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इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

१८ मार्च २०२२

पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास मत से पहले ही उन्हीं की पार्टी के कई सांसदों ने उनका साथ छोड़ दिया है. खान के लिए अब सत्ता में बने रहना बहुत मुश्किल हो गया है.

 Imran Khan
तस्वीर: Saiyna Bashir/REUTERS

विपक्ष ने खान पर देश, अर्थव्यवस्था और विदेश नीति के प्रबंधन में असफल होने का आरोप लगाया है. एक ही दिन पहले खान के एक साथी दल के सदस्य ने भी कहा था कि सत्तारूढ़ गठबंधन में खान के साथी दलों का उनसे अलग हो जाने का खतरा बढ़ता जा रहा है.

उन्होंने कहा था कि उनके साझेदार विपक्ष की तरफ झुक रहे हैं. पाकिस्तान में आज तक किसी भी प्रधानमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया. खान के प्रधानमंत्री बनने के चार साल इस साल अगस्त में पूरे हो जाएंगे. देश में एक बार फिर राजनीतिक उथल पुथल का खतरा बढ़ता जा रहा है. संसद में खान के खिलाफ पिछले सप्ताह अविश्वास मत लाया गया था.

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इमरान खान की मुश्किलें

विपक्ष इस महीने के अंदर ही इमरान को सत्ता से बेदखल करना चाह रहा है. और अब उनकी पार्टी पीटीआई के सांसद भी उनका साथ छोड़ रहे हैं. उन्हीं की पार्टी के एक सांसद राजा रियाज ने जियो न्यूज टीवी चैनल को बताया, "हमें प्रधानमंत्री के साथ मतभेद हैं.

खान सरकार के खिलाफ पीपीपी की रैलीतस्वीर: Aamir Qureshi/AFP/Getty Images

हम अपनी अंतरात्मा की आवाज पर मत डालेंगे." उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके 20 से भी ज्यादा सांसद ऐसा करने वाले हैं. तीन और सांसदों ने रियाज के दावों की पुष्टि की. उनकी पार्टी के कई सांसद टीवी पर इस्लामाबाद में विपक्षी दल पीपीपी के दफ्तर में नजर आए.

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सरकार में सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक समाचार वार्ता में कहा, "हम साफ कहना चाहते हैं कि हम अपनी सरकार को बचाने के लिए किसी भी तरह का ब्लैकमेल नहीं करना चाहते हैं. हम दलबदलुओं की इस संस्कृति को ठुकराते हैं."

सेना का समर्थन

खान की पीटीआई के पास संसद के निचले सदन में 155 सीटें हैं जब कि सत्ता में बने रहने के लिए उन्हें 172 सीटें चाहिए. इन बागियों और मुंह मोड़ रहे गठबंधन के साथी दलों के बिना उनके लिए सत्ता में बने रहना मुश्किल होगा.

इमरान खान की विदेश नीति की भी आलोचना हो रही हैतस्वीर: Mikhail Klimentyev/Sputnik/Getty Images/AFP

संयुक्त विपक्ष में दो पूर्व प्रधानमंत्रियों नवाज शरीफ और बेनजीर भुट्टो की पीएमएल-एन और पीपीपी शामिल हैं, जिनके पास करीब 163 सांसद हैं. विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि खान पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना का समर्थन खो चुके हैं.

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उनके मुताबिक जिस तरह से खान की नई पार्टी ने चार साल पहले सत्ता हासिल की थी उस तरह सत्ता में आने और बने रहने के लिए सेना का समर्थन बेहद जरूरी है. हालांकि खान और सेना दोनों ने ही इन आरोपों से इनकार किया है.

सीके/एए (रॉयटर्स)

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