मध्यपूर्व में रूस की भूमिका
१२ दिसम्बर २०१७
इस्लामिक स्टेट ने इराक और सीरिया के एक बड़े हिस्से पर 2014 में कब्जा कर लिया. इस्लामिक स्टेट की स्वघोषित खिलाफत मिट चुकी है और उसने अपनी राजधानी रक्का को भी खो दिया है.देखिये इस्लामिक स्टेट के हाथ से कब क्या निकला.
कब कहां हारा इस्लामिक स्टेट
इस्लामिक स्टेट ने इराक और सीरिया के एक बड़े हिस्से पर 2014 में कब्जा कर लिया. इस्लामिक स्टेट की स्वघोषित खिलाफत मिट चुकी है और उसने अपनी राजधानी रक्का को भी खो दिया है.देखिये इस्लामिक स्टेट के हाथ से कब क्या निकला.
कोबानी
उत्तरी सीरिया में कुर्दों का यह शहर इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई की पहचान बन कर उभरा. अमेरिका समर्थित कुर्द लड़ाकों ने चार महीने से ज्यादा की जंग के बाद जनवरी 2015 में कोबानी को आजाद कराया.
पलमीरा
प्राचीन रेगिस्तानी शहर पलमीरा को इस्लामिक स्टेट ने मई 2015 में अपने कब्जे में ले लिया और यहां के रोमन दौर की ऐतिहासिक विरासतों को मिटाने लगे. रूसी लड़ाकू विमानों के साये में सीरिया की सरकारी सेना ने उन्हें मार्च 2016 में यहां से निकाल दिया हालांकि वो एक बार फिर यहां आ जमे और फिर मार्च 2017 में उन्हें यहां से पूरी तरह बेदखल कर दिया गया.
दाबिक
तुर्की के जंगी जहाजों और टैंकों की मदद से सीरियाई विद्रोहियों ने अक्टूबर 2016 में दाबिक पर कब्जा कर लिया. अगस्त 2014 से इस्लामिक स्टेट के शासन में रहा यह शहर अहम था इसी नाम से इस्लामिक स्टेट अपनी पत्रिका भी निकालता था. यही वो शहर है जहां रोमन दौर में ईसाई और मुस्लिम सेनाओं की जंग हुई थी.
रक्का
अमेरिका समर्थित कुर्द और अरब लड़ाकों ने नवंबर 2016 में रक्का को छुड़ाने के लिए जंग छेड़ा. रक्का की जंग में कई महीनों तक खूनी खेल चलता रहा, यह शहर अमेरिकी जेट विमानों और गठबंधन सेना के गोला बारूद से ध्वस्त होता रहा. आखिरकार 17 अक्टूबर 2017 को अमेरिका समर्थित सेना ने एलान किया कि उसने रक्का पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है.
दीयर एजोर
2017 में सितंबर की शुरुआत में रूस समर्थित सीरियाई सेना ने इस पूर्वी शहर के सरकारी इलाके पर कायम आईएस के कब्जे को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद जिहादियों को यहां के बाकी इलाकों से भी खदेड़ा जाने लगा. असद की फौज ने इसके साथ ही इराकी सीमा की तरफ फुरात नदी घाटी की तरफ बढ़ना भी शुरू कर दिया. 14 अक्टूबर को मायादीन पर भी कब्जा कर लिया गया.
हमा और होम्स
रूसी जंगी जहाजों के साये में सरकारी सेना ने इस्लामिक स्टेट को उसके आखिरी ठिकाने हमा प्रांत से अक्टूबर के शुरुआत में ही निकाल चुकी थी. हालांकि इस्लामिक स्टेट अब भी पड़ोसी राज्य होम्स के कुछ इलाकों में जटा हुआ है. यहां से इस्लामिक स्टेट अब भी हमलों को अंजाम दे रहा है.
तिकरित
बगदाद के उत्तर में मौजूद तिरकित पूर्व शासक सद्दाम हुसैन का गृहनगर है. इस्लामिक स्टेट ने जून 2014 में इस पर कब्जा कर लिया. 2015 में इराकी सेना, पुलिस और शिया बहुल अर्धसैनिक बलों ने इसे इस्लामिक स्टेट के कब्जे से छुड़ा लिया.
सिंजर
अमेरिकी हवाई हमलों के साथ आगे बढ़ते इराकी कुर्दों ने नवंबर 2015 में उत्तर पश्चिमी शहर पर कब्जा कर लिया. एक साल पहले इस्लामिक स्टेट ने इस शहर पर कब्जा करने के साथ ही हजारों यजीदी कुर्द औरतों का यहां से अपहरण कर उन्हें सेक्स गुलाम बनाया था.
रामादी/फलुजा
इराक के सबसे बड़े राज्य अंबार की राजधानी रामादी को फरवरी 2016 में पूरी तरह से छुड़ा लेने का दावा किया गया. इसके पड़ोसी फलुजा को इस्लामिक स्टेट ने सबसे पहले अपने कब्जे में लिया था. फलुजा जून 2016 में इस्लामिक स्टेट के चंगुल से आजाद हुआ.
कायराह
गठबंधन सेना के हवाई हमलों के साये में इराकी सेना ने अगस्त 2016 में कायराह को इस्लामिक स्टेट के कब्जे से मुक्त कराया. इसके साथ ही इराकी सेना को मोसुल पर हमला करने के लिए जगह मिल गयी. इराक का दूसरा सबसे बड़ा शहर मोसूल यहां से महज 60 किलोमीटर दूर है.
ताल अफार
उत्तरी इराक के शहरी इलाकों में इस्लामिक स्टेट का आखिरी शहर ताल अफार ही था जिसे 31 अगस्त को आजाद कराया गया.
मोसुल
इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने इसी साल 9 जुलाई को मोसुल पर जीत की घोषणा की. मोसुल को पाने के लिए चली नौ महीने की लड़ाई को एक वरिष्ठ अमेरिकी कमांडर ने दूसरे विश्वयुद्ध के बाद किसी शहरी इलाके की सबसे बड़ी लड़ाई कहा.
हविजा
इराकी सेना ने अर्धसैनिक बलों की मदद से दो हफ्ते की लड़ाई के बाद इस साल 5 अक्टूबर को इस इलाके से इस्लामिक स्टेट को बाहर निकाल दिया.
फुरात घाटी
इराकी सेना ने फुरात घाटी को भी इस्लामिक स्टेट से मुक्त कराने के लिए दबाव बढ़ा दिया है, इस घाटी की सीमाएं सीरिया से भी लगती हैं और अमेरिका ने इसे इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अंतिम बड़ी लड़ाई कहा है. आना पर दोबारा कब्जा करने के बाद माना जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट के करीब 2000 लड़ाके रावा और अल कायम शहरों में घिरे हुए हैं.