रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर आलोचक ऐलेक्सी नावाल्नी को एक रूसी अदालत ने धोखाधड़ी का दोषी करार दिया है. नावाल्नी पहले से जेल में हैं और उन्हें नौ साल की जेल की सजा सुना दी गई है.
विज्ञापन
45 साल के नावाल्नी मॉस्को से पूर्व की तरफ एक जेल शिविर में बंद हैं. वो पैरोल की शर्तों के उल्लंघन के लिए पहले से ही साढ़े तीन साल की जेल काट रहे हैं. उन्होंने कहा है कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को नाकाम करने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं.
ताजा मामले में अदालत ने उन्हें नौ साल की जेल की सजा सुनाई है. इस मामले को भी नावाल्नी ने राजनीति से प्रेरित बताया है. जेल के सुरक्षा अधिकारियों से भरे हुए एक कमरे में जज ने नावाल्नी के सामने ही उनके खिलाफ आरोप पढ़े. अपने वकीलों के पास खड़े नावाल्नी कमजोर नजर आ रहे थे.
लेकिन कागजात पढ़ते हुए वो शांत और निर्भीक लग रहे थे. अभियोजन पक्ष ने अदालत से मांग की थी कि नावाल्नी को धोखाधड़ी और अदालत की अवहेलना के आरोपों पर अधिकतम सुरक्षा वाली जेल में 13 सालों के लिए बंद कर दिया जाए.
नावाल्नी को पिछले साल जर्मनी से वापस रूस पहुंचने के बाद जेल में बंद किया था. जर्मनी में वो अपना इलाज करवा रहे थे. उन पर 2020 में साइबेरिया की एक यात्रा के दौरान सोवियत काल के एक नर्व एजेंट से हमला किया था. उन्होंने हमले का पुतिन पर आरोप लगाया था.
क्रेमलिन ने कहा था कि नावाल्नी को जहर दिए जाने का कोई सबूत नहीं मिला था और अगर ऐसा हुआ भी था तो उसमें रूस की कोई भी भूमिका नहीं थी. आखिरी बार 15 मार्च को इस मामले में सुनवाई हुई थी और उसके बाद नावाल्नी ने विद्रोही स्वर अपनाए रखा.
उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "अगर जेल की सजा जो चीजें कहे जाने की जरूरत है उन्हें कहे जाने के मेरे मानवाधिकार की कीमत है...तो वो 113 सालों की मांग कर सकते हैं. मैं अपने शब्दों और कर्मों का त्याग नहीं करूंगा."
रूस के अधिकारियों ने नावाल्नी और उनके समर्थकों को ऐसे विद्रोहियों के रूप में दिखाने की कोशिश की है जिन्होंने पश्चिम के समर्थन के जोर पर रूस को अस्थिर करने का दृढ संकल्प कर लिया है. उनके कई साथी रूस के अंदर जेल या प्रतिबंधों का सामना करने की जगह देश छोड़ कर चले गए.
नावाल्नी के विपक्षी आंदोलन को "चरमपंथी" बता कर बंद कर दिया गया है, लेकिन उनके समर्थक अभी भी अपना राजनीतिक रुख सोशल मीडिया पर व्यक्त करते हैं. उन्होंने यूक्रेन में रूस के सैन्य हस्तक्षेप का भी विरोध किया है.
सीके/एए (रॉयटर्स/एपी)
खराब होते मानवाधिकारों पर कार्रवाई की मांग
संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों की सबसे खराब वैश्विक गिरावट के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने चीन, रूस और इथियोपिया समेत अन्य देशों की स्थिति पर प्रकाश डाला.
तस्वीर: Ahmad al-Rubaye/Getty Images/AFP
अधिकारों का हनन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने कहा, "हमारे जीवनकाल में मानवाधिकारों के सबसे व्यापक और गंभीर झटकों से उबरने के लिए हमें एक जीवन बदलने वाली दृष्टि और ठोस कार्रवाई की जरूरत है." मानवाधिकार परिषद के 47वें सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने टिग्रे में साढ़े तीन लाख लोगों के सामने भुखमरी के संकट पर चिंता जताई.
तस्वीर: Fabrice Coffrini/AFP/Getty Images
'एनकाउंटर और यौन हिंसा'
मिशेल बैचलेट ने अपने संबोधन में, "न्यायेतर फांसी की सजा, मनमाने तरीके से गिरफ्तारी और हिरासत, बच्चों के साथ-साथ वयस्कों के खिलाफ यौन हिंसा" की ओर इशारा किया और कहा कि उनके पास "विश्वसनीय रिपोर्ट" है कि इरिट्रिया के सैनिक अभी भी इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA/M. Yalcin
इथियोपिया में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा
इथियोपिया जहां हाल में ही चुनाव हुए हैं, वहां "घातक जातीय और अंतर-सांप्रदायिक हिंसा और विस्थापन की खतरनाक घटनाएं" देखने को मिल रही हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारों की उच्चायुक्त का कहना है कि "सैन्य बलों की मौजूदा तैनाती एक स्थायी समाधान नहीं है."
तस्वीर: Eduardo Soteras/AFP/Getty Images
मोजाम्बिक में जिहादी हिंसा
उत्तरी मोजाम्बिक में जिहादी हिंसा में तेजी से उछाल आया है. यहां हिंसा के कारण खाद्य असुरक्षा बढ़ी है. और करीब आठ लाख लोग, जिनमें 3,64,000 बच्चे शामिल हैं, उन्हें अपने घरों से भागना पड़ा है.
तस्वीर: Roberto Paquete/DW
हांग कांग की चिंता
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख ने हांग कांग में पेश किए गए व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के "डरावने प्रभाव" की ओर भी इशारा किया. यह कानून 1 जुलाई 2020 से प्रभावी है. इस कानून के तहत बीजिंग के आलोचकों पर कार्रवाई की जा रही है. इस कानून के तहत 107 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 57 को औपचारिक रूप से आरोपित किया गया है.
तस्वीर: Vincent Yu/AP Photo/picture alliance
शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन
बैचलेट ने चीन के शिनजियांग प्रांत में "गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन की रिपोर्ट" का उल्लेख किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन उन्हें इस प्रांत का दौरा करने की अनुमति देगा और गंभीर उत्पीड़न की रिपोर्टों की जांच करने में मदद करेगा.
तस्वीर: Mathias Bölinger/DW
रूस पर प्रतिक्रिया
बैचलेट ने क्रेमलिन द्वारा राजनीतिक विचारों का विरोध करने और सितंबर के चुनावों में भागीदारी तक पहुंच को कम करने के हालिया उपायों की भी आलोचना की. क्रेमलिन आलोचक अलेक्सी नावाल्नी के आंदोलन को खत्म करने की कोशिश पर भी यूएन ने चिंता जाहिर की.