जयशंकर ने अफगानिस्तान की स्थिति पर ब्लिंकेन से चर्चा की
आमिर अंसारी
१७ अगस्त २०२१
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने काबुल से भारतीयों को निकालने में अमेरिकी सहायता लेने के लिए सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से बात की.
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से बातचीत के बाद ट्वीट किया, "ब्लिंकेन के साथ अफगानिस्तान की हालिया घटनाओं पर चर्चा की. काबुल में हवाई अड्डे के संचालन को बहाल करने की तात्कालिकता को रेखांकित किया. मैं इस संबंध में चल रहे अमेरिकी प्रयासों की गहराई से सराहना करता हूं."
जयशंकर ने कहा कि वह लगातार अफगानिस्तान की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा, "काबुल में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. भारत लौटने के इच्छुक लोगों की चिंता को समझना होगा. एयरपोर्ट संचालन सबसे बड़ी चुनौती है. इस संबंध में भागीदारों के साथ चर्चा की जा रही है."
भारत काबुल से अपने नागरिकों के दूसरे जत्थे को निकालने के लिए पूरी तरह से तैयार है, अमेरिकी विदेश मंत्री ने जयशंकर को नागरिक उड़ानों के माध्यम से भविष्य में निकासी में पूरी सहायता का आश्वासन दिया है.
कैसे जीता तालिबानः 10 तारीखें
20 साल बाद तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता में लौट रहा है. जैसे वे लौटे हैं, उसकी कल्पना 2021 के शुरू में मुश्किल थी. लेकिन 10 तारीखों ने इतिहास बदल दिया. जानिए, कौन सी थीं वे 10 अहम तारीखें
तस्वीर: Gulabuddin Amiri/AP/picture alliance
14 अप्रैलः तालिबान की जीत का पहला कदम
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया कि 1 मई से अमेरिकी फौजों की अफगानिस्तान से स्वदेश वापसी शुरू हो जाएगी और 31 अगस्त तक पूरी हो जाएगी.
4 मईः हमले शुरू
तालिबान ने अफगानिस्तान की सरकारी फौज के खिलाफ दक्षिणी हेलमंद प्रांत में सैन्य अभियान शुरू किया. उसी वक्त छह प्रांतों में एक साथ यह अभियान शुरू हुआ था.
तस्वीर: Abdul Khaliq/AP/picture alliance
11 जूनः नेर्ख
तालिबान ने काबुल के नजदीक नेर्ख जिले पर कब्जा कर लिया. इसी वक्त देशभर में कई जगहों पर भारी जंग जारी थी.
तस्वीर: STR /Xinhua/imago images
22 जूनः पहली चेतावनी
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने कहा कि तालिबान ने 370 में से 50 जिलों पर कब्जा कर लिया है.
तस्वीर: Danish Siddiqui/REUTERS
2 जुलाईः खाली हुआ बगराम
अमेरिकी फौजों ने चुपचाप बगराम हवाई अड्डे को खाली कर दिया. अमेरिकी सैनिक रातोरात वहां से चले गए, जो प्रभावी तौर पर अमेरिका की अफगानिस्तान में युद्ध से हटने का प्रतीक था.
तस्वीर: Wakil Kohsar/AFP/Getty Images
5 जुलाईः हर ओर जीत
तालिबान ने कहा कि वे अगस्त की शुरुआत से पहले अफगान सरकार को एक लिखित शांति प्रस्ताव भेज सकते हैं.
तस्वीर: AFP/Getty Images
6 अगस्तः जरांज
तालिबान ने दक्षिण में ईरान से लगती सीमा पर स्थित निमरूज प्रांत की राजधानी जरांज पर कब्जा कर लिया जो सालों बाद उसके कब्जे में आई पहली प्रांतीय राजधानी थी. इसके बाद शहरों पर कब्जे का सिलसिला शुरू हो गया.
तस्वीर: AP
13 अगस्तः कंधार
तालिबान ने अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पर कब्जा कर लिया. इसके साथ ही पश्चिम में हेरात भी अफगान सेना के हाथ से चला गया.
तस्वीर: Sidiqullah Khan/AP/dpa/picture alliance
14 अगस्तः जलालाबाद
उत्तर के सबसे बड़े शहर मजार ए शरीफ पर तालिबानी झंडा फहरा गया. अमेरिका ने कहा कि वह अपने कर्मचारियों को निकालने के लिए और सैनिक भेज रहा है. तालिबान के लड़ाके काबुल की ओर बढ़ रहे थे और जलालाबाद में उनका कोई विरोध नहीं हुआ.
तस्वीर: REUTERS
15 अगस्तः काबुल
तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश कर लिया. राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया. अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के कर्मचारी भी काबुल से निकल गए. तालिबान के कमांडर राष्ट्रपति भवन में घुस गए.
तस्वीर: Zabi Karim/AP/picture alliance
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यूएनएसी की बैठक में जयशंकर
दरअसल विदेश मंत्री जयशंकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सोमवार से चार दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं. यूएनएससी के कार्यक्रम में आतंकवाद पर चर्चा भी शामिल है, जो सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी.
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक विदेश मंत्री जयशंकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता के दौरान 18 और 19 अगस्त को दो उच्चस्तरीय कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेंगे.
18 अगस्त को पहला कार्यक्रम "रक्षकों की रक्षा : प्रौद्योगिकी और शांति रक्षा" पर एक खुली चर्चा का है जबकि 19 अगस्त को दूसरा कार्यक्रम "आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा" पर एक उच्च स्तरीय चर्चा होगी.
सुरक्षा परिषद में जयशंकर की मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश से भी होने वाली है.
यूएनएसी में भारत ने जताई चिंता
इस बीच सोमवार को भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर चर्चा हुई. भारत ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि वहां महिलाएं, पुरुष और बच्चे डरे हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने आपात बैठक में दुनिया से अफगानिस्तान में हिंसा रोकने की अपील की.
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश इससे चिंतित हैं कि अब अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने दिया जाए.
तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों में दहशत का माहौल है और वे अपने भविष्य को लेकर अनिश्चिंत हैं. उन्होंने कहा कि हर कोई अफगानिस्तान में नागरिकों के अधिकारों के हनन को लेकर चिंतित है.
काबुल की दिल दहलाती तस्वीरें
15 अगस्त की तारीख अफगानिस्तान के इतिहास में दर्ज हो गई है. लेकिन इस तारीख को मनस पटल पर उन तस्वीरों और वीडियो ने अंकित किया, जो तालिबान के काबुल में घुसने के बाद आईं. देखिए ऐसी ही कुछ दिल दहला देने वाली तस्वीरें.
तस्वीर: AP Photo/picture alliance
काबुल की दिल दहलाती तस्वीरेंः आ गया तालिबान
तालिबान ने जैसे ही युद्ध खत्म होने का ऐलान किया, काबुल में भगदड़ मच गई. भीड़ की भीड़ शहर और देश से निकल जाने के रास्ते खोज रही थी.
तस्वीर: AP Photo/picture alliance
एयरपोर्ट पर भीड़
एक साथ सैकड़ों लोग एयरपोर्ट पहुंच गए. सब के सब किसी न किसी विमान पर सवार हो जाना चाहते थे.
तस्वीर: Wakil Kohsar/AFP
धक्का मुक्की
एयरपोर्ट पर पूरी तरह अव्यवस्था फैल चुकी थी. रनवे पर हुजूम जमा था. लोग किसी भी तरह, किसी भी विमान में घुस जाना चाहते थे.
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कोई जगह मिल जाए
आलम ऐसा हो गया था कि कौन कहां घुस रहा है, समझ नहीं आ रहा था. लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़े जा रहे थे.
तस्वीर: Wakil Kohsar/AFP/Getty Images
विमान के पीछे दौड़
एक वीडियो सामने आया जिसमें कुछ लोग रनवे पर चलते विमान के साथ-साथ दौड़ते और उसके ऊपर चढ़ते नजर आए.
तस्वीर: AP Photo/picture alliance
आखरी कोशिश
अमेरिकी वायु सेना का यह विमान बहुत से लोगों को आखरी उम्मीद नजर आ रहा था और वे जान की बाजी लगाने को भी तैयार थे.
तस्वीर: AP Photo/picture alliance
कई मौतें
ऐसी खबरें हैं कि काबुल एयरपोर्ट पर पांच लोगों की मौत हुई है. दो लोगों के विमान से गिरने की बात भी कही जा रही है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.
तस्वीर: ASVAKA NEWS via REUTERS
काबुल बंद
इस अफरा तफरी के बाद काबुल से व्यावसायिक उड़ानों पर रोक लगा दी गई और शहर में भी कर्फ्यू लगा दिया गया. यानी जो नहीं जा सके, वे वहीं रह गए.