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रमजान के दौरान यमन में सैन्य अभियान रोकेगा सऊदी

३० मार्च २०२२

सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन का कहना है कि वह रमजान के महीने में यमन में राजनीतिक बातचीत और शांति प्रयासों को आसान बनाना चाहता है. हालांकि हूथी विद्रोहियों ने संघर्ष विराम की पेशकश को नामंजूर कर दिया है.

तस्वीर: AFPTV/AFP/Getty Images

सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने मंगलवार को कहा कि उसने संकट का राजनीतिक समाधान खोजने के प्रयास में यमन में अपने सैन्य अभियानों को स्थगित करने का फैसला किया है. हालांकि ईरान द्वारा समर्थित बागी हूथियों ने यमन के बंदरगाहों और हवाई अड्डों को पूरी तरह से फिर से खोले बिना युद्धविराम के गठबंधन के आह्वान को खारिज कर दिया और इसे "अर्थहीन" बताया है.

गठबंधन के इस कदम के बाद संयुक्त राष्ट्र ने पवित्र महीने रमजान के दौरान संघर्ष विराम की अपील की है, रमजान का महीना दो अप्रैल से शुरू होने की उम्मीद है. सऊदी प्रेस एजेंसी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "यह यमन में गठबंधन के सैन्य अभियानों की समाप्ति की घोषणा है, जो बुधवार 30 मार्च, 2022 को स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे से प्रभावी होगा."

हूथी को नामंजूर संघर्ष विराम 

सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के प्रवक्ता तुर्की अल-मलिकी ने एक बयान में कहा कि गठबंधन "युद्धविराम को सफल बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा और रमजान के पवित्र महीने के दौरान सकारात्मक माहौल बनाएगा. ताकि शांति स्थापित कर इस संकट को समाप्त किया जा सके."

लेकिन सना हवाई अड्डे और देश के बंदरगाहों को लगातार बंद करने और देश पर गठबंधन के प्रतिबंधों के कारण ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों ने युद्धविराम की पेशकश को नामंजूर कर दिया है. हूथी समूह के एक अधिकारी मोहम्मद अल-बुकती ने एक ट्वीट में कहा, "अगर नाकाबंदी नहीं हटाई गई, तो आक्रामक गठबंधन द्वारा अपने सैन्य अभियानों को निलंबित करने की घोषणा बेमतलब है, क्योंकि नाकाबंदी के कारण यमन के लोगों को होने वाली मुश्किलें युद्ध से ज्यादा भयंकर है." 

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यमन युद्ध की शुरुआत 2014 में हुई थी जब ईरान द्वारा समर्थित बागी हूथियों ने राजधानी सना समेत उत्तर के कई इलाकों पर कब्जा जमा लिया था. महीनों बाद अमेरिका द्वारा समर्थित और सऊदी अरब के नेतृत्व में एक गठबंधन ने हस्तक्षेप किया. गठबंधन ने बागियों से सत्ता छीन ली और एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार बनवा दी. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी सात साल पुराने संघर्ष को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया है, और अगर संघर्ष विराम सफल होता है तो यह पिछले तीन वर्षों में शांति प्रयासों में सबसे महत्वपूर्ण कदम होगा.

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हाल के सालों में यह एक छद्म युद्ध बन गया है जिसने 1,50,000 लोगों की जान ले ली है. मरने वालों में 14,500 से भी ज्यादा आम लोग थे. युद्ध ने दुनिया के सबसे बुरे मानवीय संकट को भी जन्म दे दिया है. आज देश की करीब 3.2 करोड़ आबादी में अधिकांश लोग हूथी नियंत्रत इलाकों में हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यमन वर्तमान में दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट से जूझ रहा है, जिसमें लगभग दो करोड़ लोग या देश की एक तिहाई आबादी को किसी भी सहायता की सख्त जरूरत है.

एए/सीके (एएफपी, एपी,रॉयटर्स)

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