बेलारूस द्वारा एक नागरिक विमान को रोककर उसमें सवार पत्रकार को गिरफ्तार किए जाने का विवाद इतना बढ़ गया है कि कई एयरलाइंस को अपनी उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं.
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ऑस्ट्रियन एयरलाइंस ने कहा है कि गुरुवार को उसे विएना से मॉस्को की अपनी उड़ान रद्द करनी पड़ी क्योंकि वे बेलारूस के हवाई क्षेत्र से होकर नहीं जाना चाहते थे और रूस ने ऐसा करने की इजाजत नहीं दी. यूरोपीय संघ ने अपने दशों को बेलारूस के हवाई क्षेत्र में न जाने की हिदायत दी है. बीते रविवार रायनएयर के एक विमान को बेलारूस ने जबरन मिंस्क में उतारकर उसमें सवार सरकार के आलोचक पत्रकार रमान प्रतोसेविच को गिरफ्तार कर लिया था. अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इसकी आलोचना की थी और बेलारूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए गए थे.
ऑस्ट्रियन एयरलाइंस के एक प्रतिनिधि ने इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी को बताया कि उड़ानों का नया रास्ता अधिकारियों के साथ तय करना होता है. उन्होंने कहा, "रूसी अधिकारियों ने हमें इजाजत नहीं दी है." उधर ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्रालय ने रूस के रवैये की आलोचना करते हुए कहा है कि रूस का रुख उनकी समझ से परे है. ऑस्ट्रिया ने रूस से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि रूस के हवाई क्षेत्र में विमानों की आवाजाही बिना किसी दिक्कत के होनी चाहिए. इससे पहले एयर फ्रांस ने भी रूस की राजधानी मॉस्को को जाने वालीं उड़ानें रद्द कर दीं.
रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दमित्री पेस्कोव ने यूरोपीय एयरलाइंस के उड़ानें रद्द कर दिए जाने के सवालों को टाल दिया. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, "राष्ट्रपति का दफ्तर एयर ट्रैफिक पर नियंत्रण के लिए जिम्मेदार नहीं है. मेरी सलाह है कि आप ये सवाल विमानन अधिकारियों से पूछें." बेलारूस की राष्ट्रीय एयरलाइंस बेलाविया ने आठ देशों को अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं. बेलाविया ने एक बयान में कहा कि यह कार्रवाई कई देशों में लगे प्रतिबंधों के कारण की गई है. कई देशों ने बेलारूस से उड़ानें रद्द कर दी हैं जिनमें बेलारूस का पड़ोसी पोलैंड भी शामिल हो गया है.
बेलाविया ने कहा, "हमें खेद है कि हमारे यात्रियों को ऐसी वजहों से मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा जिन पर एयरलाइन का कोई नियंत्रण नहीं है." बेलाविया ने एम्सटर्डम, बार्सिलोना, बर्लिन, ब्रसेल्स, फ्रैंकफर्ट, हनोवर, कालिनग्राद, मिलान, म्यूनिख, रोम, विएना और वॉरसा को जाने वालीं उड़ानों 30 अक्टूबर तक रद्द कर दी हैं.
अंतरराष्ट्रीय दबाव की रणनीति
प्रतोसेविच के माता-पिता ने अपने बेटे की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है. उनकी मां नतालिया प्रतोसेविच ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "कृपया मेरी आहें सुनिए. मेरी आत्मा की आहें सुनिए, ताकि आप समझ सकें कि इस वक्त हम किस मुश्किल में हैं. मैं आपसे भीख मांगती हूं. मेरे बेटे को रिहा कराने में मेरी मदद कीजिए."
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गुरुवार को यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने लिस्बन में बैठक के दौरान बेलारूस के राष्ट्रपति आलेक्जांडर लुकाशेंको पर दबाव बढ़ाने का फैसाल किया. ग्रूप ऑफ सेवन के विदेश मंत्रियों ने पत्रकार रमान प्रतोसेविच की "फौरन और बिना शर्त" रिहाई की मांग की.
रमान प्रतोसेविच पर कम से कम तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. उनमें से एक दंगों की साजिश का है, जिसमें 15 साल तक की कैद हो सकती है. हालांकि उनकी कथित आतंकी गतिविधियों के आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन बहुत संभव है कि उन्हें मिंस्क स्थित केजीबी की जेल में रखा गया है.
2019 में गिरफ्तारी के डर से प्रतोसेविच बेलारूस छोड़ पोलैंड चले गए थे. उन्होंने प्रभावशाली टेलीग्राम चैनलों नेक्स्टा और नेक्स्टा लाइव के मुख्य संपादक के तौर पर काम किया था. अगस्त में विवादित राष्ट्रपति चुनावों के बाद इंटरनेट बंद किए जाने के दौरान यही चैनल प्रदर्शनों के लिए सूचना का मुख्य स्रोत थे. पिछले साल नवंबर से ही प्रतोसेविच और उनके साथी नेक्स्टा के सह-संस्थापक स्टीपान पुतिला बेलारूस की आतंकवादी सूची में शामिल हैं. इस सूची में 700 से ज्यादा लोगों के नाम हैं जिन्हें सरकार आतंकवादी गतिविधियों में शामिल मानती है.
वीके/एए (रॉयटर्स, एपी, इंटरफैक्स)
2020 की ये तस्वीरें रहेंगी याद
कोरोना महामारी 2020 में दुनिया भर में तबाही मचाती रही. लेकिन इस साल में और भी बहुत कुछ घटा, देखिए कुछ दिलचस्प तस्वीरों के जरिए.
तस्वीर: Kathleen Flynn/REUTERS
ऑस्ट्रेलिया की आग
जनवरी 2020 में ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में भीषण आग लगी. न्यू साउथ वेल्स में रहने वाले नैंसी और ब्रायन एलन के घर के पीछे धुएं का गुबार उसी की निशानी है. इस आग में 34 लोग मरे और यूरोपीय देश आयरलैंड के आकार जितना जंगल जलकर खाक हो गया.
तस्वीर: Tracey Nearmy/REUTERS
नफरत का शिकार
चेचिन गुल्टेकिन अपने 37 वर्षीय भाई गोखन को याद कर रहे हैं जो आठ दूसरे लोगों के साथ जर्मनी के हनाऊ में एक नस्लीय हमले में मारे गए. हमलावर ने खुद की और अपनी मां की जान भी ले ली. हमले में मारे गए लोगों के चित्र कुछ कलाकारों ने 27 मीटर लंबी इस दीवार पर उकेरे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Arnold
इंसानियत की मिसाल
लंदन में ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शन के दौरान ली गई यह तस्वीर इंसानियत की मिसाल बन गई. इसमें पैट्रिक हचिंसन एक घायल प्रदर्शनकारी को सुरक्षित जगह पर ले जा रहे हैं. यह प्रदर्शनकारी धुर दक्षिणपंथियों का विरोध करने वहां पहुंचा था. इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर बहुत सराहना मिली.
तस्वीर: Dylan Martinez/REUTERS
जीवित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी
पौलैंड की राजधानी वारसा में अपने मोबाइल की टॉर्च को जलाकर प्रदर्शन कर रही इस महिला को कई लोगों ने जीवित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी कहा. वह बेलारूस के विवादित राष्ट्रपति चुनाव के बाद विपक्षी उम्मीदवार से एकजुटता जताने के लिए बेलारूसी दूतावास के सामने प्रदर्शन के लिए जमा लोगों में शामिल थी.
तस्वीर: Kacper Pempel/REUTERS
मलबे से संगीत
लेबनान की राजधानी बेरुत में अगस्त में एक जोरदार धमाका हुआ, जिससे 200 लोग मारे गए और बहुत से लोग बेघर हो गए. संगीतकार रेमंड एसयान का घर भी तहस नहस हो गया. लेकिन उन्होंने मलबे से अपने पियानों के हिस्से निकालकर उन्हें जोड़ा. इसके बाद बनाया उनका म्यूजिक वीडियो तेजी से वायरल हो गया.
तस्वीर: Chris McGrath/Getty Images
जादू की झप्पी
जोफेस वैरोन अमेरिका के टेक्सस में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे कि एक बुजुर्ग व्यक्ति उनसे आकर लिपट गया. वैरोन ने पूछा, "आप क्यों रो रहे हैं?" बाद में उस व्यक्ति ने मीडिया को बताया, "मैं अपनी पत्नी से मिलना चाहता था. इसीलिए मैं उनसे लिपट गया और जकड़ लिया."
तस्वीर: Go Nakamura/Getty Images
व्हेल की पूंछ ने बचा लिया
नहीं, यह नजरों का धोखा नहीं है. नीदरलैंड में नवंबर के महीने में एक ट्रेन पटरी से उतरी तो वहां बनी व्हेल की एक विशाल मूर्ति ने उसे थाम लिया. शुक्र है कि उस वक्त ट्रेन में कोई व्यक्ति नहीं था. इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ. लेकिन तस्वीर दुनिया भर में वायरल हो गई.
तस्वीर: Robin Utrecht/ANP/AFP
मास्क वाली पहचान
एमटीवी यूरोप म्यूजिक अवॉर्ड्स में अपनी वर्चुअल परमॉर्मेंस के लिए अमेरिकी गायिका एलिसिया कीज ने साइबोर्ग की तरह कपड़े पहने. परफॉर्मेंस के आखिर में ही उन्होंने अपनी पहचान दुनिया को दिखाई. सबसे पॉपुलर इवेंट्स में एक में उनकी इस परफॉर्मेंस के खूब चर्चे हुए.
तस्वीर: Rich Fury/MTV/Getty Images
कोई चांस नहीं लेना
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान यह तस्वीर बहुत मशहूर हुई. इसमें डाना क्लार्क अपने 18 महीने के बेटे साथ वोट डालने के लिए लाइन में खड़ी हैं. उन्होंने खुद को और अपने बच्चे को महामारी से बचाने के लिए ऐसा किया. उन्हें भरोसा नहीं था कि पोलिंग बूथ पर कितने लोग मास्क पहनेंगे या कितने नहीं.
तस्वीर: Kathleen Flynn/REUTERS
अमेरिकी चुनाव, भारत में दुआ
अमेरिकी चुनाव के दौरान दक्षिण भारत के इस गांव में डेमोक्रैटिक उम्मीदवारों की जीत के लिए पूजा अर्चना हो रही थी. यह गांव अमेरिका की नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की मां के पूर्वजों का है. यह गांव तमिलनाडु में पड़ता है.
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images
हेल्दी क्रिसमस
डेनमार्क के आलबोर्ग चिड़ियाघर में एक सेंटा ने बर्फ के गोले के भीतर से बच्चों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं. ऐसा इसलिए ताकि सेंटा और बच्चों को कोरोना वायरस से बचाया जा सके. साल 2020 ने बहुत कुछ बदल दिया. हमारी जीने के अंदाज और तौर तरीके भी.