रूस में नावाल्नी को जहर देने के मामले की जांच पर खींचतान
२७ अगस्त २०२०
जर्मनी ने विपक्षी नेता अलेक्सी नावाल्नी को जहर दिए जाने के मामले में रूस पर दबाव तो बनाया है लेकिन इसकी जांच होगी या नहीं, इस बारे में रूस से मिलेजुले संकेत आ रहे हैं.
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अलेक्सी नावाल्नी के मामले ने रूस को उलझा रखा है. पहले कहा गया कि उन्हें जहर ही नहीं दिया गया है, फिर बताया गया कि वे देश से बाहर जाने की हालत में नहीं है और अब जांच होनी है या नहीं, इस पर तरह तरह के बयान आ रहे हैं. नावाल्नी का इलाज जर्मनी के शारिटे अस्पताल में हो रहा है जहां डॉक्टरों ने उन्हें जहर दिए जाने की बात की पुष्टि की है. इसके बाद से रूस पर इस मामले की जांच का दबाव बना हुआ है. यूरोपीय संघ और खास कर जर्मनी और फ्रांस ने रूस से "पारदर्शी जांच" की मांग की और चांसलर अंगेला मैर्केल ने तो जांच "तुरंत" शुरू करने को कहा.
इसके जवाब में रूस के गृह मंत्रालय ने कहा कि वह अपने सहयोगी देशों के शक के कारण जांच शुरू करेगा. लेकिन क्रेमलिन ने अब भी नहीं माना है कि नावाल्नी को जहर दिया गया था और इसके लिए जर्मनी से उनकी मेडिकल फाइलें भेजने को कहा गया है. रूसी डॉक्टर इस दावे को गलत ठहरा रहे हैं.
साइबेरिया पुलिस का कहना है कि उसने जांच शुरू कर दी है और वह पता कर रही है कि हादसे के दिन नावाल्नी कहां कहां गए, उन्होंने कौन कौन सा रास्ता लिया. पुलिस के अनुसार टॉम्स्क में जिस होटल में वे रह रहे थे, उसकी जांच की जा चुकी है. इसके अलावा पूरे इलाके के सीसीटीवी फुटेज भी देखे जा रहे हैं. पुलिस के अनुसार उन्हें अब तक कहीं से भी किसी तरह का जहर या कोई संदिग्ध दवा नहीं मिली है. क्रेमलिन का कहना है कि इस जांच के जरिए वह उस दिन की सभी घटनाओं को साफ कर देना चाहता है और उम्मीद करता है कि इस मामले का पश्चिमी देशों के साथ उसके रिश्ते पर असर नहीं पड़ेगा.
कोई अपराध हुआ ही नहीं
वहीं रूस के महाभियोजक कार्यालय का कहना है कि इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि नावाल्नी के साथ कोई अपराध हुआ है, इसलिए आपराधिक मामला दर्ज करने का कोई आधार है ही नहीं. महाभियोजक के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि जर्मन अधिकारी जांच में रूस का सहयोग करने के लिए सहमत हो गए हैं, इसलिए जर्मनी से नावाल्नी के इलाज की पूरी जानकारी मांगी गई है, बदले में वे भी जर्मनी से कुछ जानकारी साझा करेंगे.
44 साल के नावाल्नी को बर्लिन के शारिटे अस्पताल में दवा दे कर कोमा में रखा गया है ताकि उनका इलाज किया जा सके. डॉक्टरों को शक है कि उन्हें नर्व एजेंट दिया गया था. इससे पहले भी रूस सरकार के विरोधियों को नर्व एजेंट दे कर रास्ते से हटाने की कोशिश की जा चुकी है. फ्रांस के विदेश मंत्री जाँ ईव्स ले द्रियाँ ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि रूस इस मामले की जांच में पारदर्शिता नहीं दिखा रहा है.
रूस के विपक्षी नेता अलेक्सी नावाल्नी पुतिन विरोधी मुहिम का सबसे प्रमुख चेहरा हैं. लेकिन इस वक्त वह आईसीयू में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. शक है कि उन्हें जहर दिया गया है.
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रूसी विरोध का चेहरा
रूस में विरोध करने वालों के बीच एक बुलंद आवाज और मजबूत छवि अलेक्सेई नावाल्नी की है. नावाल्नी ने 2008 में एक ब्लॉग लिख कर रूसी राजनीति और सरकारी कंपनियों के कथित गंदे कामों की ओर लोगों का ध्यान खींचा. उनके ब्लॉग में लिखी बातें अकसर इस्तीफों की वजह बनती हैं जो रूस की राजनीति में दुर्लभ बात है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/TASS/V. Sharifulin
विवादित संसदीय चुनाव
2011 में नावाल्नी को पहली बार गिरफ्तार किया गया. मॉस्को में डूमा के बाहर हुई रैली में उनकी भूमिका के लिए उन्हें 15 दिन की सजा हुई. संसदीय चुनाव में पुतिन की यूनाइटे़ड रसिया जरूर जीती लेकिन सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों की तरफ से डाली तस्वीरों ने चुनाव के दौरान हुई धांधलियों को उजागर किया. बाहर निकलने पर नावाल्नी ने विरोध प्रदर्शनों के लिए "असाधारण कोशिशों" को जारी रखने की शपथ ली.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Stenin
दूसरी बार जेल
2012 में दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन ने रूस की जांच कमेटी को नावाल्नी के अतीत की आपराधिक जांच का आदेश दिया. इसके अगले साल नावाल्नी पर आरोप लगे और उन्हें सजा दी गई. इस बार उन्हें किरोव शहर में हुई कथित आगजनी के लिए पांच साल की सजा मिली. हालांकि उन्हें अगले ही दिन रिहा कर दिया गया क्योंकि उच्च अदालत से सजा की पुष्टि नहीं हो सकी. बाद में उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया.
तस्वीर: Reuters
क्रेमलिन का विरोध बढ़ा
कानूनी पचड़ों में फंसने के बावजूद नावाल्नी को 2013 में मॉस्को के मेयर का चुनाव लड़ने की इजाजत मिल गई. पुतिन के सहयोगी सर्गेई सोब्यानिन से मुकाबले में दूसरे नंबर पर आकर नावाल्नी पुतिन विरोध की मुहिम को आगे बढ़ाने में कामयाब हो गए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सोशल मीडिया पर नावाल्नी की लड़ाई
राष्ट्रपति के विरोध में गढ़े नारों के कारण नावाल्नी को रूस के सरकारी टेलिविजन पर दिखाने की रोक लग गई. मजबूर हो कर नावाल्नी ने अपना राजनीतिक संदेश सोशल मीडिया और ब्लॉग के जरिए लोगों तक पहुंचाने लगे. अच्छा भाषण देने, पुतिन और उनके सहयोगियों पर तीखे व्यंग्य और हास्य के जरिए उनका मजाक बना कर नावाल्नी ने युवा प्रशंसकों की एक फौज खड़ी कर ली है.
तस्वीर: Alexei Navalny/Youtube
राष्ट्रपति बनने की महत्वाकांक्षा
दिसंबर 2016 में विपक्षी नेता ने मार्च 2018 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी के अभियान की औपचारिक शुरूआत की. हालांकि लगातार लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई. उनके समर्थकों का कहना है कि उन पर लगे सारे आरोप राजनीति से प्रेरित थे.
तस्वीर: Getty Images/AFP/K. Kudryavtsev
भ्रष्टाचार के दोषी
2016 में यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने फैसला दिया कि किरोव मामले में रूस की सरकार ने नावाल्नी की उचित सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन किया. रूस की सर्वोच्च अदालत ने पांच साल कैद की सजा उलट दी लेकिन इस फैसले को किरोव की अदालत में वापस भेज दिया गया. 2017 में फिर उन्हें पांच साल के निलंबित कैद की सजा सुनाई गई. नावाल्नी ने फैसले को चुनौती दी और इस पर सुनवाई जारी है.
तस्वीर: picture-alliance/Sputnik/A. Kudenko
6 साल में मॉस्को का सबसे बड़ा प्रदर्शन
फरवरी 2017 में भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्जनों शहरों में हुई रैलियों के कारण देश भर में नावाल्नी समेत 1000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हुए. 2012 के बाद यह विरोध प्रदर्शन सबसे ज्यादा बड़े थे. नावाल्नी ने अपनी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री दिमित्री मेद्वेद्वेव को एक अरब यूरो के एक इम्पायर से संबंधित बताया. 15 दिन बाद नावाल्नी को रिहा कर दिया गया.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Evgeny Feldman for Alexey Navalny's campaign
शारीरिक हमला
नावाल्नी पर शारीरिक हमले भी हुए. अप्रैल 2017 में उनकी एक आंख में किसी ने केमिकल डाइ फेंक दिया इसकी वजह से उनके दक्षिणी कॉर्निया को भारी क्षति हुई. नावल्नी ने रूसी अधिकारियों पर आरोप लगाया कि किरोव मामले की आड़ लेकर उन्हें इलाज के लिए बाहर नहीं जाने दिया जा रहा. हालांकि रूसी राष्ट्रपति दफ्तर से जुड़े मानवाधिकार परिषद की दखल के बाद उन्हें स्पेन जा कर आंख का ऑपरेशन कराने की अनुमति मिली.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/E. Feldman
जहर दिया गया?
20 अगस्त 2020 को नावाल्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया. वह मॉस्को जा रहे थे कि विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई और उन्हों तुरंत आईसीयू में दाखिल कराया गया. डॉक्टर उनकी हालत को गंभीर बता रहे हैं. नावाल्नी की प्रवक्ता का कहना है कि शायद चाय के जरिए उन्हें जहर देने की कोशिश की गई है.