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पैनोरमाऑस्ट्रेलिया

शार्क के हमले में मारा गया तैराक

१६ फ़रवरी २०२२

सिडनी में एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जिसे शार्क के हमले के बाद गंभीर चोटें आई थीं. दशकों बाद सिडनी के तट के पास शार्क के हमले में किसी की मौत हुई है.

Australien |  Sydney Manly Beach Haiwarnung
तस्वीर: David Gray/REUTERS

ऑस्ट्रेलिया की पुलिस का कहना है कि यह हमला बुधवार को सिडनी के पास समंदर में हुआ और उन्होंने मारे गए व्यक्ति के अवशेष पानी से निकाल लिए हैं. शहर के तटों के पास यह बीते 60 बरसों में किसी की जान लेने वाली ऐसी चौथी घटना है,

क्या हुआ था

चश्मदीदों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उन्होंने लिटल बे बीच के पास तैराक पर शार्क का हमला होते हुए देखा. पास ही मछली पकड़ रहे एक व्यक्ति ने ऑस्ट्रेलियाई प्रसारक एबीसी को बताया कि उसने तैराक को देखा था, जिसे शार्क खींचकर पानी के अंदर ले गई. उसके मुताबिक, "जब वह पानी के अंदर जा रहा था, तो पानी में बहुत उथल पुथल हो रही थी. बहुत ही भयानक था. मैं अब भी कांप रहा हूं." उसने बताया कि चंद सेकंडों के भीतर यह सब हुआ.

शार्कों से दोस्ती

04:24

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चश्मदीदों का कहना है कि तैराक पर लगभग साढ़े चार मीटर की शार्क ने हमला किया. न्यू साउथ वेल्स राज्य के एंबुलेंस इंस्पेक्टर लकी प्राछना ने बताया, "हमले की वजह से इस व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं और जब हम घटनास्थल पर पहुंचे तो उसकी मदद के लिए वहां कोई चिकित्साकर्मी था."

स्थानीय प्रशासन ने 24 घंटे के लिए आसपास के बीचों को बंद कर दिया है और वे खतरे का मूल्यांकन करने के लिए गश्त कर रहे हैं. रैंडविक इलाके के मेयर डिलन पार्कर ने कहा, "इस तरह शार्क के हमले में किसी को खोना भयानक है. हम सब स्तब्ध हैं." पुलिस का कहना है कि वे राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे और इस मामले की जांच करेंगे.

शार्क के हमले 

आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में शार्क के हमलों में तीन लोग मारे गए. इनमें से दो मामले साउथ वेल्स राज्य के हैं. यह इस साल का पहला ऐसा मामला है. रिकॉर्ड्स रखने वाले बताते हैं कि सिडनी में शार्क के हमले में पिछली बार 1963 में किसी व्यक्ति की जान गई थी.

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न्यू साउथ वेल्स की सरकार ने शार्कों को तटों से दूर रखने के लिए टेक्नोलॉजी पर करोड़ों डॉलर खर्च किए हैं. बीचों पर 51 जाल लगाने के साथ-साथ शार्कों की आवाज सुनने वाले स्टेशन बनाए गए हैं. उन पर नजर रखने के लिए ड्रोनों का सहारा भी लिया जा रहा है. सैटेलाइट के जरिए भी व्हाइट शार्कों को ट्रैक किया जाता है और उनके दिखते ही अलर्ट भी भेजे जाते हैं.

इंटरनेशनल शार्क अटैक फाइल नाम की संस्था का कहना है कि 2021 में दुनिया भर में शार्कों के हमलों में कुल 11 लोग मारे गए. दुनिया भर में हर साल सबसे ज्यादा शार्कों के हमलों के मामले अमेरिका में सामने आते हैं जबकि ऐसे मामलों में सबसे ज्यादा लोगों के मरने की घटनाएं ऑस्ट्रेलिया में दर्ज होती हैं.

एके/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)

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