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समाजसऊदी अरब

खाड़ी देशों ने नेटफ्लिक्स से आपत्तिजनक सामग्री हटाने को कहा

७ सितम्बर २०२२

अरब देशों ने सवालों में आए कार्यक्रमों का नाम नहीं दिया, लेकिन कहा कि वे "इस्लामी मूल्यों के खिलाफ हैं." सऊदी स्टेट टीवी ने नेटफ्लिक्स को "समलैंगिकता का आधिकारिक प्रायोजक" बताते हुए एक साक्षात्कार प्रसारित किया है.

नेटफ्लिक्स ने अब तक कोई बयान नहीं जारी किया
नेटफ्लिक्स ने अब तक कोई बयान नहीं जारी किया तस्वीर: Chris Delmas/AFP/Getty Images

सऊदी अरब और अरब सहयोग परिषद (जीसीसी) के अन्य देशों ने मंगलवार को नेटफ्लिक्स से स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर "आपत्तिजनक सामग्री" को हटाने के लिए कहा. परिषद के सदस्यों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अज्ञात सामग्री "इस्लामी और सामाजिक मूल्यों और सिद्धांतों के उलट है." बयान में कहा गया है कि अगर नेटफ्लिक्स ऐसे कार्यक्रम नहीं हटाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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बयान में यह भी कहा गया है कि नेटफ्लिक्स ऐसी सामग्री प्रसारित कर रहा था जो खाड़ी देशों में लागू मीडिया सामग्री नियमों का उल्लंघन करती है.

सऊदी अरब और यूएई ने अपने-अपने सरकारी चैनलों पर भी इस बयान को प्रकाशित किया है. कैलिफॉर्निया स्थित नेटफ्लिक्स ने अभी तक बयान का जवाब नहीं दिया है. जीसीसी छह मध्य पूर्वी देशों का एक राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन है. खाड़ी क्षेत्र के छह अरब देश सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कुवैत, ओमान और कतर इसके सदस्य हैं.

समलैंगिक संबंधों की निंदा

सऊदी के एक सरकारी टीवी चैनल ने मंगलवार को एक महिला के साथ एक इंटरव्यू प्रसारित किया, जिसे "व्यवहार सलाहकार" के रूप में बताया गया. महिला ने नेटफ्लिक्स को "समलैंगिकता का आधिकारिक प्रायोजक" बताया. साथ ही उसी समय चैनल ने एक कार्टून शो की फुटेज को भी प्रसारित किया जिसमें दो महिलाएं आलिंगन कर रही थीं, हालांकि इन तस्वीरों को धुंधला कर दिया गया था.

सऊदी सरकारी टीवी ने भी एक भाग प्रसारित किया जिसमें सुझाव दिया गया था कि अगर कार्यक्रम बच्चों तक पहुंचता है तो नेटफ्लिक्स पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. साझा बयान में जीसीसी देशों ने नेटफ्लिक्स से बच्चों के लिए भी अपनी कुछ सामग्री को हटाने के लिए कहा.

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एलजीबीटीक्यू सामग्री हटाने की मांग

हालांकि यह केवल अटकलें हैं कि एलजीबीटीक्यू सामग्री को हटाने के लिए कहा गया था. कई मध्य पूर्वी देशों ने इससे पहले विशेष रूप से नेटफ्लिक्स को उन दृश्यों को हटाने के लिए कहा जहां गे और लेस्बियन किरदार चुंबन कर रहे हैं.

जून में कई मध्य पूर्वी और एशियाई देशों जैसे सऊदी अरब, यूएई और मलेशिया ने डिज्नी की एनिमेटेड फीचर फिल्म ‘लाइटईयर' को प्रतिबंध कर दिया था. कारण बताया गया कि फिल्म में एक सीन में दो महिला किरदारों को किस करते दिखाया गया. इन देशों का कहना था कि फिल्म देश के कानून का उल्लंघन करती है.

उसके बाद डिज्नी प्लस स्ट्रीमिंग सेवा ने कहा था कि सामग्री को खाड़ी देशों में "स्थानीय नियामक जरूरतों के मुताबिक तालमेल बिठाना चाहिए." कई मध्य पूर्वी देशों में समलैंगिकता को अपराध माना जाता है, पिछले दिनों ईरान ने "समलैंगिकता को बढ़ावा" देने के आरोप में दो एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ताओं को मौत की सजा सुनाई है.

2019 में नेटफ्लिक्स ने सऊदी अरब में "पैट्रियट एक्ट विद हसन मिन्हाज" के एक एपिसोड को अपनी स्ट्रीमिंग सेवा से हटा दिया था क्योंकि वह सरकार की आलोचना करता था.

भारत में भी फिल्मों और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले कुछ कार्यक्रमों को लेकर भी ऐतराज जताए जाते रहे हैं. धर्म और समुदाय विशेष की भावनाएं आहत करने को लेकर राजनीतिक दल से लेकर संगठन तक इसका विरोध करते रहे हैं. कुछ समय पहले वेब सीरीज "अ सूटेबल बॉय" के एक किसिंग सीन को लेकर भारत में काफी हंगामा हुआ था. सीरीज के सीन पर एक विशेष धर्म की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया था. यह सीरीज नेटफ्लिक्स के लिए बनाई गई थी.

एए/वीके (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)

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