इस्लामिक शरिया कानून से चलने वाले सऊदी अरब ने बिना आधिकारिक घोषणा किए देश में रह रहे अमीर विदेशी नागरिकों को शराब खरीदने की इजाजत दे दी है. 1951 की एक घटना के बाद देश में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था.
इसी महीने रियाद में हुए साउंडस्टर्म म्यूजिक फेस्टिवल में एल्कोहल-फ्री बीयर उपलब्ध थीतस्वीर: Baraa Anwer/AP Photo/picture alliance
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सऊदी अरब में रह रहे दूसरे देशों के अमीर नागरिक अब देश के इकलौते शराब स्टोर से खरीदारी कर पा रहे हैं. सऊदी अरब ने बिना सार्वजनिक जानकारी दिए, देश में प्रीमियम रेजिडेंसी परमिट पर रह रहे लोगों को शराब खरीदने की इजाजत दे दी है. इस फैसले की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सऊदी एलीट के बीच यह खबर फैल गई. देश की राजधानी रियाद में दूतावासों वाले इलाके में मौजूद इस अचिह्नित स्टोर पर गाड़ियों और लोगों की लंबी कतारें दिखाई दे रही हैं.
यह स्टोर जनवरी 2024 में गैर-मुस्लिम राजनयिकों के लिए खोला गया था. नए नियमों के तहत प्रीमियम रेजिडेंसी परमिट पर रह रहे गैर-मुस्लिम विदेशियों को शराब खरीदने की इजाजत है. यह परमिट उच्च कौशल वाले विदेशियों, निवेशकों और कारोबारियों को मिलता है. इस्लाम की दो सबसे पवित्र मस्जिदों का संरक्षक देश सऊदी अरब, 1950 के दशक के शुरुआती सालों से शराब पर पाबंदी लगाए हुए है. इस स्टोर को नियंत्रित शराब बिक्री के लिए एक टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में सऊदी अरब सिनेमा खोल चुका है और म्यूजिक फेस्टिवल आयोजित कर चुका है. यह तस्वीर इसी महीने राजधानी रियाद के बाहरी इलाके में हुए साउंडस्टॉर्म म्यूजिक फेस्टिवल की हैतस्वीर: Fayez Nureldine/AFP
कुछ मामलों में उदारवादी रवैया
बीते वर्षों में सऊदी अरब के शासक किंग सलमान और उनके बेटे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने देश में कुछ मामलों में उदारीकरण की नीति अपनाई है, ताकि पर्यटन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़े, और कच्चे तेल पर आर्थिक निर्भरता कम हो.
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इस्लामिक शरिया कानून से चलने वाले देश ने सिनेमा हॉल खोला है, महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत दी है और बड़े संगीत समारोह आयोजित किए हैं. हालांकि राजनीतिक संवाद और असहमति पर अभी भी सख्त पाबंदी है. उल्लंघन करने वाले को मौत की सजा भी हो सकती है. इसके अलावा आम जनता के लिए शराब पर अभी भी पाबंदी बरकरार है.
साउंडस्टॉर्म म्यूजिक फेस्टिवल में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए. सऊदी अरब बड़े स्तर के खेल आयोजन भी कर रहा हैतस्वीर: Fayez Nureldine/AFP/Getty Images
लिकर स्टोर पर कड़े सुरक्षा इंतजाम
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बेनाम स्टोर ड्यूटी-फ्री शॉप जैसा दिखता है और इसके मालिकों के बारे में जानकारी आधिकारिक तौर पर गुप्त है. यहां सुरक्षा भी काफी कड़ी है. हर ग्राहक की पात्रता जांची जाती है और फिर अच्छे से तलाशी ली जाती है. स्टोर के अंदर फोन और कैमरे ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध है. इसके अलावा स्टाफ चश्मे भी जांचता है ताकि कैमरे वाले स्मार्ट ग्लासेस पकड़े जा सकें.
न्यूज एजेंसी ने स्टोर से निकले कई ग्राहकों से बात की. नाम ना छापने की शर्त पर ग्राहकों ने बताया कि शराब के दाम काफी ज्यादा हैं. उनके मुताबिक, राजनियकों के लिए टैक्स में छूट है, लेकिन प्रीमियम रेजिडेंसी वाले ग्राहकों को पूरी कीमत अदा करनी पड़ती है. ग्राहकों के अनुसार, स्टोर में कई अलग-अलग तरह की शराब उपलब्ध हैं, हालांकि बीयर और वाइन के विकल्प सीमित हैं.
शराब पीने को लेकर किस देश में क्या चेतावनी दी जाती है
अमेरिका में शराब की बोतलों पर कैंसर की चेतावनी देने की जरूरत पर बहस चल रही है. अलग अलग देशों में शराब पीने को लेकर अलग अलग नियम हैं.
तस्वीर: /Zoonar/picture alliance
ब्रिटेन
ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा कहती है कि एक हफ्ते में 14 यूनिट से ज्यादा शराब नहीं पीनी चाहिए. उसका यह भी कहना है कि "पीने का पूरी तरह से सुरक्षित कोई भी स्तर नहीं है, लेकिन इन दिशा निर्देशों के पालन से आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने का जोखिम कम हो जाता है." इन दिशा निर्देशों के मुताबिक, कम शराब पीने के लंबी अवधि के फायदों में कैंसर के जोखिम का कम होना शामिल है.
तस्वीर: Benis Arapovic/Zoonar/picture alliance
फ्रांस
फ्रांस की स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि वयस्कों को एक दिन में अधिकतम दो सामान्य ड्रिंक जितनी शराब पीनी चाहिए और हर रोज नहीं पीना चाहिए. एक हफ्ते में 10 से ज्यादा सामान्य ड्रिंक नहीं लेने चाहिए और हर हफ्ते शराब ना पीने वाले वाले दिन भी होने चाहिए. एजेंसी के मुताबिक शराब कैंसर का जाना माना कारण है और कुछ तरह के कैंसर होने का खतरा रोज एक ड्रिंक लेने से भी बढ़ जाता है.
तस्वीर: Hannes P Albert/dpa/picture alliance
जर्मनी
जर्मन सेंटर फॉर एडिक्शन इशूज कहता है कि एक दिन में महिलाओं को 12 ग्राम से ज्यादा और पुरुषों को 24 ग्राम से ज्यादा शराब नहीं पीनी चाहिए. हर हफ्ते कम से कम दो दिन शराब से परहेज भी करना चाहिए. 2022 में सरकार के पैसे से हुए एक अध्ययन में दावा किया गया था कि शराब पीने से कई तरह के कैंसर हो सकते हैं.
तस्वीर: Tobias Schwarz/AFP/Getty Images
आयरलैंड
अगले साल लागू होने वाले नए नियमों के तहत आयरलैंड में बिकने वाले सभी शराब उत्पादों पर स्वास्थ्य से जुड़ी लेबल लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. इनमें कैंसर, लिवर की बीमारी आदि से संबंध और गर्भावस्था में पीने के जोखिम को लेकर चेतावनियां शामिल हैं. इस कदम का स्वागत करते हुए उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि आयरलैंड शराब उत्पादों पर स्वास्थ्य से जुड़े लेबल देने वाला पहला देश बन जाएगा.
तस्वीर: Artur Widak/picture alliance/NurPhoto
लिथुआनिया
लिथुआनिया के कड़े नियम शराब पीने को लेकर किसी भी तरह के सार्वजनिक प्रोत्साहन को प्रतिबंधित करते हैं. यहां तक कि शराब के विज्ञापन भी नहीं निकाले जा सकते हैं. सरकार के नारकोटिक्स, टोबैको एंड अल्कोहल कंट्रोल बोर्ड की वेबसाइट पर एक बयान में शराब और कैंसर के बीच संबंध के बारे में बताया गया है. हालांकि इसमें कैंसर को लेकर स्पष्ट चेतावनी नहीं दी गई है.
तस्वीर: Pond5/IMAGO
नॉर्वे
नॉर्वे के स्वास्थ्य निदेशालय का कहना है कि शराब पीने का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है और इसे "जितना हो सके उतना कम" पीना चाहिए. 2024 में जारी किए गए दिशानिर्देशों में निदेशालय ने कहा, "शराब पीना कैंसर के विकसित होने से जुड़ा हुआ है, विशेष रूप से स्तनों का कैंसर और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट का कैंसर."
तस्वीर: picture alliance/PantherMedia
स्पेन
स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि शराब पीने से हमेशा ही जोखिम रहता है और "शराब को जितना कम पिया जाए उतना अच्छा." महिलाएं एक दिन में वाइन का आधा गिलास या बियर का छोटा गिलास पीएं तो जोखिम कम रहता है. पुरुषों के लिए यह सीमा एक दिन में वाइन का एक गिलास या बियर के दो छोटे गिलास है. मंत्रालय के मुताबिक जोखिम भरे सेवन से भविष्य में कैंसर या मानसिक रोग जैसी समस्याओं के होने की संभावना बढ़ती है.
तस्वीर: JOSEP LAGO/AFP/Getty Images
अमेरिका
अमेरिका में शराब आधारित ड्रिंक्स पर 1988 से एक स्वास्थ्य चेतावनी रहती है, लेकिन इसमें गर्भवती महिलाओं को सलाह दी गई होती है कि वो इन्हें ना पिएं. यह भी लिखा होता है कि शराब पीने से इंसान की गाड़ी चलाने और मशीनें चलाने की क्षमता पर असर पड़ता है. सीके/एनआर (रॉयटर्स)
तस्वीर: Klaudia Radecka/NurPhoto/picture alliance
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1951 की घटना, जिसके बाद बैन लगा
सऊदी अरब में आधुनिक राजतंत्र की नींव रखने वाले शासक किंग अब्दुलअजीज ने 1951 की एक घटना के बाद शराब की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी. दरअसल, उनके बेटे प्रिंस मिशारी ने नशे की हालत में ब्रिटिश उप-कॉन्सल सिरिल ओस्मान को शॉटगन से जेद्दाह में मार डाला था. इसके बाद किंग अब्दुलअजीज ने शराब की बिक्री पूरी तरह बंद करने की दिशा में सख्त कदम उठाए थे.
शराब पीना पसंद करने वाले सऊदी अरब के निवासी अक्सर पड़ोसी देश बहरीन जाते हैं, जहां मुसलमानों और गैर-मुस्लिमों दोनों को कानूनन शराब मिल जाती है. इसके अलावा एक महंगा विकल्प संयुक्त अरब अमीरात का दुबई भी है.
सबसे ज्यादा इन देशों में दी जाती है मौत की सजा
बहुत से देशों में मौत की सजा खत्म कर दी गई है या उसे कुछ दुर्लभ मामलों के लिए सीमित किया जा रहा है. हालांकि अब भी कई देश हैं जहां यह जारी है. देखिए उन देशों को जहां सबसे ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी जाती है.
तस्वीर: Allison Bailey/NurPhoto/picture alliance
कितने देशों में फांसी की सजा
117 देशों ने फांसी की सजा पूरी तरह खत्म कर दी है. 9 देशों ने युद्ध के दौरान किए अपराधों को छोड़ कर बाकी सब में मौत की सजा पर रोक लगा दी है. 23 देश ऐसे हैं, जहां मौत की सजा अब भी दी जाती है, लेकिन बीते 10 सालों में किसी को यह सजा नहीं दी गई. 55 देशों में मौत की सजा अब भी दी जाती है.
चीन
चीन की सरकार मौत की सजाओं को गुप्त रखती है. इनके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती. अनुमान है कि हर साल यहां हजारों लोगों को मौज की सजा दी जाती है. मौत की सजा के लिए उन्हें गोली मारी जाती है या कुछ मामलों में जहर का इंजेक्शन दिया जाता है. 2022 में यहां करीब एक हजार लोगों को मौत की सजा दी जाने की जानकारी मिली थी.
तस्वीर: PantherMedia/picture alliance
ईरान
ईरान में दी गई 80 फीसदी से ज्यादा मौत की सजा गोपनीय रखी जाती है. हालांकि कुछ मौत की सजाओं का बकायदा एलान होता है. हर साल यहां फांसी की सजा पाने वाले लोगों की संख्या सैकड़ों मे होती है. 2020 में 246 तो 2021 में 314 लोगों को फांसी की सजा दी गई. चीन के बाहर दी जाने वाली मौत की सजाओं में 90 फीसदी ईरान, सऊदी अरब और मिस्र में दी जाती हैं.
तस्वीर: Allison Bailey/NurPhoto/picture alliance
सऊदी अरब
सऊदी अरब अकेला ऐसा देश है जहां अब भी लोगों का सिर काट कर मौत की सजा दी जाती है. साल 2020 में 27 लोगों को यह सजा मिली. इससे पहले के पांच सालों में यह औसत प्रति वर्ष 146 था. कोविड की महामारी भी इसका एक बड़ा कारण था. इसके बाद के सालों में फिर से मौत की सजा पाने वालों की संख्या बढ़ गई है. 12 मार्च 2022 को यहां 81 लोगों को मौत की सजा दी गई जो देश के इतिहास में सबसे ज्यादा है.
तस्वीर: FAYEZ NURELDINE/AFP/Getty Images
मिस्र
मिस्र में 2011 की क्रांति के बाद फांसी की सजाओं में बहुत बढ़ोत्तरी हुई है. कई मानवाधिकार संगठन यहां की सरकार पर मौत की सजा का इस्तेमाल राजनीतिक विरोध को दबाने में करने का आरोप लगाते हैं. यहां भी मौत की सजा को गोपनीय ही रखा जाता है. 2022 में यहां 536 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई. इसी साल 24 लोगों को फांसी पर लटकाया गया.
तस्वीर: Heba Khamis/AP Photo/picture alliance
इराक
सबसे ज्यादा और अकसर मौत की सजा देने वाले देशों में इराक भी प्रमुख है. यहां का आतंकवाद रोधी कानून बहुत व्यापक और काफी अस्पष्ट है, इसी कानून के तहत बहुत से लोग मौत की सजा पाते हैं. की बार गाड़ियों की तस्करी और सरकारी दस्तावेज चुराने के दोषियों को भी मौत की सजा मिलती है. आमतौर पर यहां फांसी पर लटका कर मौत की सजा दी जाती है. 2022 में यहां करीब 7,900 लोग मौत की सजा के इंतजार में थे.
तस्वीर: Murtadha Al-Sudani/AA/picture alliance
उत्तर कोरिया
मौत की सजा के लिए कुख्यात देशों में उत्तर कोरिया भी शामिल है. यहां उन चार देशों में एक है जहां सार्वजनिक रूप से मौत की सजा दी जाती है. हत्या, बलात्कार, जासूसी, राजनीतिक विरोध और सरकार की पाबंदी वाली मीडिया के इस्तेमाल पर भी यहां मौत की सजा मिल सकती है. मौत की सजा पाए लोगों के शव भी उनके परिजनों को नहीं सौंपे जाते.
तस्वीर: Lee Jin-man/AP Photo/picture alliance
यमन
यमन में भारतीय नर्स को मौत की सजा सुनाई गई है. हाल ही में यमन के राष्ट्रपति ने भी इस सजा पर मुहर लगा दी. 2021 में यमन में 14 लोगों को मौत की सजा दी गई. 2022 तक यहां 84 लोग मौत की सजा पाने का इंतजार कर रहे थे. आबादी के हिसाब से यहां मौत की सजा की दर काफी ज्यादा है. यहां गोली मार कर मौत की सजा दी जाती है और कभी कभी सार्वजनिक रूप से भी मौत की सजा मिलती है.
तस्वीर: AP
जापान
चीन की तरह जापान में भी मौत के सजा की तारीख की पहले से घोषणा नहीं होती. मरने वालों को 1-2 घंटे पहले ही इसका पता चलता है. सजा देने के बाद जेल अधिकारी लोगों को इसकी जानकारी देते हैं. ज्यादातर मामलों में कई लोगों की हत्या के लिए यहां मौत की सजा मिलती है. यहां भी फांसी पर लटका कर मौत की सजा दी जाती है. 2022 में यहां 116 लोग मौत की सजा पाने का इंतजार कर रहे थे.
तस्वीर: Kyodo News/IMAGO
अमेरिका
संयुक्त राज्य अमेरिका, अमेरिकी महाद्वीप में अकेला ऐसा देश है जहां अपराधियों को मौत की सजा मिलती है. इसके 50 में से 27 राज्य अब भी मौत की सजा देते हैं. अमेरिका में 2022 तक 2,46 कैदी यहां दशकों तक जेल में मौत की सजा का इंतजार करते हैं जो कई दशकों तक हो सकता है. यहां जहर का इंजेक्शन देने के साथ ही बिजली के झटके, जहरीली गैस, फांसी और गोली मार कर मौत की सजा दी जाती है.
तस्वीर: Nate Jenkins/AP/picture alliance
भारत
भारत भी उन देशों में है जहां अब भी फांसी की सजा दी जाती है. फिलहाल यहां 539 कैदी मौत की सजा के इंतजार कर रहे हैं. आखिरी बार 2020 में यहां चार लोगों को मौत की सजा मिली थी. यह सभी निर्भया बलात्कार कांड के दोषी थे. भारत में फांसी पर लटका कर मौत की सजा दी जाती है.
तस्वीर: Anindito Mukherjee/dpa/picture alliance
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया में फांसी पर लटका कर मौत की सजा दी जाती है हालांकि अगर अपराध देश की सेना से जुड़ा हो, तो फिर दोषियों को गोली मारने का रिवाज है. 2021 तक यहां 60 कैदी मौत की सजा पाने के इंतजार में थे. आखिरी बार यहां 1997 में फांसी की सजा दी गई थी. (स्रोतः सभी आंकड़े मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल और वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की वार्षिक रिपोर्टों से लिए गए हैं.)