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जर्मन राज्य ने कहा, इस्राएल के विरोधियों को नागरिकता नहीं

जॉन शेल्टन
७ दिसम्बर २०२३

जर्मन राज्य सेक्सनी-अनहाल्ट ने कहा है कि जो लोग इस्राएल के अस्तित्व के अधिकार का समर्थन नहीं करते, उन्हें नागरिकता नहीं दी जा सकती. राज्य के आंतरिक मामलों के मंत्री ने कहा है कि बाकी राज्यों को भी ऐसे कदम उठाने चाहिए.

जर्मनी का पासपोर्ट
सेक्सनी-अनहाल्ट के आंतरिक मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि अगर कोई आवेदक, डेक्लरेशन पर दस्तखत करने से इनकार करे, तो उसका आवेदन खारिज कर दिया जाए.तस्वीर: Inga Kjer/photothek/imago Images

जर्मनी के पूर्वी राज्य सेक्सनी-अनहाल्ट में जर्मन नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों को लिखित में देना होगा कि "वे इस्राएल के अस्तित्व के अधिकार को मान्यता देते हैं और बतौर देश, इस्राएल की मौजूदगी के विरुद्ध किसी भी प्रयास की निंदा करते हैं."

6 दिसंबर को आंतरिक मामलों के प्रांतीय और संघीय मंत्रियों की एक बैठक से पहले, सेक्सनी-अनहाल्ट की आंतरिक मामलों की मंत्री तमारा त्सीशांग ने जर्मनी के बाकी 15 राज्यों से भी ऐसे ही नियम बनाने की अपील की. त्सीशांग ने यह भी बताया कि उन्होंने नवंबर में राज्य की सभी नगरपालिकों को एक आदेश भेजकर इस नीति की जानकारी दी है.

समर्थन नहीं तो नागरिकता नहीं

आंतरिक मंत्रालय द्वारा भेजे गए आदेश में प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे इस बात पर अच्छी तरह ध्यान दें कि कहीं आवेदक का बर्ताव यहूदी-विरोधी तो नहीं है. साथ ही, यह भी कहा गया है कि "जर्मनी की नागरिकता पाने के लिए इस्राएल के अस्तित्व के अधिकार के लिए प्रतिबद्धता जरूरी है."

सेक्सनी-अनहाल्ट के आंतरिक मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन को भेजे गए एक पत्र में लिखा है कि ऐसे विदेशियों को नागरिकता ना दी जाए, जो देश के कानून में रेखांकित की गई जर्मनी की उदार लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ किसी गतिविधि में शामिल हों. ऐसी गतिविधियों में इस्राएल के अस्तित्व के अधिकार का विरोध करना और यहूदी-विरोध भी शामिल हैं.

स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि अगर कोई आवेदक, घोषणा पर दस्तखत करने से इनकार करे, तो उसका आवेदन खारिज कर दिया जाए और आगे के संदर्भ के लिए, इस बात को इनकार करने वाले के आवेदन में भी दर्ज किया जाए.

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ऐतिहासिक जिम्मेदारी

जर्मनी का कहना है कि यहूदियों की सुरक्षा के प्रति उसकी एक खास ऐतिहासिक जिम्मेदारी है. इसका संबंध होलोकास्ट की खौफनाक घटनाओं से है, जब जर्मनी की तत्कालीन नाजी सरकार ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सुनोयिजत तौर पर 60 लाख से ज्यादा यूरोपीय यहूदियों को कत्ल किया. इस्राएल की सुरक्षा को जर्मनी अपना "स्टाट्सरेजॉं" कहता है, यानी देश की चेतना, जैसा कि पूर्व जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने 2008 में इस्राएली संसद को संबोधित करते हुए कहा था.

ऐसे प्रवासी, जो इस्राएल के विरुद्ध कड़वाहट रखते हैं, उनके बीच यहूदी-विरोधी बर्ताव के मसले पर जर्मनी में बड़े स्तर पर विमर्श हुआ है. 7 अक्टूबर को दक्षिणी इस्राएल में किए गए हमास के आतंकी हमले के बाद फलीस्तीन के समर्थन में हुई रैलियों ने यहूदी-विरोधी व्यवहार को बढ़ाने में भूमिका निभाई.

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