दिया. 'मेमोरियल' ने उन्हें एक "राजनीतिक बंदी" घोषित कर दिया है और कहा है कि उन्हें सजा देने का असली कारण "राजनीतिक दमन की यादें संभाल कर रखने की उनकी गतिविधियां" लगती हैं.
'मेमोरियल' सोवियत काल में राजनीतिक बंदियों के उत्पीड़न की जांच करता है और मौजूदा समय के शोषण के खिलाफ भी अभियान चलाता है. समूह का कहना है कि इस साल के अंत तक उसे बंद किया जा सकता है.
सीके/एए (एएफपी)
खराब होते मानवाधिकारों पर कार्रवाई की मांग
संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों की सबसे खराब वैश्विक गिरावट के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने चीन, रूस और इथियोपिया समेत अन्य देशों की स्थिति पर प्रकाश डाला.
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अधिकारों का हनन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने कहा, "हमारे जीवनकाल में मानवाधिकारों के सबसे व्यापक और गंभीर झटकों से उबरने के लिए हमें एक जीवन बदलने वाली दृष्टि और ठोस कार्रवाई की जरूरत है." मानवाधिकार परिषद के 47वें सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने टिग्रे में साढ़े तीन लाख लोगों के सामने भुखमरी के संकट पर चिंता जताई.
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'एनकाउंटर और यौन हिंसा'
मिशेल बैचलेट ने अपने संबोधन में, "न्यायेतर फांसी की सजा, मनमाने तरीके से गिरफ्तारी और हिरासत, बच्चों के साथ-साथ वयस्कों के खिलाफ यौन हिंसा" की ओर इशारा किया और कहा कि उनके पास "विश्वसनीय रिपोर्ट" है कि इरिट्रिया के सैनिक अभी भी इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
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इथियोपिया में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा
इथियोपिया जहां हाल में ही चुनाव हुए हैं, वहां "घातक जातीय और अंतर-सांप्रदायिक हिंसा और विस्थापन की खतरनाक घटनाएं" देखने को मिल रही हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारों की उच्चायुक्त का कहना है कि "सैन्य बलों की मौजूदा तैनाती एक स्थायी समाधान नहीं है."
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मोजाम्बिक में जिहादी हिंसा
उत्तरी मोजाम्बिक में जिहादी हिंसा में तेजी से उछाल आया है. यहां हिंसा के कारण खाद्य असुरक्षा बढ़ी है. और करीब आठ लाख लोग, जिनमें 3,64,000 बच्चे शामिल हैं, उन्हें अपने घरों से भागना पड़ा है.
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हांग कांग की चिंता
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख ने हांग कांग में पेश किए गए व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के "डरावने प्रभाव" की ओर भी इशारा किया. यह कानून 1 जुलाई 2020 से प्रभावी है. इस कानून के तहत बीजिंग के आलोचकों पर कार्रवाई की जा रही है. इस कानून के तहत 107 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 57 को औपचारिक रूप से आरोपित किया गया है.
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शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन
बैचलेट ने चीन के शिनजियांग प्रांत में "गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन की रिपोर्ट" का उल्लेख किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन उन्हें इस प्रांत का दौरा करने की अनुमति देगा और गंभीर उत्पीड़न की रिपोर्टों की जांच करने में मदद करेगा.
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रूस पर प्रतिक्रिया
बैचलेट ने क्रेमलिन द्वारा राजनीतिक विचारों का विरोध करने और सितंबर के चुनावों में भागीदारी तक पहुंच को कम करने के हालिया उपायों की भी आलोचना की. क्रेमलिन आलोचक अलेक्सी नावाल्नी के आंदोलन को खत्म करने की कोशिश पर भी यूएन ने चिंता जाहिर की.