सऊदी राजकुमारी ने कहा, ट्रंप ने मुसलमानों पर बैन नहीं लगाया
९ फ़रवरी २०१७
सऊदी राजकुमारी बसमा बिंत सऊद ने अमेरिकी राष्ट्रपति राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की वीजा पाबंदियों को मुसलमानों पर प्रतिबंध मानने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार अपनी आंतरिक सुरक्षा को लेकर कदम उठा रही है.
विज्ञापन
Saudi royal: Travel rules 'not ban on Muslims'
10:01
डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के चंद दिनों के भीतर सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश अस्थायी रूप से रोक लगा दी. इन देशों में सीरिया, ईरान, सूडान, सोमालिया, यमन, लीबिया और इराक शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका को विदेशी आतंकवादी हमलों से बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. लेकिन उनके इस कदम का न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखा विरोध हो रहा है, बल्कि अमेरिका में भी लोग इसके खिलाफ सड़कों पर उतरे. अमेरिकी अदालतों में ट्रंप के इस कदम को चुनौती दी गई है और वॉशिंगटन स्टेट कोर्ट का फैसला ट्रंप के खिलाफ गया है.
लेकिन सऊदी राजकुमारी बसमा बिंत सऊद ट्रंप के इस कदम से कतई हैरान नहीं हैं. डीडब्ल्यू टीवी के ब्रेंट गोफ के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने कहा, "यह कदम अचानक नहीं उठाया गया है. जब से वह राष्ट्रपति बने हैं, तब से इसके लिए लॉबिंग कर रहे थे. जिन देशों को चुना गया है, उनकी सूची काफी सोच विचार के साथ तैयार की गई होगी."
देखिए हज में क्या करते हैं लोग
हज में क्या करते हैं लोग
दुनिया भर से लाखों मुसलमान हर साल हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं. लेकिन वहां जाकर वे करते क्या हैं? जानिए...
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Al-Shaikh
इहराम
श्रद्धालुओं को खास तरह के कपड़े पहनने होते हैं. पुरुष दो टुकड़ों वाला एक बिना सिलाई का सफेद चोगा पहनते हैं. महिलाएं भी सेफद रंग के खुले कपड़े पहनती हैं जिनमें बस उनके हाथ और चेहरा बिना ढका रहता है. इस दौरान श्रद्धालुओं को सेक्स, लड़ाई-झगड़े, खुशबू और बाल व नाखून काटने से परहेज करना होता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Al-Shaikh
तवाफ
मक्का में पहुंचकर श्रद्धालु तवाफ करते हैं. यानी काबा का सात बार घड़ी की विपरीत दिशा में चक्कर लगाते हैं.
तस्वीर: Reuters/Muhammad Hamed
सई
हाजी मस्जिद के दो पत्थरों के बीच सात बार चक्कर लगाते हैं. इसे सई कहते हैं. यह इब्राहिम की बीवी हाजरा की पानी की तलाश की प्रतिमूर्ति होता है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
अब तक उमरा
अब तक जो हुआ वह हज नहीं है. इसे उमरा कहते हैं. हज की मुख्य रस्में इसके बाद शुरू होती हैं. इसकी शुरुआत शनिवार से होती है जब हाजी मुख्य मस्जिद से पांच किलोमीटर दूर मीना पहुंचते हैं.
तस्वीर: picture alliance/dpa/M. Naamani
जबल उर रहमा
अगले दिन लोग जबल उर रहमा नामक पहाड़ी के पास जमा होते हैं. मीना से 10 किलोमीटर दूर अराफात पहाड़ी के इर्द गिर्द जमा ये लोग नमाज अता करते हैं.
तस्वीर: AFP/Getty Images/M. Al-Shaikh
मुजदलफा
सूरज छिपने के बाद हाजी अराफात और मीना के बीच स्थित मुजदलफा जाते हैं. वहां वे आधी रात तक रहते हैं. वहीं वे शैतान को मारने के लिए पत्थर जमा करते हैं.
तस्वीर: Amer Hilabi/AFP/Getty Images
फिर ईद
अगला दिन ईद के जश्न का होता है जब हाजी मीना लौटते हैं. वहां वे रोजाना के तीन बार के पत्थर मारने की रस्म निभाते हैं. आमतौर पर सात पत्थर मारने होते हैं.
तस्वीर: Reuters/A. Jadallah
पहली बार के बाद
पहली बार पत्थर मारने के बाद बकरे हलाल किये जाते हैं और जरूरतमंद लोगों के बीच मांस बांटा जाता है. बकरे की हलाली को अब्राहम के अल्लाह की खातिर अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी का प्रतीक माना जाता है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. El-Mofty
सफाई
अब हाजी अपने बाल कटाते हैं. पुरुष पूरी तरह गंजे हो जाते हैं जबकि महिलाएं एक उंगल बाल कटवाती हैं. यहां से वे अपने सामान्य कपड़े पहन सकते हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Fala'ah
फिर से तवाफ
हाजी दोबारा मक्का की मुख्य मस्जिद में लौटते हैं और काबा के सात चक्कर लगाते हैं.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. El-Mofty
पत्थर
हाजी दोबारा मीना जाते हैं और अगले दो-तीन दिन तक पत्थर मारने की रस्म अदायगी होती है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Mehri
और फिर काबा
एक बार फिर लोग काबा जाते हैं और उसके सात चक्कर लगाते हैं. इसके साथ ही हज पूरा हो जाता है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/skajiyama
12 तस्वीरें1 | 12
ट्रंप के कुछ आलोचक सऊदी अरब को इस सूची में न रखने के लिए भी उनकी आलोचना कर रहे हैं. उनका कहना है कि अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े 11 सिंतबर 2001 के हमले के पीछे सऊदी आतंकवादियों का हाथ था, ऐसे में उसे वीजा पाबंदियों से कैसे रियायत दी जा सकती है. लेकिन सऊदी राजकुमारी बसमा कहती हैं, "सिर्फ 9/11 ही एक ऐसा हमला है जिसे लेकर सऊदी अरब पर ऊंगली उठाई गई है. अगर आप आज आईएस और दुनिया में नए आतंकवादी परिदृश्य पर नजर डालें तो इसका संबंध अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, लेबनान और कई अन्य अशांत देशों से दिखाई पड़ता है."
सऊदी राजकुमारी के मुताबिक सऊदी अरब आतंकवाद के खिलाफ कदम उठा रहा है और इस मामले में अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद कर रहा है. वह अमेरिका की वीजा पाबंदियों को मुसमलानों पर बैन मानने से भी इनकार करती हैं. उनका कहना है, "यह तथ्य कम और मीडिया का प्रचार ज्यादा है. असल में अमेरिका अपनी आंतरिक सुरक्षा को मद्देनजर रख कर कदम उठा रहा है कि उसे किन देशों से खतरा है. पहले अल कायदा और ओसामा बिन लादेन चुनौती थे. लेकिन अब चुनौती और खतरे का स्वरूप बदल गया है. मझे लगता है कि ट्रंप और उनके आंतरिक सुरक्षा मंत्री इसी को ध्यान में रख कर कदम उठा रहे हैं."
देखिए सऊदी अरब में महिलाएं क्या नहीं कर सकतीं
इन हकों के लिए अब भी तरस रही हैं सऊदी महिलाएं
सऊदी अरब में लंबी जद्दोजहद के बाद महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार तो मिल गया है. लेकिन कई बुनियादी हकों के लिए वे अब भी जूझ रही हैं.
तस्वीर: Getty Images/J. Pix
पुरुषों के बगैर नहीं
सऊदी अरब में औरतें किसी मर्द के बगैर घर में भी नहीं रह सकती हैं. अगर घर के मर्द नहीं हैं तो गार्ड का होना जरूरी है. बाहर जाने के लिए घर के किसी मर्द का साथ होना जरूरी है, फिर चाहे डॉक्टर के यहां जाना हो या खरीदारी करने.
तस्वीर: imago/CTK/CandyBox
फैशन और मेकअप
देश भर में महिलाओं को घर से बाहर निकलने के लिए कपड़ों के तौर तरीकों के कुछ खास नियमों का पालन करना होता है. बाहर निकलने वाले कपड़े तंग नहीं होने चाहिए. पूरा शरीर सिर से पांव तक ढका होना चाहिए, जिसके लिए बुर्के को उपयुक्त माना जाता है. हालांकि चेहरे को ढकने के नियम नहीं हैं लेकिन इसकी मांग उठती रहती है. महिलाओं को बहुत ज्यादा मेकअप होने पर भी टोका जाता है.
तस्वीर: Atta Kenare/AFP/Getty Images
मर्दों से संपर्क
ऐसी महिला और पुरुष का साथ होना जिनके बीच खून का संबंध नहीं है, अच्छा नहीं माना जाता. डेली टेलीग्राफ के मुताबिक सामाजिक स्थलों पर महिलाओं और पुरुषों के लिए प्रवेश द्वार भी अलग अलग होते हैं. सामाजिक स्थलों जैसे पार्कों, समुद्र किनारे और यातायात के दौरान भी महिलाओं और पुरुषों की अलग अलग व्यवस्था होती है. अगर उन्हें अनुमति के बगैर साथ पाया गया तो भारी हर्जाना देना पड़ सकता है.
तस्वीर: Fotolia/Minerva Studio
रोजगार
सऊदी सरकार चाहती है कि महिलाएं कामकाजी बनें. कई सऊदी महिलाएं रिटेल सेक्टर के अलावा ट्रैफिक कंट्रोल और इमरजेंसी कॉल सेंटर में नौकरी कर रही हैं. लेकिन उच्च पदों पर महिलाएं ना के बराबर हैं और दफ्तर में उनके लिए खास सुविधाएं भी नहीं है.
तस्वीर: Reuters/S. Salem
आधी गवाही
सऊदी अरब में महिलाएं अदालत में जाकर गवाही दे सकती हैं, लेकिन कुछ मामलों में उनकी गवाही को पुरुषों के मुकाबले आधा ही माना जाता है. सऊदी अरब में पहली बार 2013 में एक महिला वकील को प्रैक्टिस करने का लाइसेंस मिला था.
तस्वीर: Getty Images/J.Pix
खेलकूद में
सऊदी अरब में लोगों के लिए यह स्वीकारना मुश्किल है कि महिलाएं भी खेलकूद में हिस्सा ले सकती हैं. जब सऊदी अरब ने 2012 में पहली बार महिला एथलीट्स को लंदन भेजा तो कट्टरपंथी नेताओं ने उन्हें "यौनकर्मी" कह कर पुकारा. महिलाओं के कसरत करने को भी कई लोग अच्छा नहीं मानते हैं. रियो ओलंपिक में सऊदी अरब ने चार महिला खिलाड़ियों को भेजा था.
तस्वीर: Fotolia/Kzenon
संपत्ति खरीदने का हक
ऐसी औपचारिक बंदिश तो नहीं है जो सऊदी अरब में महिलाओं को संपत्ति खरीदने या किराये पर लेने से रोकती हो, लेकिन मानवाधिकार समूहों का कहना है कि किसी पुरुष रिश्तेदार के बिना महिलाओं के लिए ऐसा करना खासा मुश्किल काम है.
तस्वीर: Getty Images/J. Pix
7 तस्वीरें1 | 7
बसमा बिंत सऊद के पिता शाह सऊद आधुनिक सऊदी अरब के दूसरे राजा थे जिन्होंने 1953 से लेकर 1964 तक देश पर राज किया. बसमा बिंत सऊद उनकी सबसे छोटी बेटी हैं जो कई साल तक ब्रिटेन में रहने के बाद अब वापस सऊदी अरब में बस गई हैं. वह एक कारोबारी महिला होने के साथ साथ मानवाधिकारों के लिए भी काम करती हैं.