प्यार शायद दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य है. ऐसा कोई फॉर्मूला अब तक तैयार नहीं हुआ है कि सुयोग्य जीवनसाथी कैसे चुना जाए? लेकिन बैर्नहार्ड फिंक के पास इसका जवाब होना चाहिए. वह विकासवादी जीवविज्ञानी हैं और उन्होंने 15 साल इस बात पर शोध किया है कि सही पार्टनर कैसे खोजा जाए.
डॉ. बैर्नहार्ड फिंक कहते हैं, "आम तौर पर आप लैब में प्रयोग के लिए लोगों को कंप्यूटर के सामने बिठा देते हैं और कहते हैं कि इस चेहरे और इस शरीर के आकर्षण के बारे में अपनी राय दो. लेकिन यह तो सच्चाई का बस एक पहलू है. लोग लगातार अपनी राय बदलते रहते हैं.”
यही वजह है कि बैर्नहार्ड फिंक डांस एक्सपेरिमेंट करते हैं. उनकी टीम एक खास कैमरा सिस्टम विकसित कर रही है जो डांस करते लोगों के वीडियो को एनीमेटेड ग्राफिक्स में बदल देता है. वैज्ञानिक चाल ढाल के असर पर ध्यान देना चाहते हैं, पोशाक, शरीर या चेहरे से भटके बिना. डॉ. बैर्नहार्ड फिंक का कहना है, "हम डांस मूवमेंट्स को इसलिए स्टडी कर रहे हैं क्योंकि हमारी अवधारणा है कि महिलाओं को मजबूत पुरुषों के डांस मूवमेंट ज्यादा आकर्षित करते हैं.”
देखिए सांबा की मस्ती के सौ साल
ब्राजील का मशहूर सांबा म्यूजिक और डांस 100 साल का हो गया है. 27 नवंबर 1916 को पहली बार रियो डे जेनेरो शहर में पहला सांबा गाना आया था. अब सांबा ब्राजील की पहचान है.
तस्वीर: APइस डांस की शुरुआत रियो डे जेनेरो की झुग्गी बस्ती से हुई थी.
तस्वीर: Getty Images/AFP/V. Almeidaसांबा अपनी खास रंग बिरंगी ड्रसों और मुखौटों के लिए जाना जाता है. लेकिन इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसकी मस्ती.
तस्वीर: Getty Images/B. Mendesबीते 100 साल में सांबा यूं तो दुनिया के कई हिस्सों तक पहुंचा है. लेकिन इसका जो रंग रियो में देखने को मिलता है, उसका कोई जवाब नहीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaबीते 100 साल में ये डांस और म्यूजिक ब्राजील की संस्कृति का अहम हिस्सा बन गया है. ये उन कई चीजों में शामिल है जो दुनिया में ब्राजील की पहचान हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/S.Izquierdoसांबा का श्रेय उन काले अफ्रीकी और खास तौर से अंगोला और कांगो के लोगों को जाता है जो अपनी संस्कृति और संगीत के रंग लेकर लैटिन अमेरिका पहुंचे थे.
तस्वीर: Reutersयह संगीत और डांस उन लोगों की देन है जिन्हें ब्राजील में गुलाम बनाकर ले जाया गया था.
तस्वीर: Reutersरियो कार्निवल में सांबा की धूम रहती है. दुनिया भर से लोग इसे देखने पहुंचते हैं. जो रियो नहीं जा पाते, वो इसकी तस्वीरों में रियो की मस्ती महसूस कर सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaरियो कार्निवल के दौरान सांबा की मस्ती और मादकता अलग ही दिखती है.
तस्वीर: Getty Images/R. Diasडांस ही नहीं, रियो में कार्निवल के दौरान सांबा डांसरों की ड्रेस भी बेहद आकर्षक होती हैं. उनके चमकदार रंग आखों को बहुत लुभाते हैं.
तस्वीर: APबताया जाता है कि 2011 में रियो के कार्निवल में 49 लाख लोगों ने हिस्सा लिया और इसमें चार लाख विदेशी थे.
तस्वीर: AFP/Getty Imagesरियो से 100 साल पहले शुरू हुए सांबा डांस और म्यूजिक का जादू वैसे अब दुनिया भर में चल रहा है. कई देशों में ऐसे स्कूल खुल रहे हैं जहां सांबा सिखाया जाता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/C. Simonइस तस्वीर में अपनी रफ्तार के लिए मशहूर उसैन बोल्ट भी सांबा के रंग में रगे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Kappelerसांबा की लय और ताल ही कुछ ऐसी होती हैं कि कोई भी झूमने लगे.
तस्वीर: Reuters/S. Moraesरियो में हर हफ्ते न जाने कितनी सांबा पार्टियां होती हैं, जहां इसे पसंद करने वाले पहुंचते हैं. रियो ऐसे लोगों का मक्का कहा जा सकता है.
तस्वीर: Reutersरियो के झुग्गी वाले इलाके अपराध और ड्रग्स के लिए जाने जाते हैं. कई लोगों का कहना है सांबा ने उन्हें वापस सामान्य जिंदगी में लौटने में मदद की है.
तस्वीर: Reutersसांबा के शौकीनों का कहना है कि जब ये इर्गगिर्द होता है तो आप सब कुछ भूल जाते हैं. सांबा संगीतकार पेद्रो दा फ्लोर का कहना है कि जब दुनिया रहेगी, तब तक सांबा रहेगा.
तस्वीर: AP टेस्ट में शामिल लोगों को डांस फ्लोर पर भेजने से पहले उनके सीने और कंधों की चौड़ाई और जोखिम लेने की तैयारी को मापा जाता है. परीक्षण में शामिल महिलाओं को पुरुषों के आकर्षण के बारे में बताना होता है. डांस का प्रदर्शन शुरू होता है. पुरुष अपनी कला दिखाते हैं और महिलाएं उनका मूल्यांकन करती हैं.
रिफ्लेक्टिव मार्करों का इस्तेमाल कर कंप्यूटर पर एक वर्चुअल किरदार बनाया जाता है, नाचते मर्द की आकृति. महिलाओं को पता नहीं होता कि वे किस पुरुष को देख रही हैं. आकर्षण का पता लगाने के लिए गले, कंधों और पिछले हिस्से के अलग अलग मूवमेंट की जांच होती है. लैब टेस्ट यही बताते हैं.
देखिए बॉलीवुड से जुंबा
जर्मन लोगों को भी नाचना गाना बहुत पसंद है. फिर वह सांबा हो, टैंगो या फिर बॉलीवुड के ठुमके. ऐसे कुछ ट्रेंड को एक ही बार में हवा हो जाता है लेकिन कुछ सालों साल चलते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaभारत का पॉपुलर डांस बॉलीवु़ड जर्मनी में काफी पसंद किया जाता है. इसे पेश करने वाली अंगेला वुको को भारतीय शास्त्रीय नृत्य मुश्किल लगता है. लेकिन बॉलीवुड करना बहुत आसान. इसके साथ तेज संगीत लोगों को खूब लुभाता है.
तस्वीर: picture alliance/Sascha Radkeजर्मन लोग वैसे डांस करना जानते नहीं हैं. जर्मनी में किए जाने वाले अधिकतर डांस बाहर से आए हैं. यहां का सिर्फ बवेरियाई लोकनृत्य है. लेकिन युवाओं को तो कूल हिप हॉप ही पसंद आता है. अमेरिका में शुरू हुआ यह डांस जर्मनी में काफी लोकप्रिय है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaदो पुरुषों के बीच होने वाला कापोएइरा भी बहुत पसंद किया जाता है. यह एफ्रो ब्राजीलियाई कला है जिसमें नृत्य और मार्शल आर्ट्स मिलाया जाता है. जर्मनी में 20 साल से यह चल रहा है. बड़े शहरों में इसके कोर्स भी हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaचाहे पुरुष हो या महिला, बच्चे हों या बूढे साल्सा के दीवाने जर्मनी में कम नहीं. भले ही जर्मनों को कमर चलानी नहीं होती हो. डांस रिसर्च सोसाएटी की क्रिस्टियाने रोसबेर्ग आह्लहाउस कहती हैं, "हर देश में शारीरिक मुद्राओं की संस्कृति होती है. जर्मनों को कड़क और सीधा अच्छा लगता है जबकि बाकी देशों में लय पसंद की जाती है."
तस्वीर: picture-alliance/dpaटैंगो, अर्जैंटीना से जर्मनी आया नृत्य. जिसने भी इसे सीखा हो वो जानता है कि यह थोड़ा मुश्किल है. तय स्टेप्स नहीं होती. पुरुष नेतृत्व करता है और महिला को उसके पीछे जाना है. हालांकि अब उल्टा भी होने लगा है.
तस्वीर: Scott Griessel/Fotoliaबेली डांस की दीवानगी इन दिनों थोड़ी कम हुई है. लेकिन फिर भी इसे पसंद किया जाता है. महिलाओं में. यह फैशन में तो नहीं लेकिन लोग इसे सीख रहे हैं. बेली डांस मिस्र से आया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaस्विंग अमेरिकी डांस है. और 30-40 के दशक वाले डांस का इन दिनों खूब फैशन है. क्योंकि ये संगीत फिर पसंद किया जा रहा है. पुराने लुक में स्विंगिंग काफी ट्रेंडी है.
तस्वीर: picture alliance/dpaकोरिया के डांस को वैसे तो जर्मनी में कोई नहीं जानता. लेकिन गैंगनम स्टाइल यहां खूब पॉपुलर हो रहा है.
तस्वीर: Reutersजुंबा दुनिया भर के लोगों को नचा नचा कर दीवाना कर रहा है. यह वैसे कोई डांस नहीं लेकिन लातिन अमेरिका की रिदम पर फिट किए गए एरोबिक कसरत है. दुनिया भर में फिलहाल जुंबा दीवानों की संख्या एक करोड़ के पार है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaअमेरिकी डीटा फॉन टेसे से प्रेरित कई महिलाएं जर्मनी में इन दिनों बर्लेस्क डांस सीक रही हैं. लुभाने के लिए किया जाने वाला वेरिटी थिएटर के टाइम का जांस. यहां कपड़े उतारना अहम नहीं है बल्कि खुद को ग्लैमरस और फ्लर्टी पेश करना होता है, डांस करते हुए...
तस्वीर: picture-alliance/dpa अंगुलियों के निशान की तरह शरीर का मूवमेंट भी हर इंसान में अलग होता है. वे हमें उनके चरित्र की जानकारी देते हैं. अगर ऐसा कोई संकेत ना हो जो स्पष्ट दिखाई दे तो महिलाएं जोश से चलने वाला पार्टनर चुनती हैं.
डॉ. बैर्नहार्ड फिंक बताते हैं, "मर्दाने चेहरे और ताकतवर शरीर वाले फीचर महिलाओं को पुरुष के स्टेटस के बारे में कुछ बताते लगते हैं. मतलब ये है कि यहां एक तरह से पार्टनर की क्वॉलिटी की तलाश होती है, जिसे जीवविज्ञानी अच्छा जीन बताते हैं. और ये सिर्फ स्वास्थ्य का पहलू ही नहीं है बल्कि संभावित प्रतिद्वंद्वियों से प्रतिस्पर्धा में जीतने की क्षमता से भी इसका लेना देना है.”
साफ है कि महिलाओं को रिझाने के लिए सुपर स्टारों के मूवमेंट की नकल करने की जरूरत नहीं. असली जिंदगी में पार्टनर चुनते समय असली रहना जरूरी है. इसे पसंद भी किया जाता है.