भारत में राजद्रोह पर भले ही अस्थायी रोक लग गई हो, लेकिन और भी कानून हैं जिनका राजनीतिक दल बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं. महाराष्ट्र में अभिनेत्री केतकी चितले को एक फेसबुक पोस्ट लिखने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.
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केतकी चितले ने फेसबुक पर मराठी में किसी और की लिखी एक कविता डाली थी जिसमें एक ऐसे शख्स की आलोचना है जिसका चित्रण एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से मिलता जुलता है. किरदार का उपनाम पवार है, उम्र 80 साल है और उसे कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं जिनसे शरद पवार भी ग्रसित हैं.
इस फेसबुक पोस्ट के लिए ठाणे पुलिस की अपराध शाखा ने 29 साल की चितले के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 (मानहानि), 501 (मानहानि करने वाली सामग्री छापना) और 153ए (दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना) के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया.
सभी पार्टियां शामिल
रविवार 15 मई को अदालत की छुट्टी के दिन उन्हें एक अवकाश मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया जहां मजिस्ट्रेट ने उन्हें 18 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. इसी तरह अहमदाबाद पुलिस ने फिल्म निर्देशक अविनाश दास के खिलाफ उनकी एक सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर एक मामला दर्ज लिया है.
दास ने हाल ही में धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार की गई आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की थी.
इसी तरह कुछ ही दिनों पहले पंजाब पुलिस ने बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए दिल्ली में अचानक गिरफ्तार कर लिया था.
राजद्रोह से मानहानि तक
उससे पहले कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवानी को असम पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट के लिए गिरफ्तार कर लिया था. ये सभी मामले दिखाते हैं कि भले ही राजद्रोह जैसी धारा पर सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी रूप से रोक लगा दी हो, ऐसे और भी कई कानून हैं जिनका राजनीतिक दल आलोचना की आवाजों को दबाने के लिए गलत इस्तेमाल करते हैं.
मानहानि से जुड़े कानून ऐसे ही उदाहरणों में शामिल हैं. आईपीसी की धारा 499 के तहत मानहानि एक अपराध है, जिसके लिए दोषी पाए जाने पर जुर्माना और दो साल की जेल की सजा का प्रावधान है.
2020 में मद्रास हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था सरकारी मुलाजिमों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अपने प्रतिद्वंदियों को परेशान करने के लिए मानहानि कानून का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. लेकिन इसके बावजूद कानून का मनमाना इस्तेमाल आज भी जारी है.
किताबें पढ़कर इस देश में सजा कम करा सकते हैं कैदी
बोलीविया की भीड़भाड़ वाली जेलों में कैदी अब किताबें पढ़कर अपनी सजा कम करा सकते हैं. यह कार्यक्रम ब्राजील में चलाए गए ऐसे ही एक कार्यक्रम से प्रभावित है. कार्यक्रम का एक और उद्देश्य साक्षरता बढ़ाना भी है.
तस्वीर: Claudia Morales/REUTERS
ब्राजील से सीख
दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में मुकदमे की लंबी अवधि के कारण कई कैदियों को दशकों तक जेल में ही अपना जीवन बिताना पड़ता है. देश की एक जेल ने उनके कारावास को 'सार्थक' बनाने के लिए किताबें पढ़ने की व्यवस्था की.
तस्वीर: Felipe Dana/AP Photo/picture-alliance
"सलाखों के पीछे किताबें"
बोलीविया सरकार का कार्यक्रम "बुक्स बिहाइंड बार्स" कैदियों को उनकी रिहाई की तारीख से कुछ दिन या सप्ताह पहले जेल से बाहर निकलने का मौका देता है. बोलीविया में आजीवन कारावास या मृत्युदंड नहीं है, लेकिन धीमी न्यायिक प्रणाली के कारण सुनवाई कई सालों तक चलती है.
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कार्यक्रम से आकर्षित हुए कैदी
बोलीविया के लोकपाल कार्यालय का कहना है कि यह कार्यक्रम 47 जेलों में शुरू किया गया है. ये जेल वैसे हैं जिनके पास कैदियों के लिए शिक्षा या सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के लिए भुगतान करने के लिए संसाधन नहीं हैं. अब तक 865 कैदी पढ़ने और लिखने की अपनी आदत में सुधार ला चुके हैं.
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पढ़ने का इनाम
उन कैदियों में से एक जैकलीन ने इस कार्यक्रम के तहत एक साल के भीतर आठ किताबें पढ़ ली. उन्होंने पढ़ाई की चार परीक्षा भी पास कर ली. जैकलीन कहती हैं, "हमारे जैसे लोगों के लिए यह वास्तव में बहुत मुश्किल है जिनके पास कोई आय नहीं है और जिनका बाहर परिवार नहीं है."
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नई जिंदगी
लोकपाल कार्यालय की नादिया क्रूज कहती हैं इस कार्यक्रम का मकसद सुनवाई का इंतजार कर रहे कैदियों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है. क्रूज कहती हैं, "यह महत्वपूर्ण है क्योंकि सजा में जो कटौती की जाती वह अपेक्षाकृत कम होती है (कुछ घंटे या दिन). यह इस बात पर निर्भर करता है कि बोर्ड क्या फैसला करता है."
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भीड़ है जेलों की समस्या
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि देश की जेलों में संख्या से अधिक कैदी बंद हैं और कई बार कैदी स्वच्छता की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी करते हैं. इन सब मुश्किलों के बीच पढ़ना लिखना कैदियों के लिए जेल से बाहर निकलने का आसान रास्ता हो सकता है.