क्या-क्या है जापान की 'आयरन लेडी' सनाए ताकाइची के एजेंडे में
८ अक्टूबर २०२५
जापान की सत्ताधारी पार्टी ने रूढ़िवादी नेता, सनाए ताकाइची को अपना नया प्रमुख चुना है. जिससे उनका देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और सत्ताधारी पार्टी के प्रभावशाली नेता, तारो असो ने उनका समर्थन कर उनके लिए प्रधानमंत्री पद का रास्ता खोलने में अहम भूमिका निभाई. उम्मीद है कि ताकाइची, असो को उप-प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकती हैं.
जापान की सत्ताधारी पार्टी की लोकप्रियता में गिरावट
देश में लगातार घट रहे लोगों के जीवन स्तर और बढ़ते प्रवासन के कारण ताकाइची की पार्टी एलडीपी ने अपना प्रभाव खो रही है. जबकि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ज्यादातर इसी पार्टी ने जापान पर शासन किया है. इसके अलावा पार्टी के कई प्रमुख नेता भी कई तरह के घोटालों में फंसे थे. जिसके चलते पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान प्रधानमंत्री, शिगेरु इशिबा ने संसद के दोनों सदनों में बहुमत खो दिया. ऐसे में पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि सनाए ताकाइची की अध्यक्षता पार्टी की घटती लोकप्रियता को बचा पाएगी.
जापान में टिप देना गलत क्यों माना जाता है?
ताकाइची ने जीत के बाद देश को एकजुट कर पार्टी को फिर से मजबूत करने का वादा किया है. औपचारिक रूप से उन्हें प्रधानमंत्री चुनने के लिए 15 अक्टूबर को मतदान होना है.
शिंजो आबे की राजनीतिक उत्तराधिकारी
64 साल की सनाए ताकाइची कई बार कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं. वह खुद को शिंजो आबे का राजनीतिक उत्तराधिकारी मानती हैं और उनके राष्ट्रवादी एजेंडा और विकास-उन्मुख नीतियों को आगे बढ़ाने की बात करती हैं. और खुद को जापान की "आयरन लेडी” मानती हैं.
हालांकि, उनकी रूढ़िवादी नीतियों के चलते वह आलोचना का केंद्र भी बनी रहती हैं. उनके विरोधी उन्हें "तालिबान ताकाइची” कहकर बुलाते हैं. साल 2004 में उन्होंने अपनी वेबसाइट पर छपे एक लेख में दूसरे विश्व युद्ध में जापान की भूमिका को सही ठहराने की कोशिश की थी. उन्होंने जापानी झंडे को जलाने को अपराध बनाने का भी प्रस्ताव रखा है. शिंजो आबे के दौर में गृह मंत्री के तौर पर उन्होंने कई टीवी चैनलों को चेतावनी दी थी कि अगर वह सरकार के हिसाब से नहीं चलेंगे तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा.
विवादों से घिरी ताकाइची
ताकाइची महिलाओं और लैंगिक समानता को लेकर काफी पुराने विचार रखती हैं. वह शाही परिवार में केवल पुरुषों वाले उत्तराधिकार का समर्थन करती हैं. साथ ही, वह लम्बे समय से चली वेतन समानता की बहस को पारंपरिक परिवारिक मूल्यों के लिए खतरा मानती हैं.
साथ ही वह विवाह के बाद महिलाओं के लिए पति का नाम लेने का भी समर्थन करती हैं. हाल ही में उन्होंने कड़ी आप्रवासन नीतियों और नियम तोड़ने वाले पर्यटकों पर सख्ती की वकालत भी की है. अपने चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बिना कोई सबूत सामने रखे एक कही-सुनी बात को आधार बनाकर विदेशी पर्यटकों पर कई विवादित इल्जाम लगाए.
अब ताकाइची अपनी पार्टी को बचाए रखने के लिए दक्षिणपंथी मतदाताओं को भी लुभाने की कोशिश कर रही हैं. वह 50 साल पुराने पेट्रोल टैक्स को हटाने को अपनी प्राथमिकता बता रही हैं, सेना को मजबूत करने और अमेरिका–दक्षिण कोरिया के त्रिपक्षीय गठबंधन पर बात कर रही हैं. साथ ही, विदेश नीति में ट्रंप प्रशासन के निवेश और टैरिफ समझौतों पर भी सहमति बना रही हैं.
कितनी कट्टर हैं ताकाइची?
ताकाइची के जीवन के सभी पहलू उनकी कट्टर रूढ़िवादी छवि से मेल नहीं खाते. अपने छात्र जीवन में वह एक मोटरसाइकिल राइडर थी. हाल में उन्होंने खुलकर मेनोपॉज के लक्षणों और इस बारे में पुरुषों को शिक्षित करने की जरूरत पर भी जोर दिया था.
ताकाइची की खुद की कोई संतान भी नहीं है. जब 43 साल की उम्र में उन्होंने पार्टी के सदस्य ताकु यामामोटो से शादी की, तब उन्होंने उनके तीनों बच्चों को ही अपना लिया. हालांकि, 2017 में वह अलग हो गए थे. लेकिन दिसंबर 2021 में उन्होंने फिर से शादी कर ली. जब पहली बार शादी हुई थी, तब उन्होंने पति का उपनाम लिया था. लेकिन जब दोनों ने फिर से शादी की, तब उनके पति ने उनका उपनाम अपनाया. इस तरह, जापान की आयरन लेडी ने अपनी शादी में अपना सिद्धांत और शक्ति दोनों का संतुलन बनाये रखा.