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मानवाधिकारसऊदी अरब

"बताओ कहां गोली मारें" सऊदी बॉर्डर गार्ड्स पर गंभीर आरोप

२१ अगस्त २०२३

सऊदी बॉर्डर गार्ड्स ने "गोलियों की बरसात" सी कर दी और पलायन करते सैकड़ों लोग मारे गए. ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में सऊदी अरब पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

सऊदी अरब से लौटे इथियोपियाई नागरिक
तस्वीर: Solomon Muchi/DW

मानवाधिकार संस्था "ह्यूमन राइट्स वॉच" का आरोप है कि इथियोपिया से पलायन कर रह सैकड़ों लोग, सऊदी अरब की सीमा के पास मारे जा चुके हैं. ये लोग यमन के रास्ते सऊदी अरब में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे. उन पर सऊदी बॉर्डर गार्ड्स ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं.

ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) की रिसर्चर नादिया हार्डमन ने एक बयान में कहा, "दुनिया की नजरों से दूर सऊदी अधिकारी सैकड़ों अप्रवासियों और शरण पाने की कोशिश कर रहे लोगों को मार रहे हैं."

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21 अगस्त, 2023 को एचआरडब्ल्यू ने इस बारे में एक रिपोर्ट जारी की. मानवाधिकार संस्था का कहना है कि "छवि चमकाने के लिए सऊदी, अरबों खर्च कर पेशेवर गोल्फ, फुटबॉल क्लब और बड़े मनोरंजक आयोजनों को खरीद रहा है. इसके कारण इन भयानक अपराधों से ध्यान नहीं भटकना चाहिए."

इथियोपिया से सऊदी अरब जाने की कोशिश करने वाले के रूट

आरोपों पर सऊदी अरब की प्रतिक्रिया

सऊदी अरब के एक सरकारी सूत्र ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "सऊदी-यमनी बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रहे इथियोपियाई लोगों पर सऊदी बॉर्डर गार्ड्स के गोली चलाने के जो आरोप ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में लगाए गए हैं, उनके सबूत नहीं मिले हैं. ये आरोप भरोसेमंद स्रोतों पर आधारित नहीं हैं."

यमन, सऊदी अरब के दक्षिण में स्थित है. दोनों देशों के बीच 1,307 किलोमीटर लंबी सीमा है. "हॉर्न ऑफ अफ्रीका" कहे जाने वाले पूर्वोत्तर अफ्रीकी देशों में आतंकवाद, भुखमरी और सूखे के कारण लोग पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं. सोमालिया, इरीट्रिया, इथियोपिया, जिबूती के उत्तर में अदन की खाड़ी है, इसे पारकर यमन में दाखिल हुआ जा सकता है.

सऊदी अरब के शासक, राजकुमार मोहम्मद बिन सलमानतस्वीर: Leon Neal/Getty/AP/picture alliance

एचआरडब्ल्यू की रिपोर्ट में क्या है

न्यूयॉर्क स्थित एचआरडब्ल्यू, बीते करीब एक दशक से सऊदी अरब और यमन में इथियोपियाई अप्रवासियों पर हो रहे अत्याचार के मामले दर्ज कर रही है. एचआरडब्ल्यू के मुताबिक हाल में हुई हत्याएं बता रही हैं कि ये सब व्यापक और सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है. एचआरडब्ल्यू का कहना है कि यह मानवता के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आ सकता है.

यमन से सऊदी अरब में दाखिल होने की कोशिश करने वाले 38 इथियोपियाई नागरिकों के इंटरव्यू, सैटेलाइट तस्वीरों, वीडियो और सोशल मीडिया से जुटाई गई जानकारी के आधार पर ह्यूमन राइट्स वॉच ने यह रिपोर्ट तैयार की है.

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इंटरव्यू देने वालों ने 28 ऐसे मामलों को जिक्र किया, जब मोर्टार जैसे हथियारों से हमला किया गया. बाल-बाल बचे कुछ लोगों ने बताया कि किस तरह बहुत नजदीक से गोली मारी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी बॉर्डर गार्ड्स ने इथियोपियाई नागरिकों से यह तक पूछा कि, "वे कौन से हाथ या पैर में गोली खाना पसंद करेंगे."

20 साल की एक इथियोपियाई लड़की का दावा है कि एक ग्रुप पर हिरासत से रिहाई के तुरंत बाद फायरिंग की गई. युवती ने कहा, "उन्होंने हम पर गोलियों की जैसे बरसात कर दी. मुझे मदद की गुहार कर रहा एक लड़का याद है, वह दोनों पैर खो चुका था. वह चीख रहा था और कह रहा था कि क्या तुम मुझे यहां अकेला छोड़ दोगे? प्लीज ऐसा मत करो."

पिछले साल यूएन के विशेषज्ञों ने भी सऊदी बॉर्डर गार्ड्स पर सीमा पार यमन में गोलीबारी करने का आरोप लगाया था. तब सामने आई कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि 2022 के शुरुआती चार महीनों में यमन बॉर्डर पर सऊदी फौज की गोलीबारी में करीब 430 अप्रवासी मारे गए हैं.

एचआरडब्ल्यू ने रियाद से तुरंत घातक बल प्रयोग बंद करने की अपील की है. मानवाधिकार संस्था ने संयुक्त राष्ट्र से भी आधिकारिक तौर पर इन मामलों की जांच की मांग की है.

ओएसजे/एसएम (एएफपी)

 

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