पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास मत से पहले ही उन्हीं की पार्टी के कई सांसदों ने उनका साथ छोड़ दिया है. खान के लिए अब सत्ता में बने रहना बहुत मुश्किल हो गया है.
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विपक्ष ने खान पर देश, अर्थव्यवस्था और विदेश नीति के प्रबंधन में असफल होने का आरोप लगाया है. एक ही दिन पहले खान के एक साथी दल के सदस्य ने भी कहा था कि सत्तारूढ़ गठबंधन में खान के साथी दलों का उनसे अलग हो जाने का खतरा बढ़ता जा रहा है.
उन्होंने कहा था कि उनके साझेदार विपक्ष की तरफ झुक रहे हैं. पाकिस्तान में आज तक किसी भी प्रधानमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया. खान के प्रधानमंत्री बनने के चार साल इस साल अगस्त में पूरे हो जाएंगे. देश में एक बार फिर राजनीतिक उथल पुथल का खतरा बढ़ता जा रहा है. संसद में खान के खिलाफ पिछले सप्ताह अविश्वास मत लाया गया था.
विपक्ष इस महीने के अंदर ही इमरान को सत्ता से बेदखल करना चाह रहा है. और अब उनकी पार्टी पीटीआई के सांसद भी उनका साथ छोड़ रहे हैं. उन्हीं की पार्टी के एक सांसद राजा रियाज ने जियो न्यूज टीवी चैनल को बताया, "हमें प्रधानमंत्री के साथ मतभेद हैं.
हम अपनी अंतरात्मा की आवाज पर मत डालेंगे." उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके 20 से भी ज्यादा सांसद ऐसा करने वाले हैं. तीन और सांसदों ने रियाज के दावों की पुष्टि की. उनकी पार्टी के कई सांसद टीवी पर इस्लामाबाद में विपक्षी दल पीपीपी के दफ्तर में नजर आए.
सरकार में सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक समाचार वार्ता में कहा, "हम साफ कहना चाहते हैं कि हम अपनी सरकार को बचाने के लिए किसी भी तरह का ब्लैकमेल नहीं करना चाहते हैं. हम दलबदलुओं की इस संस्कृति को ठुकराते हैं."
सेना का समर्थन
खान की पीटीआई के पास संसद के निचले सदन में 155 सीटें हैं जब कि सत्ता में बने रहने के लिए उन्हें 172 सीटें चाहिए. इन बागियों और मुंह मोड़ रहे गठबंधन के साथी दलों के बिना उनके लिए सत्ता में बने रहना मुश्किल होगा.
संयुक्त विपक्ष में दो पूर्व प्रधानमंत्रियों नवाज शरीफ और बेनजीर भुट्टो की पीएमएल-एन और पीपीपी शामिल हैं, जिनके पास करीब 163 सांसद हैं. विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि खान पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना का समर्थन खो चुके हैं.
उनके मुताबिक जिस तरह से खान की नई पार्टी ने चार साल पहले सत्ता हासिल की थी उस तरह सत्ता में आने और बने रहने के लिए सेना का समर्थन बेहद जरूरी है. हालांकि खान और सेना दोनों ने ही इन आरोपों से इनकार किया है.
सीके/एए (रॉयटर्स)
इमरान खान को कितना जानते हैं आप?
पाकिस्तान में बदहाल अर्थव्यवस्था और कुशासन का आरोप झेल रहे प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ रहीं हैं. क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान का अब तक का सफर बेहद दिलचस्प है, चलिए जानते हैं.
तस्वीर: Saiyna Bashir/REUTERS
पूरा नाम?
क्या आप इमरान खान का पूरा नाम जानते हैं? उनका पूरा नाम है अहमद खान नियाजी इमरान, लेकिन बतौर क्रिकेटर और राजनेता वह दुनिया के लिए हमेशा इमरान खान रहे हैं.
तस्वीर: Reuters/C. Firouz
करियर की शुरुआत
इमरान खान के क्रिकेट करियर की शुरुआत 16 साल की उम्र में हुई, जब उन्होंने 1968 में लाहौर की तरफ से सरगोधा के खिलाफ पहला फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेला.
तस्वीर: picture-alliance/Dinodia Photo Library
पढ़ाई से पहले क्रिकेट
1970 में वह पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन गए. यानी उनकी पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई थी और उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज हो चुका था.
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इंग्लिश क्रिकेट में धाक
बाद में वह पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए. वहां भी उनके खेल के चर्चे होने लगे. वह 1974 में ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी इलेवन के कप्तान बने. उन्होंने काउंटी क्रिकेट भी खेला.
तस्वीर: picture-alliance/Dinodia Photo Library
पाकिस्तान की कप्तानी
इमरान खान 1982 में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान बने. बतौर कप्तान उन्होंने 48 टेस्ट मैच खेले जिनमें से पाकिस्तान ने 14 जीते, आठ हारे और बाकी ड्रॉ रहे.
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वनडे करियर
इमरान ने 139 एकदिवसीय मैचों में पाकिस्तानी टीम का नेतृत्व किया. इनमें से 77 जीते, 57 हारे और एक मैच का कोई नतीजा नहीं निकला.
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वर्ल्ड चैंपियन
पाकिस्तान ने अब तक सिर्फ एक बार क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीता है और 1992 में यह कारनामा इमरान खान की कप्तानी में हुआ था.
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सबसे सफल कप्तान
इमरान पाकिस्तान के लिए सबसे सफल कप्तान साबित हुए, जिनकी तुलना अकसर भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव से हुई है. दोनों ऑलराउंडरों के रिकॉर्ड भी प्रभावशाली रहे हैं.
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सियासत में कदम
इमरान खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी बना कर सियासत में कदम रखा. 2013 के आम चुनाव में उनकी पार्टी दूसरे स्थान पर रही और 2018 में पहले पर.
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निजी जीवन
इमरान खान अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं. 65 साल की उम्र में उन्होंने तीसरी शादी की. इससे पहले सेलेब्रिटी जमैमा और टीवी एंकर रेहाम खान उनकी पत्नी रह चुकी हैं.
तस्वीर: PIT
गंभीर आरोप
रेहाम खान ने अपनी किताब में इमरान पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि किसी महिला को इमरान की पार्टी में तभी बड़ा पद मिलता है जब वह इमरान के साथ हमबिस्तर हो.
तस्वीर: Facebook/Imran Khan Official
पाकिस्तान के ट्रंप
कई लोग इमरान खान पर पॉपुलिस्ट होने का आरोप लगाते हैं. चरमपंथियों के प्रति उनकी नरम सोच पर कई लोग सवाल उठाते हैं. कई कट्टरपंथियों से उनके करीबी रिश्ते रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B.K. Bangash
अमेरिका के आलोचक
प्रधानमंत्री बनने से पहले इमरान खान आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी जंग और उसमें पाकिस्तान की भागीदारी पर सवाल उठाते रहे हैं. वे इसे पाकिस्तान की कई मुसीबतों की जड़ मानते थे. लेकिन पीएम बनने के बाद उन्हें पता चला कि अमेरिका से रिश्ते कितने जरूरी हैं.
तस्वीर: YouTube/PTI Scotland
भ्रष्टाचार के खिलाफ
इमरान खान हमेशा से पाकिस्तान में भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाते रहे थे. पूर्व पीएम नवाज शरीफ खास तौर से उनके निशाने पर रहे. लेकिन आज वो खुद बदहाल अर्थव्यवस्था और कुशासन का आरोप झेल रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Mughal
लोकप्रियता
इमरान खान युवाओं में बेहद लोकप्रिय रहे हैं. नया पाकिस्तान बनाने का उनका नारा युवाओं की जुबान पर रहा. 2012 में वह एशिया पर्सन ऑफ द ईयर चुने गए. लेकिन अब उनकी छवि बदल रही है. उन पर अपने चुनावी वादों को पूरा ना करने के आरोप लग रहे हैं.