पिछले साल के आखिरी दिन सऊदी अरब में चार लोगों की मौत की सजा पर अमल किया गया. इस तरह दिसंबर देश में साल का सबसे घातक महीना बन गया.
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2023 में सऊदी अरब में 170 लोगों को मौत की सजा दी गई. चार लोग तो 31 दिसंबर को कत्ल किए गए. इस तरह 2023 में उससे पिछले साल के मुकाबले ज्यादा लोगों को मौत की सजा दे दी गई.
समाचार एजेंसी एएफपी ने सऊदी अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़ों का हिसाब लगाकर बताया है कि 2022 में खाड़ी राजशाही में 147 लोगों को मौत की सजा दी गई थी. उससे पहले 2019 में 187 लोगों को मौत की सजा दी गई थी.
170 लोगों को मौत
सऊदी प्रेस एजेंसी ने खबर दी है कि इतवार को जिन चार लोगों को कत्ल किया गया उन्हें हत्या का दोषी पाया गया था. दो मामले उत्तर पश्चिम में ताबुक शहर के हैं, जबकि एक रियाद और एक जजान शहर का है.
दुबई की पहली महिला स्वॉट टीम
दुबई को उसकी पहली महिला स्वॉट (SWAT) टीम मिली है. पिछले महीने ही दुबई पुलिस ने इसका ऐलान किया था. देखिए, इन जांबाजों की ट्रेनिंग...
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पहली महिला कमांडो
ये हैं दुबई की महिला स्वॉट टीम की सदस्य, जो जमकर अभ्यास करती हैं. यह एक नई टीम है, जो दुबई में पहली बार बनाई गई है.
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दस कमांडो
फिलहाल टीम में दस महिला कमांडो हैं जिन्होंने सख्त ट्रेनिंग के बाद इस टीम में जगह बनाई है. महिलाओं की उम्र 24 से 44 वर्ष के बीच है.
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24 घंटे काम
इन महिलाओं को 24 घंटे लगातार काम करने के लिए तैयार किया गया है. इस दल को जो अभियान दिए जाएंगे उनमें खतरनाक कैदियों की पहरेदारी भी शामिल है.
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लंबा अनुभव
टीम में शामिल कमांडो में से कुछ हैं जो 12-14 साल से अलग-अलग विभागों में बतौर पुलिसकर्मी काम कर रही थीं और अब ट्रेनिंग पास कर कमांडो बन गई हैं.
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जोश है, पूरा है
यह स्वॉट टीम दुबई पुलिस की महिला सशक्तिकरण की कोशिशों का हिस्सा है. लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुल्ला खलीफा अल मारी कहते हैं कि ये महिलाएं हर चुनौती को पार कर जाने और विशेषज्ञतों को हासिल करने के लिए जोश से भरी हुई हैं.
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पहले से हैं पुलिस में
दुबई पुलिस में महिलाएं अलग-अलग विभागों और पदों पर पहले से काम करती रही हैं लेकिन स्वॉट टीम पहली बार बना गई है. इन महिलाओं को कड़े इम्तेहान के बाद चुना गया है.
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खतरनाक अभियानों के लिए तैयार
ये महिलाएं विशेष अभियानों के लिए तैयार हो रही हैं जिनमें छापमेरी, स्नाइपर और टैक्टिकल शूटिंग जैसे खतरनाक काम भी शामिल होते हैं.
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2023 में जिन 170 लोगों को कत्ल किया गया उनमें 33 लोगों पर आतंकवाद संबंधी आरोप थे जबकि दो सऊदी सेना के सैनिक थे जिन पर राष्ट्रद्रोह के आरोप थे. दिसंबर में सबसे ज्यादा 38 लोगों को मौत की सजा दी गई.
सऊदी अरब उन देशों में है जहां सबसे ज्यादा मौत की सजा दी जाती हैं. 2022 में वहां सबसे अधिक लोगों को गोली मार कर या सिर काटकर मौत की सजा दी गई थी.
सऊदी का रिकॉर्ड
एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक 2022 में दुनिया में कुल 883 लोगों को मौत की सजा दी गई जो 2021 से 53 फीसदी ज्यादा और पांच साल में सबसे अधिक था. पिछले साल जारी एमनेस्टी इंटरनेशनल की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक ईरान और सऊदी अरब में मौत की सजाओं में बड़ी वृद्धि हुई.
रिपोर्ट के मुताबिक मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में दी गईं कुल मौत की सजाओं में से 70 प्रतिशत ईरान में दी गईं, जहां 2022 में वहां 576 लोगों को फांसी दे दी गई. 2021 के मुकाबले यह 83 फीसदी ज्यादा था.
कैसे बनेगी छवि?
2022 में मार्च महीने में एक ही दिन में सऊदी अरब में 81 लोगों को सिर काट कर मौत की सजा दी गई थी, जिसकी पूरी दुनिया में निंदा हुई थी. खाड़ी देश में इस्लामिक शरिया कानून का पालन किया जाता है और छोटे अपराधों में भी बहुत कड़ी सजाएं दी जाती हैं.
सजा-ए-मौत के 10 सबसे भयानक तरीके
आज मौत की सजा को पूरी तरह से खत्म करने की मांगें उठती हैं. लेकिन एक समय था जब ये सजाएं न केवल बहुत आम हुआ करती थीं, बल्कि बेहद वीभत्स होती थीं. देखिए, सजा-ए-मौत देने के 10 सबसे भयानक तरीके.
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सूली चढ़ाना
रोमन साम्राज्य में यह तरीका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता था. ईसा मसीह को भी ऐसे ही मौत की सजा दी गई थी. हाथों और पांवों में कील ठोककर लकड़ी पर टांग कर मरने के लिए छोड़ दिया जाता था.
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सांड के पेट में
सिसली में तानाशाह अकगरागास के राज में इस भयानक तरीके को ईजाद किया गया. एक धातु का सांड बनाया जाता था. सजायाफ्ता को उसके पेट में बंद करके आग लगा दी जाती थी. सांड के मुंह से उसकी चीखें बाहर आती थीं तो ऐसा लगता था जैसे सांड की आवाज है.
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बीचोबीच काटना
यह तरीका कभी इंग्लैंड में इस्तेमाल होता था. व्यक्ति को घसीटते हुए सजा स्थल तक ले जाया जाता था. फिर उसे टांगों के बीचोबीच काट डाला जाता था.
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कोलंबियाई टाई
कोलंबिया और दक्षिण अमेरिका के कुछ और देशों में भी व्यक्ति का गला आगे से काटकर उसकी जबान खींच ली जाती थी और फिर उसे पेड़ से बांध दिया जाता था.
जिंदा जला देना
1937 में जापानी सैनिकों ने चीनियों को यही सजा दी थी. इतिहास में इस सजा के कई उदाहरण मिलते हैं जब कैदियों को जिंदा जला दिया जाता था.
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सेपुकू
जापानी योद्धा समुराई इस तरीके का इस्तेमाल करते थे. वे अपने हाथ से काटकर अपनी आंतें निकालते थे और जब वे तड़पने लगते तो उनका कोई साथी सिर पर वार कर देता.
तस्वीर: Museum Kunstpalast, Düsseldorf, Graphische Sammlung
लिंग ची
चीन में 20वीं सदी में इस सजा पर रोक लगाई गई. सजायाफ्ता के अंगों को एक एक करके काटा जाता था. और उसे ज्यादा से ज्यादा लंबे समय तक जीवित रखा जाता था.
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कैथरीन व्हील
सजायाफ्ता को एक पहिए पर लिटा दिया जाता था और उसे घुमाते हुए जल्लाद उसे पीटता था. उसकी हड्डियां टूट जाती थीं और धीरे धीरे वह मर जाता था.
तस्वीर: Reuters/J. Young
बांस से बांधकर
यह सजा एशियाई इलाकों में दी जाती थी. बांस का पेड़ रोजाना करीब एक फुट बढ़ता है. सजायाफ्ता को उस पेड़ के ऊपर बांध दिया जाता था. बांस बढ़कर उसके शरीर में घुस जाता था.
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स्पैनिश पंजे
बिल्ली के पंजों जैसे लोहे के इन तेजधार हथियारों से सजायाफ्ता व्यक्ति की खाल उतार ली जाती थी. आमतौर पर मौत उन घांवों में संक्रमण से होती थी.
तस्वीर: fotolia
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वहां के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने देश की छवि बदलने की कोशिश में जुटे दिखाई देते हैं. उन्होंने देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र बनाने के मकसद से कई फैसले किए हैं. इसके बावजूद मानवाधिकार कार्यकर्ता सऊदी अरब की नीतियों की आलोचना करते हैं. उनका कहना है कि देश में जिस दर पर मौत की सजाएं दी जा रही हैं, वह बनाई जा रही छवि के एकदम उलट है.