रूस के सरकारी मीडिया ने खबर दी है कि देश का प्रतिष्ठित युद्ध जहाज 'मस्कवा' डूब गया है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तूफानी समुद्र ने इसे डुबो दिया. पहले यूक्रेन ने दावा किया था कि उसने मस्कवा पर हमला किया था.
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रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि जहाज एक धमाके के बाद क्षतिग्रस्त हो गया था और उसे अन्य जहाज के सहारे बंदरगाह तक लाया जा रहा था, जब तूफानी समुद्र ने उसे डुबो दिया. मस्कवा रूसी जल सेना का एक प्रतिष्ठित जहाज था जो यूक्रेन पर हमले का नेतृत्व कर रहा था. इस पर 510 चालक दल होते थे और यह देश की सैन्य क्षमता का एक प्रतीक था.
यूक्रेन ने दावा किया था कि उसने मस्कवा पर बुधवार देर रात मिसाइल दागी थी. लेकिन रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में किसी हमले का जिक्र नहीं किया. पहले उसने कहा कि जहाज पर मौजूद हथियारों के कारण ही आग लगी और चालक दल को इसे छोड़कर निकलना पड़ा.
यूक्रेन की जंग ने जानवरों को भी नहीं छोड़ा
यूक्रेन की जंग में वहां के पालतू जानवरों ने भारी कीमत चुकाई है. कुछ की जान गई तो किसी का मालिक मर गया और कोई खाना ढूंढने के लिए मलबों की खाक छान रहा है. इन बेजुबानों को समझ से परे है कि अचानक इंसानों को क्या हो गया?
तस्वीर: Carol Guzy/ZUMA Press/picture alliance
कुत्ते का ख्याल रखने के लिए रुके मगर खुद को नहीं बचा पाए
ये पालतू कुत्ता अपने साथी कुत्ते को सूंघ रहा है, जिसकी मौत हो चुकी है. इस तस्वीर के पीछे एक और दर्दनाक कहानी छिपी है. पास के ही बाग में सेरही और उनके रिश्तेदार रोमन की लाश पड़ी है. दोनों के ही सिर में गोली मारी गई है. पास ही एक अनजान नागरिक की लाश भी है. पड़ोसियों ने बताया कि सेरही अपने कुत्ते का ख्याल रखने के लिए बूचा में ही रुक गए थे.
तस्वीर: Carol Guzy/ZUMA Press/picture alliance
पालतू जानवर भी बने गोलियों का निशाना
बूचा जैसे इलाकों में सिर्फ इंसानों की ही हत्या नहीं हुई. यहां पर बड़ी संख्या में पालतू जानवरों की लाशें भी सड़कों पर पड़ी हुई हैं.
तस्वीर: Aziz Karimov/ZUMA PRESS/picture alliance
बेजुबानों की सुध कौन ले
इन बेजुबानों को पता भी नहीं था कि क्यों अचानक उन्हें और उनके आसपास के इंसानों को गोलियां मारी जाने लगीं. ऐसे कई लोग युद्ध में मार दिए गए हैं और उनके जानवर लावारिस बनकर खाने-पानी की तलाश में भटक रहे हैं.
तस्वीर: Rodrigo Abd/AP Photo/picture alliance
तबाही के बीच भोजन की फिक्र
यूक्रेन में जब इंसानों की जान का ठिकाना नहीं तो जानवरों की फिक्र कौन करता, जब इंसानों के लिए खाने के लाले पड़े हैं तो जानवरों को खाना कौन खिलाए. ऐसे में बहुत से लोगों ने अपने जानवर छोड़ भी दिए हैं.
तस्वीर: Efrem Lukatsky/AP Photo/picture alliance
जानवरों को भी मारी गोली
कीव के पास के एक गांव बोरोदयांका में इस कुत्ते को एक रूसी सैनिक ने गोली मार दी, इसका खून अब तक बह रहा है.
तस्वीर: Laurel Chor/ZUMA PRESS/picture alliance
सर पर लटक रही है तलवार
चिड़ियाघर का कहना है कि इन जानवरों के बाड़े अभी सुरक्षित हैं लेकिन और नुकसान हुआ तो भी बचे रहेंगे, कहना मुश्किल है. ऐसे में अगर इन जानवरों को सुरक्षित जगहों पर नहीं ले जाया जा सका तो इनका अंत करना ही एकमात्र विकल्प होगा.
तस्वीर: Kostiantyn Honcharov/DW
जीना मरना संग संग
बहुत से शरणार्थी अपने साथ पालतू जानवरों को अपने साथ ले कर गए हैं. हालांकि सारे लोग और जानवर इतने खुशनसीब नहीं थी.
तस्वीर: Amy Katz/ZUMAPRESS/picture alliance
बड़े शिकारी जानवरों की समस्या और बड़ी
ऐसे में बड़े शिकारी जानवरों को भारी समस्या हो रही है. मसलन शेर, बाघ और भालू, जो इंसानों के लिए खतरा बन सकते है, वो कहीं बाहर निकलकर लोगों को निशाना न बनाने लगें.
तस्वीर: picture alliance / abaca
मानवता जिंदा है
लेकिन मानवता का कोई अंत नहीं. इस त्रासदी के बीच भी वालंटियर ओलेक्सांद्रा सेफ्रूलियाक जैसे लोग कीव के इरपिन इलाके में बचाए गए जानवरों को ले जाकर कीव के एनिमल शेल्टर में रख रहे हैं.
रूस की राजधानी मॉस्को के नाम पर इस जहाज का नाम रखा गया था. घटना के वक्त यह यूक्रेन की ओडेसा बंदरगाह से 60-65 समुद्री मील दूर था जब इस पर आग लगी. इस जहाज का नुकसान रूसी सेना के लिए एक बड़ा धक्का है. यह एक प्रतीकात्मक धक्का भी है क्योंकि रूसी सेना को जमीन पर भी खासा नुकसान होने की खबर है और उत्तरी यूक्रेन में उसे कई जगह पीछे हटना पड़ा है.
यूक्रेन की बढ़ती ताकत
युद्ध अब आठवें हफ्ते मेंपहुंच चुका है और रूस की सैन्य शक्ति पर सवाल उठने लगे हैं. यूक्रेन के सैनिकों अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से मिल रहे हथियारों के बूते पर यूक्रेन की सेना ने रूस को कई मोर्चों पर मात दी है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका से 80 करोड़ डॉलर की नई सैन्य सहायता के लिए आभार जताया है. बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसकी मंजूरी दी.
बुधवार को देर रात के संबोधन में उन्होंने पोलैंड, एस्तोनिया, लिथुआनिया और लातविया के राष्ट्रपतियों के कीव दौरे के लिए भी आभार प्रकट किया. जेलेंस्की ने कहा, "इन नेताओं ने पहले दिन से हमारी मदद की है. ये वो लोग हैं, जो हमें ना तो हथियार देने में झिझके और ना ही प्रतिबंध लगाने में कोई शंका जताई."
यूक्रेन युद्ध में मारे गए ये पत्रकार
यूक्रेन पर रूसी हमले के दौरान अब तक युद्ध को कवर कर रहे छह पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की मौत हो गई है. मारे गए कुछ पत्रकार यूक्रेनी और कुछ विदेशी हैं.
तस्वीर: Oksana Baulina/REUTERS
येवहनी सकुन
यूक्रेन के 'लाइव' स्टेशन के लिए बतौर कैमरा ऑपरेटर काम करने वाली 49 वर्षीय येवहनी सकुन यूक्रेन युद्ध में मारी गई पहली मीडियाकर्मी थी. 1 मार्च को सकुन की मृत्यु तब हो गई जब रूस ने कीव में एक टीवी टावर पर हमला किया था. इस हमले में चार अन्य लोगों की भी मौत हुई थी.
तस्वीर: Yaghobzadeh Alfred/ABACA/picture alliance
ब्रेंट रेनॉड
50 साल के ब्रेंट रेनॉड की 13 मार्च को रूसी सैनिकों की फायरिंग में तब मौत हो गई जब वे कीव के बाहरी इलाके में अपनी गाड़ी से जा रहे थे. रेनॉड टाइम स्टूडियो के लिए काम कर रहे थे. वे यूक्रेन में शरणार्थी संकट पर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे.
तस्वीर: Jemal Countess/Getty Images
ऑलेक्जांड्रा कुवशिनोवा
फॉक्स न्यूज के लिए एक काम करने वाली 24 वर्षीय यूक्रेनी ऑलेक्जांड्रा कुवशिनोवा की 14 मार्च को फायरिंग में मौत हो गई थी. वो एक वाहन में अपने सहकर्मियों के साथ यात्रा कर रही थीं.
तस्वीर: Yaghobzadeh Alfred/ABACA/picture alliance
पियरे जक्रजेवस्की
55 वर्षीय पियरे जक्रजेवस्की फॉक्स न्यूज के कैमरामैन थे और होरेनका शहर में कुवशिनोवा के साथ ही यात्रा कर रहे थे. उनकी गाड़ी पर फायरिंग होने से कुवशिनोवा के साथ उनकी भी मौत हो गई. हमले में फॉक्स न्यूज के एक और पत्रकार बेंजामिन हॉल गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
तस्वीर: Pierre Zakrzewski/dpa/Fox News/AP/picture alliance
ओक्साना बाउलिना
रूस की खोजी साइट द इनसाइडर के लिए काम करने वाली पत्रकार ओक्साना बाउलिना की कीव में 23 मार्च को रूसी गोलाबारी के दौरान मौत हो गई थी. जिस वक्त रूसी हमला हुआ तब वे तबाही को फिल्मा रही थीं और उसी दौरान वे हमले की चपेट में आ गई.
तस्वीर: Oksana Baulina/REUTERS
माक्सिम लेविन
यूक्रेनी फोटो पत्रकार माक्सिम लेविन, जिन्हें उनके सहयोगी मैक्स कह कर पुकारते थे, वे राजधानी कीव के उत्तरी इलाके में मृत पाए गए थे. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने कहा कि लेविन रॉयटर्स, एसोसिएटेड प्रेस, बीबीसी और यूक्रेनी आउटलेट होरोमाडस्के समेत संगठनों के लिए काम कर चुके थे. लेविन मार्च में कीव के पास विशोरोड के आसपास युद्ध कवर करते हुए गायब हुए थे.
रूस ने एक दिन पहले दावा किया था कियूक्रेन के 1,000 से ज्यादा सैनिकों ने समर्पणकिया है. रूस का कहना है कि दक्षिणी शहर मारियोपोल में 1,000 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेंकोव के मुताबिक, यूक्रेन की 36 मरीन ब्रिगेड के 1,026 सैनिकों ने शहर के एक संयंत्र में समर्पण किया है. रूसी सैनिक फरवरी के आखिर में मारियोपोल के भीतर घुस आए थे और तभी से यह शहर जरूरी चीजों के अभाव से जूझ रहा है.