अब दिन के उजाले में देखा जा सकेगा अंतरिक्ष का कचरा
५ अगस्त २०२०
वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने ऐसा तरीका खोज लिया है जिससे दिन के उजाले में भी अंतरिक्ष का कचरा खोजा जा सकेगा. पृथ्वी की कक्षा में ऐसे लाखों टुकड़े घूम रहे हैं जो अब बेकार हो चुके हैं.
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अंतरिक्ष में मौजूद पुराने उपग्रहों के उपकरण और पुराने रॉकेटों के टुकड़े धरती के चारों ओर चक्कर काटने वाला कचरा बन चुके हैं. इस्तेमाल पूरा होने के बाद इन्हें इसी तरह से बेकार छोड़ दिया जाता है. अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका खोज निकाला है जिससे दिन के उजाले में अंतरिक्ष के कचरे को खोजा जा सकता है. ऐसा कर भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को कचरे से टकराने से बचाया जा सकता है.
अंतरिक्ष में पुराने रॉकेट, सैटेलाइट्स और स्पेसक्राफ्ट के पुर्जे मौजूद हैं जो लगातार धरती का चक्कर लगा रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक अंतरिक्ष में पांच लाख वस्तुएं लगातार पृथ्वी के चक्कर काट रहे हैं, जिनमें पेंच से लेकर रॉकेट के ईंधन टैंक के बराबर के आकार की चीजें हैं. ऐसा कचरा हजारों मील प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है और ऐसे में उनका सैटेलाइट से टकराने की स्थित में नुकसान पहुंचाने का खतरा बढ़ जाता है.
अब भी ऐसे तरीके हैं जिनसे वैज्ञानिक धरती पर रहते हुए लेजर के सहारे कचरे का पता लगाया जा सकते हैं. लेकिन यह तरीका सूर्यास्त के कुछ घंटे बाद तक ही काम करता है , वह भी तब ही हो पाता है जब खोज करने वाला स्टेशन अंधेरे में रहता था और कचरा सूरज की रोशनी में चमकता था. ऑस्ट्रिया में मौजूद शोधकर्ताओं की टीम को लगता है कि उन्होंने अपने नए इजाद किए तरीके में उस अवधि को बढ़ा दिया है, जिसमें अंतरिक्ष का कचरा नजर आएगा. शोधकर्ता टेलीस्कोपिक डिटेक्टर और फिल्टर की मदद से उन चीजों का कॉन्ट्रास्ट बढ़ा देते हैं जो कि आकाश में दिन के समय में नजर आते हैं. साथ ही टीम ने रियल टाइम टार्गेट डिटेक्शन सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो भविष्यवाणी करता है कि निश्चित वस्तु कब दिखेगा और इसकी सटीकता को सुधारने के लिए टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया जा सकता है.
कुल मिलाकर, नई तकनीक पृथ्वी से अंतरिक्ष के कबाड़ की निगरानी के समय को छह से 22 घंटे तक बढ़ा सकती है. ऑस्ट्रियाई विज्ञान अकादमी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के माइकस स्टाइनडॉर्फर कहते हैं कि फिलहाल प्रायोगिक स्तर पर काम कर रही यह तकनीक मलबे का पता लगाने के लिए लेजर के साथ अंतरिक्ष कचरा तलाशने वाली टीमों की संख्या को कम कर सकता है.
अंतरिक्ष के कचरे पर चल रही रिसर्च में विश्व भर की अंतरिक्ष एजेंसियां सहयोग कर रही हैं. यूरोपीय स्पेस एजेंसी भी क्लीन स्पेस मुहिम चला रही है, जिसका लक्ष्य अंतरिक्ष से कचरे को हटाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए तकनीक का विकास करना है.
रिचर्ड ब्रैंसन की वर्जिन गैलेक्टिक ने दुनिया को उस अंतरिक्ष यान की तस्वीर दिखाई है जो लोगों को अंतरिक्ष में ले जाएगी. सैकड़ों लोग कई सालों से स्पेसशिप टू में सीट पाने का इंतजार कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Virgin Galactic
अंतरिक्षयान का मजा
रिचर्ड ब्रैनसन की कंपनी ने बीते मंगलवार दुनिया के लोगों को उस यान का वर्चुअल टूर कराया जो अमीर लोगों को अंतरिक्ष की सैर कराने ले जाएगी. कंपनी का कहना है कि 600 लोग पहले ही इसके लिए पैसा जमा करा चुके हैं. हर यात्री ने ढाई लाख अमेरिकी डॉलर की रकम जमा कराई है. इस यात्रा में उन्हें धरती के गुरुत्वीय क्षेत्र के बाहर जाकर भारहीनता का अनुभव मिलेगा.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Drew
अंतरिक्ष मैं तैरना
वर्जिन गैलेक्टिक ने यान में मौजूद सुविधाओं के बारे में विस्तार से यात्रियों को जानकारी दी है. इसमें विमान के साथ उस रॉकेट का हिस्सा भी शामिल है. इसे स्पेसशिप टू नाम दिया गया है. हर उड़ान में छह यात्री होंगे जो स्पेससूट पहने रहेंगे. इस सूट को अंडरआर्मर ने डिजाइन किया है. एक बार जब यान अंतरिक्ष के निचले सिरे में पहुंच जाएगा तब यात्रियों को अपनी सीट छोड़ कर केबिन में इधर उधर घूमने का मौका मिलेगा.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Virgin Galactic
खास तरह की सीटें
सारी सीटों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वहां से एक इंसान के गुरुत्वीय बल का प्रबंधन करने के साथ ही फ्लोट जोन का आयतन भी तय किया जा सके. कंपनी ने हर सीट के पिछले हिस्से में स्क्रीन लगाई गई है जो यात्री से जुड़ी होगी और उड़ान के दौरान उसकी सारी गतिविधियों का ब्यौरा बताएगी.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Virgin Galactic
साफ साफ दिखेगा बाहर का नजारा
सीटों के आसपास 12 खिड़कियां हैं. इनके जरिए उड़ान के दौरान पृथ्वी के आसपास का साफ नजारा देखा जा सकता है. इसके साथ ही कंपनी ने मूड लाइटिंग का इंतजाम किया है ताकि यात्री उड़ान के हर पहलू से गुजर सकें.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Virgin Galactic
थोड़ा जहाज थोड़ा रॉकेट
स्पेसशिप 2 एक खास जेट विमान के नीचे लटका होगा और ऊंचाई पर पहुंचने के बाद इसे मुक्त कर दिया जाएगा. कुछ देर तक मुक्त रूप से गिरने के बाद पायलट रॉकेट का इंजन चालू करेंगे तो विमान ध्वनि की रफ्तार से सीधा नीचे की ओर चलना शुरू करेगा. रॉकेट इसके बाद बंद हो जाएगा लेकिन आवेग विमान को अंतरिक्ष के निचले हिस्से में ले जाएगा. इस दौरान यह उलटा होगा और विमान की खिड़कियों से नीचे के हिस्से का नजारा दिखेगा.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Virgin Galactic
जीवन भर का अनुभव
वर्जिन गैलैक्टिक ने उन 16 कैमरों को बहुत महत्व दिया है जो यात्री के पूरे सफर का ब्यौरा रखेंगी. इसके साथ ही पीछे के केबिन में एक बड़ा सा आईना है जो यात्रियों को उड़ान के दौरान खुद की छवि देखने में मदद करेगा.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Virgin Galactic
बेहद महंगा सफर
कंपनी ने स्पेसशिप 2 को कैलिफोर्निया के मोजावे में तैयार किया है लेकिन सारी कारोबारी गतिविधियां न्यू मेक्सिको के स्पेसपोर्ट से चलाई जाएंगी. सफर से पहले यात्री कई दिनों की ट्रेनिंग करेंगे. इस जहाज में जगह पाना आसान नहीं है, हालांकि यात्रा को किफायती बनाना कंपनी के लंबे समय के लक्ष्यों में शामिल है.