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निज्जर हत्या मामला: भारत ने कहा यह हमारी नीति नहीं

२७ सितम्बर २०२३

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में जस्टिन ट्रूडो के उस आरोप पर कनाडा की आलोचना की कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ था.

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकरतस्वीर: Michael A. McCoy/Pool/REUTERS

खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले पर भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिका में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत की ऐसी नीति नहीं है. एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क के दौरे पर थे.

न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, "हमने कनाडाई लोगों से कहा कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है. अगर आपके पास कुछ विशिष्ट या कुछ प्रासंगिक है तो हमें बताएं."

जयशंकर ने आगे कहा, "जहां तक अलगाववादी गतिविधि का सवाल है तो कनाडा में माहौल बहुत अनुकूल है." कनाडा ने अभी तक निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है.

खुफिया जानकारी पर क्या बोला भारत

जब जयशंकर से उन रिपोर्टों के बारे में सवाल किया गया कि निज्जर की हत्या के बारे में खुफिया जानकारी फाइव आईज अलायन्स के बीच साझा की गई थी और एफबीआई ने कुछ सिख नेताओं को अमेरिका में जान का खतरा बताते हुए आगाह किया था, इसके जवाब में उन्होंने कहा, "हम फाइव आईज अलायन्स का हिस्सा नहीं हैं, हम निश्चित रूप से एफबीआई का हिस्सा नहीं हैं. इसलिए मुझे लगता है आप गलत व्यक्ति से सवाल पूछ रहे हैं."

फाइव आईज अलायन्स वह समूह है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं. इस समूह के तहत यह पांचों देश खुफिया जानकारी आपस में साथ साझा करते हैं.

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कनाडा के आरोपों पर तो सीधा तो कुछ नहीं कहा लेकिन आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर भारत की बात रखी. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया तय करने में "राजनीतिक सहूलियत" को आड़े नहीं आने देने का आह्वान किया. कनाडा के साथ जारी कूटनीतिक गतिरोध के बीच इसे इशारों-इशारों में कनाडा पर परोक्ष हमला माना जा रहा है.

निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा में तकरार तेज

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कनाडा और भारत के बीच गहराता विवाद

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान और अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप की कवायद चुनिंदा तरीके से नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि वे दिन बीत गये जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनकी बातें मान लें.

18 सितंबर को कनाडा की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में एक बयान में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था, "कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां ऐसे ठोस आरोपों की जांच कर रही हैं कि एक कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के जासूसों का हाथ है. कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की भूमिका हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता."

कनाडा के आरोपों को भारत ने पहले ही खारिज दियातस्वीर: Sean Kilpatrick/The Canadian Press/ZUMA/picture alliance

ट्रूडो के बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने आरोपों को खारिज कर दिया था. एक बयान में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हमने कनाडा के प्रधानमंत्री का बयान देखा है और हम उसे खारिज करते हैं. कनाडा में किसी हिंसक घटना में भारतीय सरकार की भूमिका बकवास और प्रेरित है. जी20 के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात के वक्त भी कनाडा के प्रधानमंत्री ने ऐसे आरोप लगाये थे, जिन्हें पूरी तरह खारिज कर दिया गया था."

भारत कर चुका है आरोप खारिज

भारत ने अपने मामलों में दखल को लेकर भी कनाडा से चिंता जताई थी. विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं और कानून व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्ध हैं. ऐसे निराधार आरोपों का मकसद खालिस्तानी उग्रवादियों के मामले से ध्यान हटाना है जिन्हें कनाडा में पनाह मिली है और जो भारतीय संप्रभुता के लिए लगातार खतरा बने हुए हैं."

इस बीच अमेरिका ने कहा है कि कनाडा में निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के भारत पर आरोपों की आरोपों जांच होनी चाहिए. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा, "हमें लगता है कि इस तरह के चिंताजनक आरोपों की पूर्ण और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए."

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