रूस में ट्रांसजेंडर अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी
१४ जुलाई २०२३
रूसी संसद के निचले सदन ने गुरूवार को ट्रांसजेंडर अधिकारों से जुड़े उस बिल को दूसरे चरण में पास कर दिया है जो लिंग परिवर्तन पर रोक लगाता है. हालांकि यह उन बच्चों के लिए मुमकिन होगा जिन्हें जन्म से कोई गंभीर बीमारी है
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प्रस्तावित बिल लिंग बदलने के लिए की जाने वाली प्रक्रियाओं जैसे हार्मोन थेरेपी और सर्जरी पर रोक लगाने की बात कहता है. इसका मतलब है कि किसी भी डॉक्टर को इस तरह की सर्जरी करने का हक नहीं होगा. अगर यह बिल पास होता है तो देश में ट्रांसजेंडर अधिकारों के लिए बहुत बड़ा झटका होगाक्योंकि ये बिल आधिकारिक कागजों पर जेंडर पहचान बदलने और बच्चे गोद लेने का अधिकार भी छीनता है.
राष्ट्रीय पहचान की दुहाई
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूस ने ऐसे कई रूढ़िवादी कदम उठाए हैं, खासकर एलजीबीटीक्यू समुदाय के खिलाफ जिन्हें पश्चिमी देशों से प्रभावित और भ्रष्ट आचरण माना जाता है. इस बिल की वजह से ट्रांसजेंडर समुदाय में अपनी पहचान और भविष्य को लेकर डर है.
संसद के निचले सदन के उप-सभापति और इस बिल को बनाने वालों में से एक प्योतर तोलस्तोय ने कहा, हम रूस और उसके सांस्कृतिक मूल्यों, उसके पारंपरिक ढांचे को बचा रहे हैं. हम चाहते हैं कि वो लोग जो इस वक्त रूस के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं (यूक्रेन में), वो वापिस आकर देखें कि यह देश कैसे बदला है.
समुदाय में डर
जाहिर है कि एलजीबीटीक्यू समुदाय में इस बिल को लेकर बेचैनी और डर है. 21 साल के ट्रांसजेंडर युवा निकोलाई (बदला हुआ नाम) कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि अब रूस में उनका जीवन कैसे चलेगा, "मैं पूरी तरह से निराश महसूस कर रहा हूं. अगर ये कानून बन जाता है तो हार्मोन थेरेपी बैन हो जाएगी. थेरेपी के बाद मेरा मानसिक स्वास्थ्य काफी सुधरा था".
इसी तरह सेंटर टी नाम का एक एनजीओ चलाने वाले मनोवैज्ञानिक यान ड्वोरकिन कहते हैं लोगों के लिए ये सुनना बहुत मुश्किल है कि राज्य उन्हें लोगों का दुश्मन मानता है, उनके अधिकार छीनता और उन्हें गैर-कानूनी मानता है.
एसबी/ओएसजे (एएफपी)
कहां कहां अवैध है लिंग परिवर्तन
रूस की संसद ने लिंग परिवर्तन करने पर प्रतिबंध का प्रस्ताव पेश किया है. ऐसे कई देश हैं, जहां लिंग परिवर्तन अवैध है और ऐसा करने पर सजा का भी प्रावधान है.
तस्वीर: Subrata Goswami/DW
अमेरिका
अमेरिका में लिंग परिवर्तन एक विवादास्पद मुद्दा है. कई राज्यों में ऐसी सर्जरी अवैध है. जून में ही टेक्सस ने अवयस्कों के लिए लिंग परिवर्तन सेवा उपलब्ध कराने पर प्रतिबंध लगाया. करीब एक दर्जन राज्यों में ऐसे प्रतिबंध लागू हैं.
तस्वीर: Spencer Platt/Getty Images
पाकिस्तान
पाकिस्तानी न्यायपालिका ने इसी साल मई में एक फैसला दिया कि ट्रांसजेंडर लोगों को मिली कानूनी सुरक्षा इस्लामिक दृष्टि से अवैध है, इसलिए लागू नहीं होती. हालांकि पाकिस्तान में लोग अपने आपको थर्ड जेंडर के रूप में रजिस्टर करा सकते हैं. 2009 में पाकिस्तान ऐसा करने वाला पहला दक्षिण एशियाई देश बना था. उसके बाद 2014 में भारत ने भी ऐसा ही किया.
तस्वीर: Betsy Joles/Getty Images
स्वीडन
लैंगिक अधिकारों के मामले में सबसे उदारवादी देशों में से एक स्वीडन ने 1972 में ही लिंग परिवर्तन को कानूनन मान्य कर दिया था. लेकिन पिछले साल बच्चों के लिए उपलब्ध कुछ हॉर्मोन थेरेपी पर पाबंदियां लगनी शुरू हुईं. इसकी वजह ‘मांग में बहुत ज्यादा वृद्धि के कारण सावधानी’ को बताया गया. वहां लड़कियों के लिए स्तन हटवाना भी अवैध है.
समलैंगिक अधिकारों के मामले में फिनलैंड को दुनिया के सबसे आधुनिक और उदार देशों में गिना जाता है. लेकिन 2020 में फिनलैंड ने अवयस्कों के लिए हॉर्मोन थेरेपी पर रोक लगा दी थी.
तस्वीर: Peter Endig/ZB/picture alliance
हंगरी
हंगरी में दक्षिणपंथी नेता विक्टर ओर्बन की सरकार आने के बाद से लिंगभेद को लेकर रवैया काफी अनुदार हुआ है. मई 2020 में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए पहचान पत्र पर अपना नाम और लिंग बदलना असंभव कर दिया गया.
तस्वीर: Frank Hoermann/Sven Simon/IMAGO
अर्जेन्टीना
ट्रांसजेंडर अधिकारों को लेकर अर्जेन्टीना ने काफी तरक्कीपसंद रवैया बरता है. 2012 में ही वहां पहचान पत्रों पर लिंग बदलना आसान किया गया. कई दक्षिण अमेरिकी देशों ने भी ऐसा ही किया है.
2014 में डेनमार्क यूरोप का पहला देश बना था, जहां वयस्कों को लिंग परिवर्तन के लिए बिना किसी जांच के अर्जी देने का अधिकार दिया गया. उसके बाद माल्टा, आयरलैंड, नॉर्वे, बेल्जियम और पुर्तगाल ने भी ऐसा ही किया.
इसी साल फरवरी में संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसके तहत 16 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को पहचान पत्र में लिंग परिवर्तन की इजाजत दी गई. 14 वर्ष से अधिक आयु के लोग अपने अभिभावकों की सहमति से ऐसा कर सकते हैं. अब जर्मनी भी ऐसा ही करने जा रहा है.
तस्वीर: Susana Vera/REUTERS
फ्रांस
फ्रांस में लोग बिना लिंग परिवर्तन कराए भी पहचान पत्र पर अपना लिंग बदल सकते हैं. इसके लिए उन्हें सर्जरी कराने की जरूरत नहीं है लेकिन कोर्ट से इजाजत लेनी होती है.