सऊदी अरब ने उमरा पर प्रतिबंधों को सीमित करने की घोषणा करते हुए कहा है कि इसे अगल महीने के पहले सप्ताह से शुरू करने का फैसला किया गया है. कोरोना वायरस के कारण पिछले सात महीनों से उमरा पर प्रतिबंध लगा हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती चरणों में, उमरा के लिए सिर्फ सऊदी अरब में रहने वाले लोगों को इजाजत दी जाएगी. उमरा पहले की तरह तभी शुरू हो पाएगा जब कोरोना वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
सऊदी अधिकारियों के मुताबिक देश में रहने वाले लोगों को 4 अक्टूबर से उमरा करने की इजाजत दी जाएगी, जबकि चुनिंदा देशों के नागरिकों को 1 नवंबर से ऐसा करने की इजाजत होगी. लेकिन यह पहले की तरह नहीं होगा जब तक कोविड-19 का खात्मा नहीं हो जाता है.
अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण में सिर्फ सऊदी अरब में रहने वाले 6,000 लोगों को रोजाना उमरा करने की इजाजत होगी. दूसरा चरण 18 अक्टूबर से शुरू होगा, जिसमें उमरा करने वालों की संख्या 15,000 करने की योजना है. 1 नवंबर से यह संख्या हर रोज 20,000 तक बढ़ जाएगी और कुछ विदेशी लोगों को भी उमरा करने की इजाजत होगी.
उमरा के लिए जो ख्वाहिश रखते हैं उन्हें तारीख और समय के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा. उमरा करने वालों के लिए खास ऐप भी तैयार किया गया है जिसमें उन्हें विशेष परिवहन चुनने का विकल्प होगा.
क्या है उमरा
दुनिया भर के मुसलमान साल भर उमरा के लिए मक्का की यात्रा करते हैं. हर साल लाखों मुसलमान उमरा के लिए सऊदी अरब के मक्का पहुंचते हैं. उमरा साल में एक बार होने वाला हज से बिलकुल अलग होता है. उमरा एक सुन्नत काम है जिसे साल के किसी भी महीने में किया जा सकता है. लेकिन इस साल हज के साथ साथ उमरा पर भी अधिकारियों ने प्रतिबंध लगा दिया था. इस साल हज में कुछ ही हजार मुसलमान शामिल हो पाए थे. हालांकि इससे पहले के सालों में 20 लाख से ज्यादा मुसलमान हज के लिए सऊदी पहुंचते रहे हैं.
सऊदी अरब सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सरकार हज और उमरा से हर साल 12 अरब डॉलर कमाती है. सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने उमरा को घरेलू तीर्थ यात्रियों और अन्य मुसलमानों की इच्छाओं का सम्मान करते हुए इसको अनुमति देने का फैसला किया है ताकि वे उमरा और अन्य पाक जगहों का दौरा कर सकें.
एए/सीके (एपी, रॉयटर्स)
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दुनिया भर से लाखों मुसलमान हर साल हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं. लेकिन वहां जाकर वे करते क्या हैं? जानिए...
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Al-Shaikhश्रद्धालुओं को खास तरह के कपड़े पहनने होते हैं. पुरुष दो टुकड़ों वाला एक बिना सिलाई का सफेद चोगा पहनते हैं. महिलाएं भी सेफद रंग के खुले कपड़े पहनती हैं जिनमें बस उनके हाथ और चेहरा बिना ढका रहता है. इस दौरान श्रद्धालुओं को सेक्स, लड़ाई-झगड़े, खुशबू और बाल व नाखून काटने से परहेज करना होता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Al-Shaikhमक्का में पहुंचकर श्रद्धालु तवाफ करते हैं. यानी काबा का सात बार घड़ी की विपरीत दिशा में चक्कर लगाते हैं.
तस्वीर: Reuters/Muhammad Hamedहाजी मस्जिद के दो पत्थरों के बीच सात बार चक्कर लगाते हैं. इसे सई कहते हैं. यह इब्राहिम की बीवी हाजरा की पानी की तलाश की प्रतिमूर्ति होता है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photoअब तक जो हुआ वह हज नहीं है. इसे उमरा कहते हैं. हज की मुख्य रस्में इसके बाद शुरू होती हैं. इसकी शुरुआत शनिवार से होती है जब हाजी मुख्य मस्जिद से पांच किलोमीटर दूर मीना पहुंचते हैं.
तस्वीर: picture alliance/dpa/M. Naamaniअगले दिन लोग जबल उर रहमा नामक पहाड़ी के पास जमा होते हैं. मीना से 10 किलोमीटर दूर अराफात पहाड़ी के इर्द गिर्द जमा ये लोग नमाज अता करते हैं.
तस्वीर: AFP/Getty Images/M. Al-Shaikhसूरज छिपने के बाद हाजी अराफात और मीना के बीच स्थित मुजदलफा जाते हैं. वहां वे आधी रात तक रहते हैं. वहीं वे शैतान को मारने के लिए पत्थर जमा करते हैं.
तस्वीर: Amer Hilabi/AFP/Getty Imagesअगला दिन ईद के जश्न का होता है जब हाजी मीना लौटते हैं. वहां वे रोजाना के तीन बार के पत्थर मारने की रस्म निभाते हैं. आमतौर पर सात पत्थर मारने होते हैं.
तस्वीर: Reuters/A. Jadallahपहली बार पत्थर मारने के बाद बकरे हलाल किये जाते हैं और जरूरतमंद लोगों के बीच मांस बांटा जाता है. बकरे की हलाली को अब्राहम के अल्लाह की खातिर अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी का प्रतीक माना जाता है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. El-Moftyअब हाजी अपने बाल कटाते हैं. पुरुष पूरी तरह गंजे हो जाते हैं जबकि महिलाएं एक उंगल बाल कटवाती हैं. यहां से वे अपने सामान्य कपड़े पहन सकते हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Fala'ahहाजी दोबारा मक्का की मुख्य मस्जिद में लौटते हैं और काबा के सात चक्कर लगाते हैं.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. El-Moftyहाजी दोबारा मीना जाते हैं और अगले दो-तीन दिन तक पत्थर मारने की रस्म अदायगी होती है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Mehriएक बार फिर लोग काबा जाते हैं और उसके सात चक्कर लगाते हैं. इसके साथ ही हज पूरा हो जाता है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/skajiyama