रूस में शराब के सेवन में 40 प्रतिशत की कमी आई है. इसकी वजह रूसी राष्ट्रपति पुतिन की शराब नियंत्रित करने वाली नीति और पुतिन की खेल को बढ़ावा देने वाली नीति को बताया गया है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 2004 से 2019 के बीच शराब के सेवन में 43 प्रतिशत की कमी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, "लंबे समय तक रूस को दुनिया के सबसे ज्यादा शराब पीने वाले देशों में माना जाता था. 1990 में होने वाली आकस्मिक मौतों में शराब भी एक बड़ा कारण हुआ करती थी. हालांकि हाल के वर्षों में यह ट्रैंड बदल गया है." रिपोर्ट के मुताबिक रूस में शराब से होने वाली बीमारियों को कम करने के लिए बनाई गई शराब नियंत्रण नीति इसमें एक बड़ा कारण है.
दूसरा कारण रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन का खेलप्रेमी होना भी है. पुतिन के सत्ता संभालने बनने के बाद से ही रूस में खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है. पुतिन ने लोगों को स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए प्रेरित भी किया. इन बदलावों के चलते रूस में औसत उम्र में बढ़ोत्तरी हुई है. 1990 में ये औसत उम्र 57 साल थी. 2018 में यह औसत उम्र पुरुषों के लिए 68 और महिलाओं के लिए 78 साल हो गई है.
कैसे रूस ने किया ये काम
रूस ने शराब की खपत को कम करने के लिए कई बड़े कदम उठाए. शराब पर टैक्स बढ़ाया गया. 2003 में वोदका की न्यूनतम कीमत तय कर दी और धीरे-धीरे इसे बढ़ाया. इसके अलावा रूस में रात 11 बजे बाद शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई. कुछ इलाकों में शराबबंदी लागू की गई. साथ ही खेलों को भी बढ़ावा दिया गया. रिसर्च के मुताबिक शराब के सेवन में कमी का एक कारण अवैध रूप से बनी हुई शराब को पीने में कमी हुई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की कैरिना फैरिरा बॉरगेस के मुताबिक, "अवैध रूप से बनाई या लाई गई शराब में कमी का कारण सरकार की नई शराब नियंत्रण नीतियां हैं. नतीजे बताते हैं कि अच्छी तरह से निगरानी कर, कीमतें बढ़ाकर और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक निश्चित मात्रा में ही शराब देकर भी शराब के सेवन में कमी लाई जा सकती है. मुझे भरोसा है कि यूरोप और दूसरे देश भी इस तरह की नीतियों को अपनाएंगे."
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया था कि रूस के वयस्क लोग फ्रांस और जर्मनी के वयस्कों की तुलना में कम शराब पीते हैं. रूस ने अब धूम्रपान में भी कमी लाने के कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. 1 अक्टूबर से निजी बाल्कनी में भी धूम्रपान करने पर रोक लगा दी गई है. इस रोक का कारण सिगरेट की वजह से बाल्कनी में लगने वाली आग को बताया गया है. 2019 में अब तक बाल्कनी में सिगरेट से आग लगने के 2000 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने ये रोक लगाई है.
शराब का सेवन करना या न करना किसी व्यक्ति की निजी पसंद हो सकता है. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जहां शराब का सेवन कानूनी रूप से वर्जित है या फिर शराब पीने की अनुमति सिर्फ पर्यटकों को ही मिलती है.
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यमन
यमन में शराब सार्वजिनक रूप से नहीं पा जा सकती. यमन के कानून मुताबिक अगर सार्वजनिक रूप से कोई शराब पीता पकड़ा जाता हैं तो उसे सुधार केंद्र या इलाज के लिये भेजने की बजाय सीधे जेल भेजा जाता है.
संयुक्त अरब अमीरात में शराब की बिक्री बहुत ही कड़े नियमन के बीच की जा सकती है. लेकिन शारजाह में शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित है. हालांकि अब यहां के कानून में कुछ रियायत की गई है.
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सूडान
साल 1983 से सूडान में शराब प्रतिबंधित है. सूडान सोशलिस्ट यूनियन ने शराब निषेध विधेयक पारित कर शराब बनाना, बिक्री करना और देश के मुस्लिम नागरिकों के लिए किसी भी रूप की शराब की खपत को गैरकानूनी करार दिया था.
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सोमालिया
सोमालिया भी शराब से जुड़े कानूनों को लेकर काफी सख्त है. देश में शराब बनाना, इसका कारोबार करना और इसकी खपत पर प्रतिबंध है. लेकिन यहां के गैर-मुसलमानों और विदेशियों को निजी रूप से शराब के सेवन की इजाजत है.
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सउदी अरब
यहां भी शराब को तैयार करना, इसकी बिक्री करना और आयात करना पूरी तरह से गैरकानूनी है. लेकिन विदेशियों को यहां भी राहत मिली हुई है. इसी तरह के मिलते-जुलते कानून शराब को लेकर लीबिया और कुवैत में भी हैं.
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मालदीव
समंदर के तटों और विश्व स्तरीय रिसॉर्ट्स वाले देश मालदीव में स्थानीय लोगों को शराब के सेवन की अनुमति नहीं है. देश में केवल कुछ रिसॉर्ट्स और होटल ही एक खास परमिट लेने के बाद ही विदेशी पर्यटकों को शराब बेच सकते हैं.
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पाकिस्तान
यहां मुस्लिमों के लिये शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित है. लेकिन गैर-मुस्लिम लोग शराब को सरकार से लाइसेंस प्राप्त कर खरीद सकते हैं. गैर-मुस्लिम विदेशियों को कुछ होटलों में शराब सेवन की अनुमति है.
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ईरान
ईरान में भी शराब का सेवन मुसलमान नागरिकों के लिये प्रतिबंधित है. हालांकि कानून में गैर-मुस्लिम लोगों को जरूर राहत है. गैर-मुस्लिम लोगों को कुछ शर्तों के साथ शराब बनाने और इसकी खपत की इजाजत है
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भारत
भारत में शराब की बिक्री, प्रबंधन, खपत से जुड़ा विषय राज्य सूची का है और इस पर कानून बनाने का अधिकार भी राज्यों के पास है. इसलिये गुजरात, बिहार सहित पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में शराब पर प्रतिबंध है.
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बांग्लादेश
बांग्लादेश में भी शराब की बिक्री और खपत प्रतिबंधित है. हालांकि देश के गैर-मुसलमानों और यहां आने वाले पर्यटकों को इसमें छूट है. ये लोग निजी स्थान पर शराब का सेवन कर सकते हैं. देश के प्रमुख पर्यटकों केंद्रों पर स्थित रेस्त्रां, होटल आदि में शराब बेचने की अनुमति है.