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समानतासऊदी अरब

एक मां के अधिकार पर टकराते अमेरिका और सऊदी अरब

९ नवम्बर २०२२

एक अमेरिकी महिला, बीते दो साल से अपनी बेटी के लिए सऊदी पुरुष और प्रशासन से लड़ रही है. मानवाधिकार कार्यकर्ता कह रहे हैं कि जेद्दाह ने अमेरिका की परवाह करना बंद कर दिया है.

सऊदी अरब की राजधानी जेद्दाह
तस्वीर: Ayman Yaqoob/AA/picture alliance

अमेरिकी महिला कार्ली मॉरिस को सऊदी अरब में हिरासत में लिया गया है. कार्ली की आठ साल की बेटी टाला कहां है, इसकी जानकारी नहीं है. ये जानकारी वॉशिंगटन स्थित मानवाधिकार संगठन फ्रीडम इनिशिएटिव ने दी है. फ्रीडम इनिशिएटिव, मध्यपूर्व और उत्तरी अफ्रीका में गैरकानूनी ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों के अधिकारों के मुद्दे उठाता है. फ्रीडम इनिशिएटिव के बयान के मुताबिक, "यह साफ नहीं है कि बेटी को उनके साथ ही हिरासत में रखा गया है या उनके पूर्व पति के हवाले किया गया है."

सऊदी प्रशासन ने मॉरिस की हिरासत को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "वॉशिंगटन को मिस मॉरिस की हिरासत की रिपोर्टों के बारे में पता है. जब किसी को विदेश में हिरासत में लिया जाता है तो हम उस व्यक्ति तक जल्द पहुंचना चाहते हैं, ताकि उसे जरूरी कॉन्सुलर सहायता उपलब्ध कराई जा सके."

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा, "रियाद में हमारा दूतावास इस मामले पूरी गंभीरता से देख रहा है; वे पूरी स्थिति को बहुत करीब से फॉलो कर रहे हैं."

कार्ली मॉरिस 2019 में की गर्मियों में अपनी बेटी के साथ अमेरिका से सऊदी अरब गईं. कार्ली चाहती थी कि बेटी कुछ हफ्ते अपने पिता के साथ बिताए. मां बेटी जैसे ही रियाद पहुंचे वैसे ही कार्ली के पूर्व पति ने दोनों के पासपोर्ट जब्त कर लिए. इसके बाद पिता ने बेटी को सऊदी अरब का नागरिक बनाने की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू कर दी.

सऊदी अरब में महिलाओं के पास बहुत सीमित अधिकारतस्वीर: Ahmed Yosri/REUTERS

सऊदी अरब का अभिभावक अधिकार का कानून

मानवाधिकार संगठन का कहना है कि कार्ली मॉरिस का मामला दिखाता है कि सऊदी अरब का अभिभावक अधिकार कानून, किस कदर पुरुषों के पक्ष में झुका है. सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान ने हाल के बरसों में महिला अधिकारों से जुड़े कई सुधार किए हैं. राजशाही में अब महिलाएं नौकरी और यात्रा भी कर सकती हैं. इन सुधारों के लिए क्राउन प्रिंस की तारीफें भी हुईं. लेकिन मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि महिलाओं को अपना जीवनसाथी चुनने के लिए अब भी पुरुष अभिभावक की अनुमति लेनी पड़ती है. तलाक और बच्चों के अधिकार के मामले में उन्हें पुरुष ही आखिरी फैसला करते हैं.

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सऊदी अरब के मेल गार्डियनशिप सिस्टम के तहत, हर महिला के पास एक पुरुष अभिभावक होना जरूरी है. पुरुष अभिभावक, उस महिला के जीवन से जुड़े कड़े अहम फैसले करने का अधिकार है.

पारंपरिक रूप से शादी तक गार्डियनशिप का अधिकार पिता के पास होता है और शादी के बाद पति के पास. अगर किसी महिला एक पिता या पति की मृत्यु हो जाए, तो गार्डियनशिप का अधिकार भाई या बेटे मिल जाता है. सभी सऊदी महिलाओं को इसे मानना ही पड़ता है.

विवादों में सऊदी अरब का अभिभावक अधिकार कानूनतस्वीर: Fayez Nureldine/AFP/Getty Images

सार्वजनिक व्यवस्था से छेड़छाड़ का आरोप

बीते दो साल से सऊदी अरब में अपनी बेटी के लिए  लड़ रही कार्ली मॉरिस ने सितंबर 2022 में समाचार एजेंसी एएफपी से बात की. इस दौरान उन्होंने रोते हुए कहा, "मैं अपनी बेटी के बिना नहीं जाऊंगी."

इस इंटरव्यू के बाद सितंबर में ही उन्हें सऊदी अरब के अधिकारियों से कानूनी नोटिस मिला. एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद मिले इस नोटिस में लिखा था कि सार्वजनिक व्यवस्था से छेड़छाड़ करने के आरोप में मॉरिस के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है. नोटिस मिलने के बाद समाचार एजेंसी एएफपी से कार्ली मॉरिस ने कहा, "मुझे डर है कि मुझे किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है. मेरा सबसे बड़ा डर यही है कि टाला की देखरेख कौन करेगा."

मॉरिस के पूर्व पति से जब एएफपी ने संपर्क किया तो कोई जवाब नहीं मिला.

अमेरिका और सऊदी अरब के बीच बढ़ती दूरियांतस्वीर: Bandar Algaloud/REUTERS

कूटनीतिक तनाव के बीच हिरासत का मामला

कार्ली मॉरिस की हिरासत का मामला ऐसे वक्त में सामने आया है, जब अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्तों में तनाव है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सऊदी यात्रा के बाद भी यह तनाव कम होने के बजाए और बढ़ गया. बाइडेन चाहते थे कि अंतराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें नीचे लाने के लिए सऊदी अरब और ओपेक उत्पादन में कटौती ना करें. तेल उत्पादन में कटौती को बाइडेन ने परोक्ष रूप से रूस की मदद करने वाला बताया. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति की निजी यात्रा और दरख्वास्त के बावजूद सऊदी अरब ने तेल उत्पादन बढ़ाने से इनकार कर दिया.

फ्रीडम इनिशिएटिव की रिसर्च डायरेक्टर एलिसन मैकमैनस के मुताबिक, "मॉरिस का मामला इस बात का एक और उदाहरण है कि सऊदी अरब एक साझेदार के तौर पर अमेरिका की परवाह नहीं करता है."

मैकमैनस कहती हैं, "सऊदी अरब की रणनीतिक साझेदारी के संदर्भ में कोई भी बात सुनने से से पहले, हमें अमेरिकी नागरिकों के शोषण को खत्म होते हुए देखने की जरूरत है. हमें यह देखने की जरूरत है कि सिर्फ लिंग के कारण महिलाओं और बच्चों शोषण खत्म हो."

ओएसजे/एनआर (एएफपी)

 

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